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खूंटी विधानसभा सीटः बीजेपी का चेहरा कौन, नीलकंठ को फिर मिलेगा मौका या आएगा कोई और! - Khunti Assembly Seat

Fight for ticket in Jharkhand BJP. खूंटी विधानसभा सीट के लिए बीजेपी में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है. खूंटी सीट के लिए भाजपा की ओर से दावेदारों की लंबी सूची है. जिससे वर्तमान विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हालांकि पार्टी आलाकमान की ओर से अब तक किसी का टिकट फाइनल नहीं किया गया है.

Khunti Assembly Seat
खूंटी विधानसभा सीट से बीजेपी की ओर से टिकट के दावेदार. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 28, 2024, 3:52 PM IST

खूंटीः झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा से पूर्व इंडिया ब्लॉक और एनडीए के शामिल दलों की ओर से तैयारियां शुरू कर दी हैं. दोनों खेमे में शामिल पार्टियां संगठन मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है. हालांकि अब तक दोनों की ओर से सीट शेयरिंग का फार्मूला तय नहीं हुआ है. ऐसे में कोई अपनी सीट बचाने की जुगत में है तो कोई सीट पाने की जुगाड़ में लगा है.

क्या खूंटी में नीलकंठ बचा पाएंगे अपनी सीट?

खूंटी विधानसभा सीट पर 25 वर्षों से विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा का कब्जा है,लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी के ही कई पुराने नेता इस बार खूंटी सीट पर दावा कर रहे हैं. बता दें कि खूंटी विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के अलावा कड़िया मुंडा के बड़े पुत्र जगरनाथ मुंडा, भाजपा की महिला नेत्री लक्ष्मी बाखला के अलावा कई अन्य नेताओं के नाम की चर्चा है.

बयान देते पूर्व सांसद कड़िया मुंडा और बीजेपी जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता. (वीडियो-ईटीवी भारत)

राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि जगरनाथ मुंडा टिकट के लिए प्रदेश और दिल्ली के कई बड़े नेताओं के संपर्क में हैं. वहीं लक्ष्मी बाखला भी दिल्ली से लेकर असम और मध्यप्रदेश तक के नेताओं के संपर्क में हैं.

वहीं इनके अलावा एक नेता और हैं जो नीलकंठ के साथ रहते हुए भी टिकट के लिए पैरवी कर रहे हैं. साथ ही एक झामुमो का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए और टिकट पाने के लिए क्षेत्र भ्रमण में लगे हुए हैं.

25 वर्षों से विधायक हैं नीलकंठ

नीलकंठ सिंह मुंडा लगातार 25 वर्षों से खूंटी से विधायक हैं और उनके बड़े भाई कालीचरण मुंडा कांग्रेस पार्टी से सांसद हैं.इनके पिता टी मुचिराय मुंडा कांग्रेस पार्टी से पूर्व मंत्री रह चुके हैं. टी मुचिराय छोटानागपुर के गांधी कहे जाते थे. अभी भी क्षेत्र में उनका इतना सम्मान है कि इसका राजनीतिक लाभ उनके दोनों पुत्रों को मिल रहा है.

जगरनाथ मुंडा भी मजबूत दावेदार

दूसरा दावेदार भाजपा के दिग्गज नेता सह पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के बड़े पुत्र जगरनाथ मुंडा हैं. जगरनाथ की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने एलएलबी के अलावा पीजी की डिग्री हासिल की है. राजनीति करियर की बात करें तो पिता के कारण उनकी पहचान बढ़ी और विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के साथ वो लगातार संगठन के कार्यों से जुड़े रहे हैं. जगरनाथ को संगठन ने 2 बार अनुसूचित जनजातीय मोर्चा का प्रदेश मंत्री के पद का दायित्व भी दिया था. साथ ही जगरनाथ खूंटी जिला के युवा मोर्चा के कार्यकारणी सदस्य हैं. जगरनाथ लगातार सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहे हैं. अभी वे प्रदेश कार्य समिति सदस्य के तौर पर भाजपा से जुड़े हैं और संगठन के लिए काम कर रहे हैं.

