लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में जहां बर्फबारी से बागवानी व कृषि क्षेत्र को संजीवनी मिली है तो वहीं, जंगलों में रहने वाले पशु पक्षियों के लिए यह बर्फ आफत बनकर आई है. पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के चलते अब जंगली जानवर व पक्षी निचले इलाकों का रुख करने लगे हैं तो वहीं, कई जगह पर लोग इनका शिकार भी कर रहे हैं. ऐसे में जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर में गृह रक्षकों और वन विभाग की टीम के द्वारा जंगली स्नोकॉक पक्षी को रेस्क्यू किया गया है.
होम गार्ड के जवानों ने स्नोकॉक पक्षी को किया रेस्क्यू: मिली जानकारी के अनुसार जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर पुलिस के जवानों के द्वारा रात के समय गश्त की जा रही थी. गश्त के दौरान गृह रक्षक पृथी चंद व गृह रक्षक तेन्जीन कालजंग उदयपुर बाजार में मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने देखा कि उदयपुर बाजार में रात के समय आवारा कुत्तों द्वारा जंगली पक्षी (Snow Cock) को दौड़ाया जा रहा था. ऐसे में दोनों कर्मचारियों ने उपरोक्त पक्षी को आवारा कुत्तों से बचाया व रेस्क्यू करके सुरक्षित हालत में अपने पास रखा. सुबह के समय इसकी सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी उदयपुर को दी गई.
माइनस 20 डिग्री पहुंच गया है तापामान: सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी वीरभद्र सिंह अपनी टीम के साथ थाना आए और अब उस पक्षी को वन विभाग की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है. गौर रहे कि आमतौर पर हिमालयी पशु-पक्षी दिसंबर माह में बर्फबारी के बाद निचले इलाकों का रुख करते हैं. मगर इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी फरवरी के पहले सप्ताह से शुरू हुई है. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में इस वक्त तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है. जिस कारण ये वन्यजीव ठंड और बर्फबारी से बचने के लिए घाटी के जंगलों से निचले इलाकों में पहुंचने लगे हैं.
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