शिमला: काशी से पीएम नरेंद्र मोदी और छोटी काशी मंडी से सांसद कंगना रनौत, क्या बालीवुड क्वीन मंडी की जनता की उम्मीदें पूरी करेंगी? देश की सबसे चर्चित सीटों में से एक मंडी से चुनाव जीतने के बाद अब हिमाचल की जनता की नजर क्वीन कंगना की संसदीय राजनीति की पारी पर टिक गई हैं. अब हिमाचल की सियासत में ये सवाल तैर रहा है कि कंगना मंडी में आकर अपने वोटर्स और जनता के बीच कितना समय बिताती हैं.
साथ ही ये सवाल भी है कि मंडी के विकास कार्यों को गति देने में कंगना कितना कामयाब रहती है. मंडी संसदीय सीट पर वैसे तो विकास कार्यों की उम्मीदें पहाड़ जैसी हैं, लेकिन कंगना की चुनावी नैया पार लगाने में अहम भूमिका निभाने वाले जयराम ठाकुर का एक ड्रीम प्रोजेक्ट अब चर्चा में आ गया है. क्या कंगना पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के एक हजार करोड़ रुपए वाले ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतार पाएंगी? जयराम ठाकुर मंडी में ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट का सपना बुनते आए हैं. इसके लिए जयराम ठाकुर सत्ता में रहते हुए वित्त आयोग से एक हजार करोड़ रुपए की सिफारिश करवाने में भी कामयाब हुए, परंतु ये प्रोजेक्ट अभी सिरे नहीं चढ़ पाया है.
हालांकि राज्य की कांग्रेस सरकार के मुखिया सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया है और सोशल इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी की रिपोर्ट के बाद जनसुनवाई की प्रक्रिया होनी है. वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने भी चुनाव हारने के बावजूद कंगना को भरोसा दिलाया है कि वो केंद्र से प्रोजेक्ट लाएं तो वे उनका भरपूर सहयोग करेंगे. अब देखना है कि कंगना मंडी के लिए पूर्व के प्रोजेक्ट पर क्या काम करती हैं और खुद अपनी तरफ से मंडी के विकास का क्या मॉडल पेश करती हैं.
मोदी के नाम व काम पर जीता है चुनाव
कंगना रनौत ने पीएम नरेंद्र मोदी के नाम व काम पर चुनाव जीता है.प्रचार के दौरान उनका फोकस केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के काम व पीएम के नाम पर ही रहा.विक्रमादित्य सिंह ने हालांकि अपनी प्राथमिकताएं गिनाई थीं, लेकिन कंगना ने कोई खास रोडमैप जनता के बीच नहीं रखा. कंगना ने लोकल बोली में भी जमकर प्रचार किया और वादा किया कि वे मंडी की जनता के बीच ही रहेंगी.कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान ये कहा था कि जिस तरह सन्नी देओल ने गुरदासपुर का चुनाव जीतने के बाद जनता की सुध नहीं ली और अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया, वैसे ही कंगना भी करेंगी.कांग्रेस ने दावा किया था कि कंगना चुनाव जीतने के बाद मंडी में अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर खुद मुंबई चली जाएंगी. वहीं, कंगना ने कहा था कि मंडी में उसका घर है और मनाली में भी आशियाना है.वे यहीं रहकर जनता की सेवा करेंगी।
महिलाओं से कंगना को आशाएं
चुनाव प्रचार के दौरान कंगना महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुई.वे महिलाओं से घुल-मिलकर बातें करती नजर आई.कंगना ने स्थानी पहनावे भी पहने और महिलाओं से ढाटू, रेजटा आदि बांधना सीखा. अब महिलाओं को कंगना से उम्मीदें हैं कि वो नारी शक्ति के लिए कुछ अलग हटकर काम करेंगी. हिमाचल में मंडी संसदीय क्षेत्र में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह काफी संख्या में हैं.महिलाओं के बनाए उत्पादों की बिक्री के लिए कंगना ब्रांड एंबेसडर का काम कर सकती हैं. साथ ही महिलाओं के बनाए उत्पादों को नए बाजार तलाश कर उनकी मार्केटिंग में मदद हो सकती है.
अनछुए पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग
कंगना को पूर्व में हिमाचल की पर्यटन एंबेसडर बनने के लिए न्योता दिया गया था. उस समय कंगना ने इसे कोई खास रिस्पॉन्स नहीं दिया था.अब कंगना मंडी से सांसद हैं.ऐसे में वे हिमाचल के अनछुए पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग कर सकती हैं.हिमाचल में फिल्म सिटी के निर्माण के लिए पहल हो सकती है. साथ ही मंडी व कुल्लू की वादियों के रूप में बॉलीवुड को नई व अनछुई घाटियों की लोकेशन यूज करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं. इसके अलावा बरसात के सीजन में होने वाले नुकसान के लिए केंद्र से समय पर आर्थिक सहायता की भी कंगना से आस रहेगी.
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट व शिव धाम पर नजरें
कंगना से उम्मीद है कि वो संसद में रहकर मंडी के ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट व शिवधाम प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की पैरवी करें.ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कई प्रयास किए हैं. बल्ह घाटी में बनने वाले इस प्रोजेक्ट को लेकर हालांकि स्थानीय जनता में विरोध है, लेकिन विकास के नजरिए से देखें तो इसके पूरा होने पर मंडी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर नई जगह बना लेगा. पंद्रहवें वित्तायोग ने इसके लिए एक हजार करोड़ रुपए की ग्रांट की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने उस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया था.हालांकि प्रोजेक्ट को लेकर बाकी की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन उसकी गति काफी धीमी है. सोशल इंपैक्ट कमेटी के डोर-टू-डोर सर्वे में सत्तर फीसदी जनता एयरपोर्ट के हक में है.
अब भूमि अधिग्रहण व अन्य काम बाकी हैं.इसके अलावा जयराम सरकार के समय में मंडी में शिवधाम प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी. शिव धाम में 150 करोड़ की लागत से पारंपरिक काष्ठकुणी शैली में कई निर्माण होने हैं. यहां 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति तैयार होनी है. सुखविंदर सरकार ने भी वादा किया है कि इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगी. वहीं, कंगना से भी आशा है कि वो शिव धाम के लिए केंद्र से कोई मदद दिलवाएंगी. कंगना कह चुकी हैं कि वो मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए काम करेंगी. विक्रमादित्य सिंह ने भी भरोसा दिलाया है कि वो कंगना का सहयोग करेंगे.
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