लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों को लेकर अब कई क्षेत्र में उठा पटक देखने को मिल रही है, क्योंकि कांग्रेस के द्वारा निलंबित किए गए विधायकों को भाजपा ने अपने साथ मिला लिया है और सभी पूर्व विधायकों को विधानसभा चुनावों का भाजपा ने टिकट दिया है. ऐसे में भाजपा के अपने नेता पार्टी से नाराज चल रहे हैं. जिला लाहौल स्पीति की बात करें तो यहां पर पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने भाजपा का दामन छोड़ दिया है और वह अब चुनावी प्रचार के लिए मैदान में उतर गए हैं. डॉक्टर रामलाल मारकंडा फिलहाल किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि वह आगामी दो दिनों के भीतर कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे. ऐसे में इसका नुकसान जहां भाजपा को होगा तो वहीं, कांग्रेस पार्टी में भी काफी खलबली मची हुई है.
डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने लाहौल स्पीति में भाजपा को मजबूत करने की दिशा में काफी काम किया है, लेकिन अचानक से कांग्रेस से निलंबित विधायक रवि ठाकुर को विधानसभा का टिकट देने के बाद वह बागी हो गए हैं और अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर वह आगामी रणनीति भी तैयार कर रहे हैं. पूर्व मंत्री डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने अपना पहला चुनाव साल 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी के माध्यम से लड़ा था और जीत हासिल की थी. उसके बाद साल 2003 में भी उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे समय पर हार गए थे.
इसके बाद साल 2007 का चुनाव डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने भाजपा से लड़ा और उन्होंने जीत हासिल की. वहीं, साल 2012 में डॉ. रामलाल मारकंडा कांग्रेस के उम्मीदवार रवि ठाकुर से हार गए थे. इसके बाद साल 2017 के चुनाव में डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने भाजपा के टिकट से जीत हासिल की और साल 2022 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के रवि ठाकुर से हार गए. अब मात्र डेढ़ साल में एक बार फिर से लाहौल स्पीति में उप चुनाव हो रहे हैं और डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने भी किसी भी सूरत में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
साल 2022 के चुनावों में लाहौल स्पीति विधानसभा सीट में मात्र 1200 वोट के अंतर से डॉक्टर रामलाल मारकंडा की हार हुई थी और कांग्रेस से रवि ठाकुर ने 9948 वोट लेकर जीत हासिल की थी. डॉ. रामलाल मारकंडा को 8332 वोट मिले थे. ऐसे में कुछ वोटो से ही मारकंडा की हार हुई थी. अब देखना यह होगा कि किस तरह से डॉक्टर रामलाल इस हार को जीत में तब्दील करते हैं और उनके चुनाव लड़ने से कांग्रेस को कितना फायदा होगा, क्योंकि हिमाचल प्रदेश की बात करें तो भाजपा से बगावत करने वाले डॉक्टर रामलाल मारकंडा एक मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं और इसका सीधा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ेगा.
हालांकि बताया जा रहा है कि भाजपा हाई कमान के द्वारा डॉक्टर रामलाल मारकंडा को मनाने की कोशिश की जा रही है और लाहौल स्पीति भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं के साथ भी बात की जा रही है. ऐसे में बीते दिन कुल्लू में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुलाकात की थी और पार्टी का साथ देने की भी बात कही थी, लेकिन अभी तक डॉक्टर रामलाल मारकंडा अपनी बात पर अडिग है. ऐसे में देख रहा यह होगा कि पार्टी हाई कमान क्या डॉक्टर रामलाल मारकंडा को मना पता है या फिर उन्हें चुनावों में डॉक्टर रामलाल मारकंडा का आक्रोश झेलना पड़ सकता है.
राजनीतिक मामलों के जानकारी डॉक्टर शशिकांत, अभिनव शर्मा का कहना है कि लाहौल स्पीति एक दुर्गम इलाका है और यहां पर कांग्रेस व भाजपा का वोट बैंक काफी अधिक है. अगर डॉक्टर रामलाल कांग्रेस का दामन थमते हैं तो इससे भाजपा को ही खास नुकसान होगा. इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ता भी फिलहाल अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं कि रामलाल मारकंडा को पार्टी में शामिल न किया जाए. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को किस तरह से मनाती है और भाजपा को डॉक्टर रामलाल मारकंडा के चुनाव लड़ने से कितना नुकसान उठाना होगा पड़ेगा.
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