आजमगढ़: पति की हत्या कराने की आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माने भी लगाया है. यह फैसला विशेष सत्र न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट जैनेंद्र कुमार पांडेय ने सोमवार को सुनाया.
अभियोजन के अनुसार तरवां थाना क्षेत्र के महौली गांव के चौकीदार सुदर्शन प्रजापति ने 17 जून 2002 को स्थानीय थाने में सूचना दी कि कुएं में एक लाश पड़ी हुई है. चौकीदार की सूचना पर पुलिस ने लाश कुएं से निकलवाई तो उसकी पहचान गांव के ही मूलचंद के रूप में हुई. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद छानबीन शुरू कर दी. विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि मूलचंद की हत्या उसकी पत्नी फेंकनी उर्फ कुसुमी देवी ने गांव के करिया सिंह उर्फ रामसमुझ सिंह से मिलकर कराई है. करिया सिंह का अवैध संबंध फेंकनी से था. इसकी जानकारी मूलचंद हो गई थी. इस अवैध संबंध का विरोध करने पर मूलचंद की हत्या कर दी गई. पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की.
अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक आलोक त्रिपाठी, एडीजीसी इंद्रेश मणि त्रिपाठी तथा रामनाथ प्रजापति ने कुल 11 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी करिया सिंह उर्फ रामसमुझ को आजीवन कारावास और पैंतीस हजार रुपये अर्थदंड तथा फेंकनी उर्फ कुसुमी को आजीवन कारावास और 45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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