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छात्र नेता से राजनेता बने जयराम महतो विधानसभा चुनाव में किसका बिगाड़ेंगे खेल, जानिए क्या है झामुमो, कांग्रेस और भाजपा की राय - JLKM Chief Jairam Mahto

Jharkhand political scenario.झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार रोचक मुकाबला होने के आसार हैं. जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के चुनावी मैदान में उतरने से कई बड़ी पार्टियों का समीकरण बिगड़ सकता है. हालांकि कई बड़ी पार्टियां इससे इत्तिफाक नहीं रखती है.

JLKM Chief Jairam Mahto
जेएलकेएम सुप्रीमो जयराम महतो, झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय, कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश साहू और भाजपा प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 9, 2024, 9:11 PM IST

रांची:झारखंड में छात्र नेता जयराम महतो का संगठन झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष मोर्चा(जेबीकेएसएस) को अब भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दल झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम)के रूप में निबंधित कर लिया है. लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम से सबको चौंकाने वाले जयराम महतो अब चुनाव आयोग से जेएलकेएम को राजनीतिक रूप से निबंधित कर लिए जाने के बाद अब वह विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएंगे, यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने राज्य के तीन बड़े राजनीतिक दल झामुमो, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं से बात की.

बयान देते झामुमो, कांग्रेस और भाजपा के नेता. (वीडियो-ईटीवी भारत)

किसी ने वोटकटवा बताया तो किसी ने कही ये बात

इस दौरान किसी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में वोटकटवा साबित होने की बात कहीं तो किसी ने इसका प्रभाव कुछ खास दल और खास क्षेत्र तक सीमित रहने की भविष्यवाणी की. इन सब के बीच एक बात तो तय है कि भले ही कैमरे पर जयराम की पार्टी को लेकर राजनीतिक दलों के नेता ऐसा दिखाते हैं कि राज्य की राजनीति में एक नए खिलाड़ी के आने से वह परेशान नहीं हैं, लेकिन अंदर ही अंदर बेचैनी प्रायः सभी राजनीतिक दलों में जरूर है. यही वजह है कि कोई उन्हें वोटकटवा कह रहा है तो कोई उनकी तुलना किसी अनजान पीटर की राजनीतिक पार्टी से कर रहा है.

लोकसभा चुनाव में जयराम की पार्टी चौथे नंबर पर रही

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा, झामुमो और कांग्रेस के बाद सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाली पार्टी जयराम महतो की थी. हालांकि तब पार्टी की मान्यता नहीं रहने पर जयराम ने कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारे थे.

स्थानीय नीति आंदोलन की उपज हैं जयराम

राज्य में झारखंडी भाषा और खतियान के मुद्दे पर आंदोलन कर राज्य के आदिवासी-मूलवासी युवाओं का दिल जीतने के बाद सक्रिय जयराम में राजनीति में प्रवेश किया था. इसके बाद जयराम महतो ने युवाओं का संगठन "झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति"(जेबीकेएसएस) बनाई थी.

लोकसभा चुनाव में 08 सीटों पर उतारे से उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव 2024 में जयराम महतो ने कुल आठ सीटों पर उम्मीदवार दिया था. जिसमें गिरिडीह, धनबाद, चतरा, हजारीबाग, दुमका, रांची, सिंहभूम और कोडरमा में उम्मीदवार उतारे थे.जेबीकेएसएस के प्रमुख जयराम महतो जहां खुद गिरिडीह लोकसभा सीट से चुनावी समर में उतरे थे, वहीं अपने संगठन के अन्य सहयोगियों को अलग-अलग लोकसभा सीट से मैदान में उतार दिया था. लोकसभा चुनाव में जेबीकेएसएस के आठ उम्मीदवारों में से छह उम्मीदवारों ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि एक उम्मीदवार ने चौथा और एक ने सातवां स्थान प्राप्त किया था. गिरिडीह लोकसभा की डुमरी विधानसभा क्षेत्र,गोमिया विधानसभा क्षेत्र ,बेरमो विधानसभा क्षेत्र में तो उनके प्रत्याशी सबसे आगे भी रहे थे.

गिरिडीह लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे जयराम

गिरिडीह लोकसभा में तो जेबीकेएसएस के प्रमुख जयराम महतो ने 03 लाख, 47 हजार, 322 मत प्राप्त कर लिए थे. रांची लोकसभा सीट से देवेंद्र नाथ महतो ने 01 लाख, 32 हजार, 647 मत लाकर तीसरा स्थान प्राप्त कर सबको चौंका दिया था. वहीं हजारीबाग में भी जेबीकेएसएस के निर्दलीय उम्मीदवार संजय मेहता ने 01 लाख, 57 हजार, 977 वोट हासिल किए थे. इसी तरह धनबाद से जेबीकेएसएस की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी अखलाक अंसारी को 79653 मत, सिंहभूम लोकसभा सीट से दामोदर सिंह हांसदा को 44292 मत और कोडरमा लोकसभा सीट से मनोज यादव ने 28612 मत पाए थे और तीसरा स्थान प्राप्त किया था.

