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निडर हाथियों का लीडर मचा रहा उत्पात, दिन में भी उजाड़ रहा खेत-खलिहान! - Wild elephant rampage

Wild elephant terror. लातेहार में जंगली हाथियों के उत्पात से ग्रामीण परेशान हैं. पहले तो रात के अंधेरे या अहले सुबह हाथी गांव में घुस आते थे. अब ये हाथी निडर होकर दिन के उजाले में ही खेत-खलिहाल में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं.

Wild elephant rampage in many blocks of Latehar district
लातेहार में जंगली हाथी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 19, 2024, 10:23 PM IST

लातेहारः जिला के कई प्रखंडों में इन दिनों जंगली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है. हालांकि हाथियों का झुंड दिन के उजाले में तो गांव के निकट स्थित खेत खलिहान में आने से कतराते हैं. लेकिन हाथियों का लीडर इतना निडर है कि उसे किसी बात की कोई चिंता नहीं. दिन के उजालों में भी वह गांव के निकट स्थित खेतों में लगे फसलों को बर्बाद करने में भी पीछे नहीं हट रहा है. हेरहंज प्रखंड के हुम्बू गांव के आसपास जंगली हाथी अकेले ही दिन के उजाले में पिछले दो-तीन दिनों से आतंक मचाए हुए है.

लातेहार में जंगली हाथी का उत्पात (ETV Bharat)

दरअसल, हेरहंज प्रखंड के हुम्बू गांव के निकट स्थित जंगल में पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड जमा हुआ है. इस झुंड में लगभग 10 हाथियों की संख्या है. ये हाथी रात के अंधेरे में खेतों में जाकर फसलों को बर्बाद करते हैं. लेकिन इन हाथियों का लीडर इतना निडर हो गया है कि वह दिन के उजालों में भी गांव के निकट जाकर खेतों में लगे फसलों को निर्भीक होकर बर्बाद कर रहा है.

इसको लेकर ग्रामीण मोहम्मद अफसर ने बताया कि हाथियों के द्वारा पिछले दो वर्षों से उनके गांव में लगातार आतंक मचाया जा रहा है. इस बार तो एक जंगली हाथी इतना निडर हो गया है कि वह बिना डरे दिन के उजालों में भी आराम से खेतों में पहुंचकर धान और मक्के की फसल को नष्ट कर रहा है. ग्रामीणों के द्वारा जब उसे भगाने का प्रयास किया जाता है तो हाथी और आक्रामक हो रहा है. हालांकि विशेषज्ञों का भी कहना है कि जब हाथी झुंड में होते हैं तो अपेक्षाकृत कम खतरनाक होते हैं. लेकिन अकेला हाथी खुद को असुरक्षित महसूस कर ज्यादा आक्रामक हो जाता है.

Wild elephant rampage in many blocks of Latehar district
खेत को नष्ट करता जंगली हाथी (ETV Bharat)

वन विभाग के लिए बना सिर दर्द

जंगली हाथियों का आतंक अब वन विभाग के लिए भी सिर दर्द बन गया है. प्रतिदिन जंगली हाथियों का आतंक जारी है. जंगली हाथी के आने के बाद ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग के कर्मियों को सूचना दी जाती है तो वनकर्मी गांव में पहुंचकर हाथियों को भागने का प्रयास करते हैं. परंतु कुछ घंटे के बाद फिर हाथियों का आतंक जारी हो जाता है.

स्थायी समाधान का किया जा रहा प्रयास

इस संबंध में लातेहार वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रवेश अग्रवाल ने बताया कि जंगली हाथियों के आतंक से ग्रामीणों को मुक्ति दिलाने के लिए विभाग पूरी तरह प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि हाथी भागने वाली टीम को पश्चिम बंगाल से बुलाई गयी है. इस टीम के द्वारा हाथियों को भगाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.

