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लखीमपुर खीरी में 3 साल की बच्ची को घर में से उठा ले गया जंगली जानवर; नदी किनारे मिला अधखाया शव - Wild Animal Terror

लखीमपुर खीरी के गांव में एक तीन साल की बच्ची को जंगली जानवर उठा ले गया था. बाद में उसका शव मिला.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 19 minutes ago

लखीमपुर खीरी में जंगली जानवर का आतंक.
लखीमपुर खीरी में जंगली जानवर का आतंक. (Photo Credit; ETV Bharat)

लखीमपुर खीरी: जिले में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बना हुआ है. बीती शनिवार की शाम पढुआ थाना इलाके के कुतैया गांव में एक तीन साल की बच्ची को जंगली जानवर उठा ले गया था. बच्ची का शव रविवार सुबह अधखायी हालत में नदी किनारे मिला है. गांव वालों का कहना है कि बच्ची को भेड़िया उठा ले गया था. हालांकि वन विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. इस क्रम में पिछले महीने सियार के हमले में घायल चौकीदार की मौत हो गई है.

पढुआ थाना इलाके के कुतैया गांव में हैदर अली की तीन साल की बच्ची घर में बने टीन शेड के नीचे सो रही थी. तभी एक जंगली जानवर घर में घुस आया. आहट होने पर बच्ची की मां सरमीम बानो पीछे दौड़ी लेकिन जंगली जानवर बच्ची को उठा ले गया. बच्ची को गांव के लोग रात भर खोजते रहे, पर कुछ पता नहीं चला. रविवार सुबह बच्ची का शव घाघरा नदी के किनारे मिला. शव पर जंगली जानवर के दांतों के निशान थे. शव का कुछ हिस्सा जानवर खा भी गया था. गांववालों का कहना है कि दो भेड़िए घुसे थे. इधर, दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा का कहना है कि जानवर की अभी पहचान नहीं हुई है. उस इलाके में तेंदुआ की आमद रहती है. जांच कराई जा रही है.
वहीं, धौरहरा कोतवाली में चौकीदार रहे टेंगनहा गांव निवासी रामरतन की एक महीने चले इलाज के बाद मौत हो गई. रामरतन 45 साल के थे. कोतवाली धौरहरा में रामरतन चौकीदारी थे. एक महीने पहले अपनी पत्नी के साथ खेत में काम कर रहे थे, तभी एक सियार ने पत्नी रामादेवी पर हमला कर दिया. पत्नी को बचाने के लिए रामरतन ने सियार को भगाने का प्रयास किया तो सियार ने रामरतन को नोंच डाला. घायल रामरतन का इलाज शुरू हुआ लेकिन रैबीज फैलने से उनकी हालत बिगड़ गई और दम तोड़ दिया. गौरतलब कि सदर तहसील के गंगा बेहड़ गांव में भी पिता के साथ गेंहू पिसाकर लौट रहे एक 10 साल के बच्चे को तेंदुए ने शनिवार को हमला कर मौत के घाट उतार दिया था.

लखीमपुर खीरी: जिले में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बना हुआ है. बीती शनिवार की शाम पढुआ थाना इलाके के कुतैया गांव में एक तीन साल की बच्ची को जंगली जानवर उठा ले गया था. बच्ची का शव रविवार सुबह अधखायी हालत में नदी किनारे मिला है. गांव वालों का कहना है कि बच्ची को भेड़िया उठा ले गया था. हालांकि वन विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. इस क्रम में पिछले महीने सियार के हमले में घायल चौकीदार की मौत हो गई है.

पढुआ थाना इलाके के कुतैया गांव में हैदर अली की तीन साल की बच्ची घर में बने टीन शेड के नीचे सो रही थी. तभी एक जंगली जानवर घर में घुस आया. आहट होने पर बच्ची की मां सरमीम बानो पीछे दौड़ी लेकिन जंगली जानवर बच्ची को उठा ले गया. बच्ची को गांव के लोग रात भर खोजते रहे, पर कुछ पता नहीं चला. रविवार सुबह बच्ची का शव घाघरा नदी के किनारे मिला. शव पर जंगली जानवर के दांतों के निशान थे. शव का कुछ हिस्सा जानवर खा भी गया था. गांववालों का कहना है कि दो भेड़िए घुसे थे. इधर, दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा का कहना है कि जानवर की अभी पहचान नहीं हुई है. उस इलाके में तेंदुआ की आमद रहती है. जांच कराई जा रही है.
वहीं, धौरहरा कोतवाली में चौकीदार रहे टेंगनहा गांव निवासी रामरतन की एक महीने चले इलाज के बाद मौत हो गई. रामरतन 45 साल के थे. कोतवाली धौरहरा में रामरतन चौकीदारी थे. एक महीने पहले अपनी पत्नी के साथ खेत में काम कर रहे थे, तभी एक सियार ने पत्नी रामादेवी पर हमला कर दिया. पत्नी को बचाने के लिए रामरतन ने सियार को भगाने का प्रयास किया तो सियार ने रामरतन को नोंच डाला. घायल रामरतन का इलाज शुरू हुआ लेकिन रैबीज फैलने से उनकी हालत बिगड़ गई और दम तोड़ दिया. गौरतलब कि सदर तहसील के गंगा बेहड़ गांव में भी पिता के साथ गेंहू पिसाकर लौट रहे एक 10 साल के बच्चे को तेंदुए ने शनिवार को हमला कर मौत के घाट उतार दिया था.

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Last Updated : 19 minutes ago
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