जोधपुर : सर्द के आगाज के साथ ही आमजनों की दिनचर्या और खानपान में भी तब्दीली आ रही है. इसका असर वन्यजीवों पर भी पड़ रहा है. जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों का डाइट प्लान बदला जा रहा है. इसके साथ ही उन्हें सर्दी से बचाने के लिए भी खास इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि पशु-पक्षी बीमार न पड़े. वहीं, आगामी 15 दिसंबर तक वन्यजीवों का डाइट प्लान पूरी तरह से बदल जाएगा. हर एनक्लोजर के हिसाब से अलग-अलग डाइट प्लान बनाए गए हैं. इसको लेकर उपवन संरक्षक वन्यजीव सरिता कुमारी ने बताया कि सभी को मल्टीविटामिन दिया जा रहा है, ताकि वो स्वस्थ रहे. इसके अलावा आने वाले दिनों में शीत लहर से बचाने के लिए हीटर भी लगाएं जाएंगे.
पक्षियों के लिए पालक-लहसुन पर जोर : माचिया बायोलॉजिकल पार्क में पक्षियों को सर्दी में अलग-अलग तरह के भोजन दिए जाते हैं. बदलते मौसम में इम्युनिटी पर खास तौर ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि यह मौसम का ट्राजेक्शन पीरियड होता है. इस दौरान इनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक होती है. यही वजह है कि सर्दी में पक्षियों को अधिक से अधिक पालक और लहसुन के अलावा सब्जियां दी जा रही है, ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके. इसके अलावा पानी में मिलाकर मल्टीविटामिन भी दिए जा रहे हैं.
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इस प्रजाति के जीवों के डाइट प्लान में मीट शामिल : पार्क के कार्निवल सेक्शन में लेपर्ड और टाइगर सहित अन्य बड़े जानवर भी हैं. ऐसे में सर्दियों में इनका मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है. यही वजह है कि इन्हें अधिक डाइट की जरूरत होती है और इसी को देखते हुए इनकी डाइट बढ़ा दी जाती है. इस दौरान इन्हें उबला मीट दिया जाता है. साथ ही पानी में मिलाकर मल्टीविटामिन दिए जाते हैं.
गुनगुनी धूप में बाहर आते हैं : माचिया पार्क चट्टानी क्षेत्र में है. यहां सुबह ठंड अधिक रहती है. हल्की गुनगुनी धूप में यहां के बड़े जानवर अपने बाड़ों से बाहर आते हैं. हालांकि, तेज धूप से पत्थरों के गर्म होने पर वापस अंदर चले जाते हैं. सर्दी में अजगर को सूरज की रोशनी मिले, इसके लिए एनक्लोजर में बदलाव किए जाते हैं.
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सर्दी में सेप्टीसीमिया का खतरा : सर्दी के दौरान अधिक एक्सपोजर होने से वन्यजीवों और बर्ड्स में सेप्टीसीमिया का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में यहां के कर्मचारियों को अधिक सर्तक रहना होता है. प्रतिदिन इनकी मॉनिटरिंग की जाती है. किसी के भी सांस से जुड़ी समस्या होने पर उन्हें तुरंत आइसोलेट किया जाता है और उनका उपचार किया जाता है, ताकि वो सेप्टीसीमिया की चपेट में न आए.
ठंड से बचाने के लिए पिंजरों पर लगाई जाती है फाइबर सीट : माचिया पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बताया कि सर्दी शुरू होने के साथ ही सभी एनिमल्स को ठंड से बचाने के लिए उपाय भी शुरू हो गए हैं. पिंजरों को फाइबर सीट से कवर किया गया है, ताकि वो सर्द हवाओं की चपेट में न आए. साथ ही जरूरत के अनुसार हीटर भी लगाए जाएंगे.