Wild elephant rampage in many blocks of Latehar district
जंगल में उत्पात मचाता जंगली हाथी (ETV Bharat)

इसे भी पढ़ें- जगंली हाथियों का उत्पात, रात भर डर के साए में रहे लोग - Wild elephants In Latehar

इसे भी पढे़ं- गिरिडीह के सरिया में जंगली हाथियों ने मचाया उत्पात, खिड़की-दरवाजे तोड़ अनाज किया चट

इसे भी पढ़ें- खूंटी में जंगली हाथी का आतंक, हमले में गयी बुजुर्ग की जान - Wild elephant attack

लातेहारः जिला के कई प्रखंडों में इन दिनों जंगली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है. हालांकि हाथियों का झुंड दिन के उजाले में तो गांव के निकट स्थित खेत खलिहान में आने से कतराते हैं. लेकिन हाथियों का लीडर इतना निडर है कि उसे किसी बात की कोई चिंता नहीं. दिन के उजालों में भी वह गांव के निकट स्थित खेतों में लगे फसलों को बर्बाद करने में भी पीछे नहीं हट रहा है. हेरहंज प्रखंड के हुम्बू गांव के आसपास जंगली हाथी अकेले ही दिन के उजाले में पिछले दो-तीन दिनों से आतंक मचाए हुए है.

लातेहार में जंगली हाथी का उत्पात (ETV Bharat)

दरअसल, हेरहंज प्रखंड के हुम्बू गांव के निकट स्थित जंगल में पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड जमा हुआ है. इस झुंड में लगभग 10 हाथियों की संख्या है. ये हाथी रात के अंधेरे में खेतों में जाकर फसलों को बर्बाद करते हैं. लेकिन इन हाथियों का लीडर इतना निडर हो गया है कि वह दिन के उजालों में भी गांव के निकट जाकर खेतों में लगे फसलों को निर्भीक होकर बर्बाद कर रहा है.

इसको लेकर ग्रामीण मोहम्मद अफसर ने बताया कि हाथियों के द्वारा पिछले दो वर्षों से उनके गांव में लगातार आतंक मचाया जा रहा है. इस बार तो एक जंगली हाथी इतना निडर हो गया है कि वह बिना डरे दिन के उजालों में भी आराम से खेतों में पहुंचकर धान और मक्के की फसल को नष्ट कर रहा है. ग्रामीणों के द्वारा जब उसे भगाने का प्रयास किया जाता है तो हाथी और आक्रामक हो रहा है. हालांकि विशेषज्ञों का भी कहना है कि जब हाथी झुंड में होते हैं तो अपेक्षाकृत कम खतरनाक होते हैं. लेकिन अकेला हाथी खुद को असुरक्षित महसूस कर ज्यादा आक्रामक हो जाता है.

Wild elephant rampage in many blocks of Latehar district
खेत को नष्ट करता जंगली हाथी (ETV Bharat)

वन विभाग के लिए बना सिर दर्द

जंगली हाथियों का आतंक अब वन विभाग के लिए भी सिर दर्द बन गया है. प्रतिदिन जंगली हाथियों का आतंक जारी है. जंगली हाथी के आने के बाद ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग के कर्मियों को सूचना दी जाती है तो वनकर्मी गांव में पहुंचकर हाथियों को भागने का प्रयास करते हैं. परंतु कुछ घंटे के बाद फिर हाथियों का आतंक जारी हो जाता है.

स्थायी समाधान का किया जा रहा प्रयास

इस संबंध में लातेहार वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रवेश अग्रवाल ने बताया कि जंगली हाथियों के आतंक से ग्रामीणों को मुक्ति दिलाने के लिए विभाग पूरी तरह प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि हाथी भागने वाली टीम को पश्चिम बंगाल से बुलाई गयी है. इस टीम के द्वारा हाथियों को भगाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.

Wild elephant rampage in many blocks of Latehar district
जंगल में उत्पात मचाता जंगली हाथी (ETV Bharat)

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