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"सरकार हाथी पकड़ती है, 30 साल में कितने जंगली हाथी पकड़े?" एमपी हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट - Wild Elephants Tiger Reserve

जंगली हाथियों को टाइगर रिजर्व में बंधुआ बनाकर रखा जाता है. इन्हें फिर से जंगल में छोड़ने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को बताया कि जल्द ही 2 हाथियों को जंगल में छोड़ दिया जाएगा. कोर्ट ने सरकार से बीते 30 सालों में पकड़े हाथियों की रिपोर्ट मांगी है.

Wild Elephants Tiger Reserve
जंगली हाथियों को टाइगर रिजर्व से रिहा करने की मांग (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 2:08 PM IST

Updated : Sep 26, 2024, 2:23 PM IST

जबलपुर। हाथियों को फिर से जंगल में छोड़ने के बारे में राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2024 में दो जंगली हाथियों को पकडा गया था. इसमें से 10 वर्षीय हाथी को शीघ्र छोड़ दिया जाएगा. दूसरे हाथी की उम्र 25 साल है. उसकी ट्रेनिंग में कुछ समय लगेगा. ट्रेंड होने पर इसे भी छोड़ दिया जायेगा. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल तथा जस्टिस देव नारायण मिश्रा ने याचिका पर अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित की है.

ये है केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन

गौरतलब है कि रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने याचिका में कहा है "जंगली हाथी संरक्षित वन्य प्राणियों की प्रथम सूची में आते हैं. इन्हें पकड़े जाने के बाद टाइगर रिजर्व में भेजकर ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के दौरान इन हाथियों को यातनाओं का सामना करना पड़ता है, जबकि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जंगली हाथियों को पकड़ना अंतिम विकल्प होना चाहिए. मध्य प्रदेश में जंगली हाथियों को पकड़कर टाइगर रिजर्व में भेज दिया जाता है. अंतिम विकल्प को पहले विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है."

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बीते 7 साल में 10 हाथी जंगल में छोड़े गए

बता दें कि छत्तीसगढ़ से जंगली हाथियों के झुंड मध्य प्रदेश के जंगलों में प्रवेश करते हैं. भोजन की तलाश में किसानों की फसलें बर्बाद कर देते हैं. घरों में तोड़फोड़ करते हैं. कई घटनाओं में जंगली हाथियों ने लोगों पर हमला किया है, जिससे कुछ की मृत्यु भी हो गई है. प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट (पीसीसीएफ) वाइल्ड लाइफ के आदेश पर ही हाथियों को पकड़ा जा सकता है. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने सरकार को 30 साल में पकड़े हाथियों का ब्योरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. सरकार की तरफ से बताया गया "साल 2017 से अभी तक 10 जंगली हाथियों को पकड़ा गया है." याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की.

जबलपुर। हाथियों को फिर से जंगल में छोड़ने के बारे में राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2024 में दो जंगली हाथियों को पकडा गया था. इसमें से 10 वर्षीय हाथी को शीघ्र छोड़ दिया जाएगा. दूसरे हाथी की उम्र 25 साल है. उसकी ट्रेनिंग में कुछ समय लगेगा. ट्रेंड होने पर इसे भी छोड़ दिया जायेगा. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल तथा जस्टिस देव नारायण मिश्रा ने याचिका पर अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित की है.

ये है केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन

गौरतलब है कि रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने याचिका में कहा है "जंगली हाथी संरक्षित वन्य प्राणियों की प्रथम सूची में आते हैं. इन्हें पकड़े जाने के बाद टाइगर रिजर्व में भेजकर ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के दौरान इन हाथियों को यातनाओं का सामना करना पड़ता है, जबकि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जंगली हाथियों को पकड़ना अंतिम विकल्प होना चाहिए. मध्य प्रदेश में जंगली हाथियों को पकड़कर टाइगर रिजर्व में भेज दिया जाता है. अंतिम विकल्प को पहले विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है."

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बता दें कि छत्तीसगढ़ से जंगली हाथियों के झुंड मध्य प्रदेश के जंगलों में प्रवेश करते हैं. भोजन की तलाश में किसानों की फसलें बर्बाद कर देते हैं. घरों में तोड़फोड़ करते हैं. कई घटनाओं में जंगली हाथियों ने लोगों पर हमला किया है, जिससे कुछ की मृत्यु भी हो गई है. प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट (पीसीसीएफ) वाइल्ड लाइफ के आदेश पर ही हाथियों को पकड़ा जा सकता है. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने सरकार को 30 साल में पकड़े हाथियों का ब्योरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. सरकार की तरफ से बताया गया "साल 2017 से अभी तक 10 जंगली हाथियों को पकड़ा गया है." याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की.

Last Updated : Sep 26, 2024, 2:23 PM IST
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