भाजपा नेत्री लक्ष्मी बाखला भी रेस में

वहीं तीसरी दावेदार में भाजपा नेत्री लक्ष्मी बाखला शामिल हैं. इनकी पहचान जिले में तेज तर्रार महिला नेत्री के रूप में है. लक्ष्मी ने 2012 से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 2013 में झाविमो से जुड़ीं. 2014 से ही वो चुनाव लड़ने की तैयारी में रही और झाविमो ने टिकट भी दिया, लेकिन टिकट देने के दूसरे दिन टिकट वापस ले लिया था. उनकी जगह पर महिला नेत्री दयामनी बारला को टिकट दिया गया था.

लक्ष्मी बाखला लगातार सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी रही हैं. जिले में चर्चित कोचांग गैंगरेप मामले को सामने लाने में लक्ष्मी ने अहम भूमिका निभाई थी. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी लक्ष्मी बाखला ने टिकट का दावा किया था. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी उन्होंने टिकट के लिए दावा किया है.

बिनोद और राजन के नाम की भी है चर्चा

इसी क्रम में चौथे दावेदार में विधायक नीलकंठ मुंडा के साथ रहने वाला नेता बिनोद नाग (जिला महामंत्री) शामिल हैं. बिनोद नाग 14 सालों से लगातार जिला संगठन में महामंत्री के पद पर हैं. वर्तमान में जिला उपाध्यक्ष के पद का दायित्व निभा रहे हैं. ज्यादातर विधायक के साथ रहते हैं. वहीं पांचवें दावेदार में राजन मुंडा कर्रा निवासी हैं.राजन मुखिया भी रह चुके हैं. पूर्व में झामुमो में थे और लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल हुए हैं.

खूंटी में बीजेपी बदल सकती है कैंडिडेट!

खूंटी विधानसभा सीट का उम्मीदवार कौन होगा यह तो भाजपा आलाकमान के द्वारा जारी लिस्ट से ही खुलासा हो सकेगा,लेकिन खूंटी सीट पर चेहरे बदल सकते हैं इसकी संभावना पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने जताई है. ऐसी भी चर्चा है कि भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा पार्टी में रहते हुए पार्टी विरोधी कार्यों में शामिल रहे हैं. यही नहीं लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा की हार के लिए भी उनपर लगातार सवाल उठ रहे हैं. हालांकि कड़िया मुंडा ने स्पष्ट किया है कि वो अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए कोई पैरवी नहीं कर रहे हैं.

कोई भी कर सकता है टिकट के लिए दावा

वहीं मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा कि कोई भी टिकट के लिए दावा कर सकता है, लेकिन टिकट किसको मिलेगा यह तो पार्टी आलाकमान ही तय करेगा. पार्टी जिसे टिकट देगी पूरा संगठन उसे जीत दिलाने के लिए कार्य करेगा.

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क्या खूंटी में नीलकंठ बचा पाएंगे अपनी सीट?

खूंटी विधानसभा सीट पर 25 वर्षों से विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा का कब्जा है,लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी के ही कई पुराने नेता इस बार खूंटी सीट पर दावा कर रहे हैं. बता दें कि खूंटी विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के अलावा कड़िया मुंडा के बड़े पुत्र जगरनाथ मुंडा, भाजपा की महिला नेत्री लक्ष्मी बाखला के अलावा कई अन्य नेताओं के नाम की चर्चा है.

बयान देते पूर्व सांसद कड़िया मुंडा और बीजेपी जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता. (वीडियो-ईटीवी भारत)

राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि जगरनाथ मुंडा टिकट के लिए प्रदेश और दिल्ली के कई बड़े नेताओं के संपर्क में हैं. वहीं लक्ष्मी बाखला भी दिल्ली से लेकर असम और मध्यप्रदेश तक के नेताओं के संपर्क में हैं.

वहीं इनके अलावा एक नेता और हैं जो नीलकंठ के साथ रहते हुए भी टिकट के लिए पैरवी कर रहे हैं. साथ ही एक झामुमो का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए और टिकट पाने के लिए क्षेत्र भ्रमण में लगे हुए हैं.