वहीं दुमका लोकसभा सीट से बेबी लता टुडू 19360 मत पाकर चौथे स्थान पर रही थीं, जबकि चतरा में दीपक गुप्ता 12565 मत पाकर सातवें स्थान पर रहे थे.पहली बार चुनावी समर में उतर कर जेबीकेएसएस के निर्दलीय उम्मीदवारों को कुल मिलाकर 822428 मत मिले थे, जो झामुमो,भाजपा,कांग्रेस के बाद किसी समूह को मिला चौथा सबसे बड़ा वोट है.

वोटकटवा ही साबित होगी जयराम की पार्टी-झामुमो

भारत निर्वाचन आयोग से जयराम महतो की पार्टी को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा राजनीति दल के रुप में निबंधित हो जाने पर आनेवाले विधानसभा चुनाव में इसका क्या असर राज्य की राजनीति पर पड़ेगा इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने राज्य के सबसे बड़े क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय से बात की.इस संबंध में झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि जयराम महतो और उनके राजनीतिक दल का थोड़ा बहुत असर भाजपा और उनके सहयोगी दल पर पड़ेगा. झामुमो नेता ने कहा कि वोटरों का जो हिस्सा अभी जयराम महतो के साथ है उसका असर आजसू और भाजपा पर पड़ेगा, क्योंकि हमारे साथ जो भी महतो वोटर हैं वह आज भी इंटेक्ट हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम वोटकटवा ही साबित होगी.

जयराम फैक्टर से बीजेपी को कोई असर नहींः भाजपा

जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम का भारत निर्वाचन आयोग से निबंधन हो जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड भाजपा के प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का अधिकार है. लेकिन इससे भाजपा चिंतित नहीं है, क्योंकि हम कार्यकर्ता आधारित पार्टी हैं. हम जन आकांक्षाओं के मुद्दे पर सालों भर जनता के बीच होते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान जनता भी यह देखेगी कि किस पार्टी में उनके जनहित को सुरक्षित रखने की क्षमता है.

भाजपा और आजसू को होगा नुकसानः कांग्रेस

जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा को निर्वाचन आयोग द्वारा निबंधित पार्टी के रूप में दर्जा दे दिए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता जगदीश साहू ने कहा कि जयराम की वजह से नुकसान भारतीय जनता पार्टी और आजसू पार्टी को होना है, क्योंकि उन्हीं के आधार वोट बैंक का आकर्षण जयराम महतो की ओर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जनता की हर परेशानियों को दूर करने का काम किया है. राज्य की सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की हैं. इस वजह से हमारी सरकार के खिलाफ कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं है.हम इंडिया ब्लॉक के दलों के साथ मिलकर फिर सरकार बनाएंगे.

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बयान देते झामुमो, कांग्रेस और भाजपा के नेता. (वीडियो-ईटीवी भारत)

किसी ने वोटकटवा बताया तो किसी ने कही ये बात

इस दौरान किसी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में वोटकटवा साबित होने की बात कहीं तो किसी ने इसका प्रभाव कुछ खास दल और खास क्षेत्र तक सीमित रहने की भविष्यवाणी की. इन सब के बीच एक बात तो तय है कि भले ही कैमरे पर जयराम की पार्टी को लेकर राजनीतिक दलों के नेता ऐसा दिखाते हैं कि राज्य की राजनीति में एक नए खिलाड़ी के आने से वह परेशान नहीं हैं, लेकिन अंदर ही अंदर बेचैनी प्रायः सभी राजनीतिक दलों में जरूर है. यही वजह है कि कोई उन्हें वोटकटवा कह रहा है तो कोई उनकी तुलना किसी अनजान पीटर की राजनीतिक पार्टी से कर रहा है.

लोकसभा चुनाव में जयराम की पार्टी चौथे नंबर पर रही

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा, झामुमो और कांग्रेस के बाद सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाली पार्टी जयराम महतो की थी. हालांकि तब पार्टी की मान्यता नहीं रहने पर जयराम ने कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारे थे.

स्थानीय नीति आंदोलन की उपज हैं जयराम

राज्य में झारखंडी भाषा और खतियान के मुद्दे पर आंदोलन कर राज्य के आदिवासी-मूलवासी युवाओं का दिल जीतने के बाद सक्रिय जयराम में राजनीति में प्रवेश किया था. इसके बाद जयराम महतो ने युवाओं का संगठन "झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति"(जेबीकेएसएस) बनाई थी.

