रांची: चंपई मंत्रिमंडल में जगह बनाने में कौन सफल होगा यह पहेली बनी हुई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा में जहां अभी तक उलझन बनी हुई है वहीं कांग्रेस में विधायकों का जोर आजमाइश जारी है. दिल्ली की दौर लगा रहे कांग्रेस के हर विधायक को उम्मीद है कि कहीं ना कहीं उसे केन्द्रीय नेतृत्व जरूर मौका देगा.
जानकारी के मुताबिक कुछ विधायकों का पैरवी सुबोधकांत सहाय सरीखे नेता केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष करने में जुटे हैं. इन सबके बीच मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम बनाने को लेकर यदि सहमति बन जाती है तो कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और जेएमएम से बसंत सोरेन को यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना है. इसके अलावे कांग्रेस और झामुमो कोटे से बनने वाले तीन-तीन मंत्रियों में सीता सोरेन, मिथिलेश ठाकुर और मथुरा महतो के नाम की चर्चा है.
बात यदि कांग्रेस की करें तो यहां एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति दिख रही है. हेमंत कैबिनेट में मंत्री रहे आलमगीर आलम को छोड़कर अन्य सभी तीनों मंत्रियों के स्थान पर नये चेहरे लाने की मांग उठ गई है. इसके लिए दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी से पिछले दो दिनों में कई विधायक और प्रदेश स्तर के बड़े नेता मिल चुके हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर कहते हैं कि 16 फरवरी तक मंत्रियों का नाम तय हो जायेगा. केन्द्रीय नेतृत्व जो निर्णय लेगा उस अनुरूप विधायक को मंत्री बनाया जायेगा.
16 फरवरी को 3 बजे होनी है शपथग्रहण
ईडी कार्रवाई के बीच हेमंत सोरेन के द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद राज्य में यूपीए ने नेतृत्व परिवर्तन करते हुए चंपई सोरेन के नेतृत्व में फैसला लिया. चंपई सोरेन ने सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता के साथ 2 फरवरी को राज्य का बागडोर संभाला. विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार अब तक विभिन्न वजहों से टलता रहा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम कोई पेंच नहीं होने की बात कहते हुए कहा है कि राहुल गांधी की 14 फरवरी को पलामू क्षेत्र में यात्रा है इस वजह से मंत्रिमंडल विस्तार उसके बाद 16 फरवरी को रखी गई है.
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