25 वर्षों से विधायक हैं नीलकंठ

नीलकंठ सिंह मुंडा लगातार 25 वर्षों से खूंटी से विधायक हैं और उनके बड़े भाई कालीचरण मुंडा कांग्रेस पार्टी से सांसद हैं.इनके पिता टी मुचिराय मुंडा कांग्रेस पार्टी से पूर्व मंत्री रह चुके हैं. टी मुचिराय छोटानागपुर के गांधी कहे जाते थे. अभी भी क्षेत्र में उनका इतना सम्मान है कि इसका राजनीतिक लाभ उनके दोनों पुत्रों को मिल रहा है.

जगरनाथ मुंडा भी मजबूत दावेदार

दूसरा दावेदार भाजपा के दिग्गज नेता सह पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के बड़े पुत्र जगरनाथ मुंडा हैं. जगरनाथ की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने एलएलबी के अलावा पीजी की डिग्री हासिल की है. राजनीति करियर की बात करें तो पिता के कारण उनकी पहचान बढ़ी और विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के साथ वो लगातार संगठन के कार्यों से जुड़े रहे हैं. जगरनाथ को संगठन ने 2 बार अनुसूचित जनजातीय मोर्चा का प्रदेश मंत्री के पद का दायित्व भी दिया था. साथ ही जगरनाथ खूंटी जिला के युवा मोर्चा के कार्यकारणी सदस्य हैं. जगरनाथ लगातार सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहे हैं. अभी वे प्रदेश कार्य समिति सदस्य के तौर पर भाजपा से जुड़े हैं और संगठन के लिए काम कर रहे हैं.

भाजपा नेत्री लक्ष्मी बाखला भी रेस में

वहीं तीसरी दावेदार में भाजपा नेत्री लक्ष्मी बाखला शामिल हैं. इनकी पहचान जिले में तेज तर्रार महिला नेत्री के रूप में है. लक्ष्मी ने 2012 से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 2013 में झाविमो से जुड़ीं. 2014 से ही वो चुनाव लड़ने की तैयारी में रही और झाविमो ने टिकट भी दिया, लेकिन टिकट देने के दूसरे दिन टिकट वापस ले लिया था. उनकी जगह पर महिला नेत्री दयामनी बारला को टिकट दिया गया था.

लक्ष्मी बाखला लगातार सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी रही हैं. जिले में चर्चित कोचांग गैंगरेप मामले को सामने लाने में लक्ष्मी ने अहम भूमिका निभाई थी. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी लक्ष्मी बाखला ने टिकट का दावा किया था. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी उन्होंने टिकट के लिए दावा किया है.

बिनोद और राजन के नाम की भी है चर्चा

इसी क्रम में चौथे दावेदार में विधायक नीलकंठ मुंडा के साथ रहने वाला नेता बिनोद नाग (जिला महामंत्री) शामिल हैं. बिनोद नाग 14 सालों से लगातार जिला संगठन में महामंत्री के पद पर हैं. वर्तमान में जिला उपाध्यक्ष के पद का दायित्व निभा रहे हैं. ज्यादातर विधायक के साथ रहते हैं. वहीं पांचवें दावेदार में राजन मुंडा कर्रा निवासी हैं.राजन मुखिया भी रह चुके हैं. पूर्व में झामुमो में थे और लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल हुए हैं.

खूंटी में बीजेपी बदल सकती है कैंडिडेट!

खूंटी विधानसभा सीट का उम्मीदवार कौन होगा यह तो भाजपा आलाकमान के द्वारा जारी लिस्ट से ही खुलासा हो सकेगा,लेकिन खूंटी सीट पर चेहरे बदल सकते हैं इसकी संभावना पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने जताई है. ऐसी भी चर्चा है कि भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा पार्टी में रहते हुए पार्टी विरोधी कार्यों में शामिल रहे हैं. यही नहीं लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा की हार के लिए भी उनपर लगातार सवाल उठ रहे हैं. हालांकि कड़िया मुंडा ने स्पष्ट किया है कि वो अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए कोई पैरवी नहीं कर रहे हैं.

कोई भी कर सकता है टिकट के लिए दावा

वहीं मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा कि कोई भी टिकट के लिए दावा कर सकता है, लेकिन टिकट किसको मिलेगा यह तो पार्टी आलाकमान ही तय करेगा. पार्टी जिसे टिकट देगी पूरा संगठन उसे जीत दिलाने के लिए कार्य करेगा.

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