लोकसभा चुनाव में 08 सीटों पर उतारे से उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव 2024 में जयराम महतो ने कुल आठ सीटों पर उम्मीदवार दिया था. जिसमें गिरिडीह, धनबाद, चतरा, हजारीबाग, दुमका, रांची, सिंहभूम और कोडरमा में उम्मीदवार उतारे थे.जेबीकेएसएस के प्रमुख जयराम महतो जहां खुद गिरिडीह लोकसभा सीट से चुनावी समर में उतरे थे, वहीं अपने संगठन के अन्य सहयोगियों को अलग-अलग लोकसभा सीट से मैदान में उतार दिया था. लोकसभा चुनाव में जेबीकेएसएस के आठ उम्मीदवारों में से छह उम्मीदवारों ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि एक उम्मीदवार ने चौथा और एक ने सातवां स्थान प्राप्त किया था. गिरिडीह लोकसभा की डुमरी विधानसभा क्षेत्र,गोमिया विधानसभा क्षेत्र ,बेरमो विधानसभा क्षेत्र में तो उनके प्रत्याशी सबसे आगे भी रहे थे.

गिरिडीह लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे जयराम

गिरिडीह लोकसभा में तो जेबीकेएसएस के प्रमुख जयराम महतो ने 03 लाख, 47 हजार, 322 मत प्राप्त कर लिए थे. रांची लोकसभा सीट से देवेंद्र नाथ महतो ने 01 लाख, 32 हजार, 647 मत लाकर तीसरा स्थान प्राप्त कर सबको चौंका दिया था. वहीं हजारीबाग में भी जेबीकेएसएस के निर्दलीय उम्मीदवार संजय मेहता ने 01 लाख, 57 हजार, 977 वोट हासिल किए थे. इसी तरह धनबाद से जेबीकेएसएस की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी अखलाक अंसारी को 79653 मत, सिंहभूम लोकसभा सीट से दामोदर सिंह हांसदा को 44292 मत और कोडरमा लोकसभा सीट से मनोज यादव ने 28612 मत पाए थे और तीसरा स्थान प्राप्त किया था.

वहीं दुमका लोकसभा सीट से बेबी लता टुडू 19360 मत पाकर चौथे स्थान पर रही थीं, जबकि चतरा में दीपक गुप्ता 12565 मत पाकर सातवें स्थान पर रहे थे.पहली बार चुनावी समर में उतर कर जेबीकेएसएस के निर्दलीय उम्मीदवारों को कुल मिलाकर 822428 मत मिले थे, जो झामुमो,भाजपा,कांग्रेस के बाद किसी समूह को मिला चौथा सबसे बड़ा वोट है.

वोटकटवा ही साबित होगी जयराम की पार्टी-झामुमो

भारत निर्वाचन आयोग से जयराम महतो की पार्टी को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा राजनीति दल के रुप में निबंधित हो जाने पर आनेवाले विधानसभा चुनाव में इसका क्या असर राज्य की राजनीति पर पड़ेगा इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने राज्य के सबसे बड़े क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय से बात की.इस संबंध में झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि जयराम महतो और उनके राजनीतिक दल का थोड़ा बहुत असर भाजपा और उनके सहयोगी दल पर पड़ेगा. झामुमो नेता ने कहा कि वोटरों का जो हिस्सा अभी जयराम महतो के साथ है उसका असर आजसू और भाजपा पर पड़ेगा, क्योंकि हमारे साथ जो भी महतो वोटर हैं वह आज भी इंटेक्ट हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम वोटकटवा ही साबित होगी.

जयराम फैक्टर से बीजेपी को कोई असर नहींः भाजपा

जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम का भारत निर्वाचन आयोग से निबंधन हो जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड भाजपा के प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का अधिकार है. लेकिन इससे भाजपा चिंतित नहीं है, क्योंकि हम कार्यकर्ता आधारित पार्टी हैं. हम जन आकांक्षाओं के मुद्दे पर सालों भर जनता के बीच होते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान जनता भी यह देखेगी कि किस पार्टी में उनके जनहित को सुरक्षित रखने की क्षमता है.

भाजपा और आजसू को होगा नुकसानः कांग्रेस

जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा को निर्वाचन आयोग द्वारा निबंधित पार्टी के रूप में दर्जा दे दिए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता जगदीश साहू ने कहा कि जयराम की वजह से नुकसान भारतीय जनता पार्टी और आजसू पार्टी को होना है, क्योंकि उन्हीं के आधार वोट बैंक का आकर्षण जयराम महतो की ओर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जनता की हर परेशानियों को दूर करने का काम किया है. राज्य की सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की हैं. इस वजह से हमारी सरकार के खिलाफ कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं है.हम इंडिया ब्लॉक के दलों के साथ मिलकर फिर सरकार बनाएंगे.

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