हरिद्वारः वन विभाग की टीम ने मॉनिटर लिजर्ड के अंगों के साथ वन्य जीव तस्कर को गिरफ्तार किया है. मॉनिटर लिजर्ड को गोह के नाम से भी जाना जाता है. ये जीव छिपकली की तरह दिखता है. लेकिन इसकी लंबाई और वजन छिपकली से कई गुना ज्यादा होता है. वन विभाग ने तस्कर के कब्जे से 285 नग हत्था जोड़ी (मॉनिटर लिजर्ड के अंग) बरामद हुए किए हैं. विशालकाय छिपकली जैसे दिखने वाले जीव के अंगों का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और टोटके में होता है. अमूमन दीपावली से पहले इनकी डिमांड बढ़ जाती है.
वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली की गुप्त सूचना के आधार पर बुधवार को हरिद्वार वन प्रभाग की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी करने के बाद हरकी पैड़ी क्षेत्र के विष्णुघाट के समीप बस्ती से एक वन्य जीव तस्कर को गोह के अंगों के साथ गिरफ्तार किया है. हरिद्वार से इन अंगों की तस्करी दूसरे राज्यों में होनी थी. बताया जा रहा है कि वह कई अंतरराज्यीय वन्य जीव तस्करों से जुड़ा है.
सूचना पर चला तलाशी अभियान: उप प्रभागीय वनाधिकारी संदीपा शर्मा के मुताबिक, वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली की सूचना पर एक टीम द्वारा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी करते हुए संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ और तलाशी के लिए अभियान चलाया गया. उसी दौरान विष्णुघाट के समीप बस्ती से आफताब पुत्र भूरा निवासी जिला रामपुर उत्तर प्रदेश हाल निवासी विष्णु घाट की तलाशी लेने पर उसके पास से 285 नग हत्था जोड़ी बरामद हुआ.
भेजा जेल: जानकारी देते हुए हरिद्वार वन प्रभाग रेंज के रेंज अधिकारी शैलेंद्र नेगी ने बताया कि आरोपी के बारे में जानकारी जुटाने पर पता चला कि वह कई राज्यों के वन्यजीव तस्करों के साथ मिला हुआ है. मॉनिटर लिजर्ड भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित 2023 के अनुसूची-1 में दर्ज है. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए गहन जांच और सर्च अभियान चलाया जा रहा है. आरोपी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/51 में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.
वन विभाग ने की अपील: प्रभागीय वनाधिकारी, हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा सर्वसाधारण से अपील की गई है कि वन्यजीवों एवं वन्यजीवों के अंगों की तस्करी वन अपराध की श्रेणी के अंतर्गत आता है. कुछ व्यक्तियों द्वारा लोगों को गुमराह कर वन्य जीव के अंगों का पूजा-पाठ आदि में उपयोग किए जाने की सलाह दी जाती है, जो कि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित 2023 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. अगर कोई व्यक्ति उक्त अवैध गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी सूचना वन विभाग या निकट वन चौकी को देने का कष्ट करें.
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