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आग से धधक रहे जंगल, आबादी की ओर रुख कर रहे जंगली जानवर - forest fire in rudraprayag

Forest Dire in Rudraprayag रुद्रप्रयाग के जंगलों में आए दिन आग धधक रही है. जिससे पर्यावरणविद् खासे चिंतित नजर आ रहे हैं. वहीं जंगलों में आग लगने से जंगली जानवर आबादी का रुख कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 23, 2024, 5:51 PM IST

Updated : Apr 23, 2024, 7:44 PM IST

रुद्रप्रयाग: वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के जंगल लंबे समय से आग से धधक रहे हैं. जंगलों में आग लगने से वन्यजीव भागकर शहरी इलाकों में आकर अपनी जान बचा रहे हैं. जंगलों में लग रही आग से चारों ओर धुआं ही धुआं नजर आ रहा है और लाखों की वन सम्पदा जलकर राख हो गई है. हालांकि वन महकमा आग बुझाने के प्रयास में जुटा हुआ है.

लंबे समय से जिले में बारिश नहीं हुई है, जबकि जंगलों में आग लगने से गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है. जंगलों में आग लगने से वन्यजीव आबादी की ओर रुख कर रहे हैं. जंगलों में अनियंत्रित रूप से फैल रही आग से पेड़-पौधे, जानवर, घास के मैदान जलकर राख हो रहे हैं. जंगलों में चलने वाली तेज हवा के कारण यह आग अनियंत्रित होकर बड़े भू-भाग में फैल रही है, जिससे वायुमंडल और इंसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. वनाग्नि के कारण चारों तरफ धुआं छाया हुआ है. इन हालातों ने वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों को चिंता में डाल दिया है.

प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली ने कहा कि जंगलों में आग लगाई जा रही है. कुछ शरारती तत्व जंगलों में आग लगाकर लाखों की वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं. जबकि वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है. जंगली जानवर जान बचाने के लिए आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं. कहा कि इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षा में बारिश और बर्फबारी कम हुई है.मौसम की बेरुखी के परिणाम गर्मी के मौसम के शुरुआत में ही नजर आने लगे हैं. जंगलों में लगी आग जहां एक तरफ वायुमंडल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है, वहीं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए इसका धुआं बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. वरिष्ठ सर्जन डाॅ. आनंद सिंह बोहरा ने बताया कि जंगलों की आग से निकलने वाले धुएं से सांस की बीमारी, कैंसर समेत कई घातक बीमारियां हो सकती हैं. बुजुर्गों के लिए जंगलों का धुआं बेहद खतरनाक है, लिहाजा इससे बचाव किया जाना चाहिए.

अगस्त्यमुनि में धधक रहे जंगल: विकासखंड अगस्त्यमुनि के धारकोट के जंगलों से लगी आग ने ऐसा विकराल रूप धारण किया है. निर्वाली और भटवाड़ी के जंगल भी इसकी चपेट में आ गए हैं. जंगलों में लगी आग के कारण नमामि गंगे योजना के तहत लगाए गए दो दर्जन औषधीय एवं फलदार पौधों भी जलकर नष्ट हो गए हैं. जबकि जंगल को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचा है. स्कूल से लौट रहे शिक्षक सत्येन्द्र भंडारी ने जंगलों में लगी आग को देखा तो उन्होंने वन विभाग को सूचना दी. साथ ही वो आग को बुझाने में जुट गए.

पढ़ें- उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर से झुलसे 'पहाड़', लाखों की वन संपदा खाक, पर्यावरण के साथ पृथ्वी के लिए खतरे की घंटी

रुद्रप्रयाग: वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के जंगल लंबे समय से आग से धधक रहे हैं. जंगलों में आग लगने से वन्यजीव भागकर शहरी इलाकों में आकर अपनी जान बचा रहे हैं. जंगलों में लग रही आग से चारों ओर धुआं ही धुआं नजर आ रहा है और लाखों की वन सम्पदा जलकर राख हो गई है. हालांकि वन महकमा आग बुझाने के प्रयास में जुटा हुआ है.

लंबे समय से जिले में बारिश नहीं हुई है, जबकि जंगलों में आग लगने से गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है. जंगलों में आग लगने से वन्यजीव आबादी की ओर रुख कर रहे हैं. जंगलों में अनियंत्रित रूप से फैल रही आग से पेड़-पौधे, जानवर, घास के मैदान जलकर राख हो रहे हैं. जंगलों में चलने वाली तेज हवा के कारण यह आग अनियंत्रित होकर बड़े भू-भाग में फैल रही है, जिससे वायुमंडल और इंसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. वनाग्नि के कारण चारों तरफ धुआं छाया हुआ है. इन हालातों ने वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों को चिंता में डाल दिया है.

प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली ने कहा कि जंगलों में आग लगाई जा रही है. कुछ शरारती तत्व जंगलों में आग लगाकर लाखों की वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं. जबकि वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है. जंगली जानवर जान बचाने के लिए आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं. कहा कि इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षा में बारिश और बर्फबारी कम हुई है.मौसम की बेरुखी के परिणाम गर्मी के मौसम के शुरुआत में ही नजर आने लगे हैं. जंगलों में लगी आग जहां एक तरफ वायुमंडल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है, वहीं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए इसका धुआं बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. वरिष्ठ सर्जन डाॅ. आनंद सिंह बोहरा ने बताया कि जंगलों की आग से निकलने वाले धुएं से सांस की बीमारी, कैंसर समेत कई घातक बीमारियां हो सकती हैं. बुजुर्गों के लिए जंगलों का धुआं बेहद खतरनाक है, लिहाजा इससे बचाव किया जाना चाहिए.

अगस्त्यमुनि में धधक रहे जंगल: विकासखंड अगस्त्यमुनि के धारकोट के जंगलों से लगी आग ने ऐसा विकराल रूप धारण किया है. निर्वाली और भटवाड़ी के जंगल भी इसकी चपेट में आ गए हैं. जंगलों में लगी आग के कारण नमामि गंगे योजना के तहत लगाए गए दो दर्जन औषधीय एवं फलदार पौधों भी जलकर नष्ट हो गए हैं. जबकि जंगल को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचा है. स्कूल से लौट रहे शिक्षक सत्येन्द्र भंडारी ने जंगलों में लगी आग को देखा तो उन्होंने वन विभाग को सूचना दी. साथ ही वो आग को बुझाने में जुट गए.

पढ़ें- उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर से झुलसे 'पहाड़', लाखों की वन संपदा खाक, पर्यावरण के साथ पृथ्वी के लिए खतरे की घंटी

Last Updated : Apr 23, 2024, 7:44 PM IST
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