शिमला: हिमाचल में लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. हालांकि, पार्टी ने लंबी चर्चा के बाद मंडी और शिमला संसदीय सीट पर दो युवा प्रत्याशियों को चुनावी रणभूमि में उतारा है. ऐसे में कांग्रेस हमीरपुर और कांगड़ा सीट पर भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाह रही है. तभी इन दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इसके लिए दिल्ली में सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की इसी सप्ताह बैठक होने जा रही है. जिसमें दोनों ही सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हो जाएगा.
अनुराग के सामने कांग्रेस उतारेगी दमदार प्रत्याशी: हमीरपुर सीट पर अनुराग ठाकुर के कद और निरंतर जीत के रिकॉर्ड को देखते हुए कांग्रेस चाहती है कि सीएम और डिप्टी सीएम के संसदीय क्षेत्र में किसी दमदार प्रत्याशी को ही चुनाव में उतारा जाए. हमीरपुर सीट पर सीएम और डिप्टी सीएम की साख भी दांव पर है. ऐसे में चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं में इस तरह का गलत संदेश न जाए कि पार्टी ने चुनाव को हल्के में लिया है. इसी तरह कांग्रेस अब नए सिरे से कांगड़ा सीट पर भी मजबूत प्रत्याशी उतारने को लेकर विचार कर रही है. ऐसे में कांगड़ा और हमीरपुर से टिकट के लिए कंसीडर किए जा रहे आशा कुमारी और सतपाल रायजादा का नाम बदला जाना अब तय लग रहा है.
सीएम और डिप्टी सीएम की साख दांव पर: हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में स्थापित नेताओं में से एक हैं. वर्तमान में अनुराग ठाकुर केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं. वे हमीरपुर से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से हैं. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस की साख भी दांव पर लगी है. इसको देखते हुए चुनावी जंग में अनुराग ठाकुर को कड़ी टक्कर देने के लिए पार्टी मजबूत कैंडिडेट के नाम पर विचार कर रही है.
सतपाल रायजादा का नाम कांग्रेस ने होल्ड पर रखा: अभी तक अनुराग ठाकुर के मुकाबले में टिकट के कंसीडर किए जा रहे पूर्व विधायक सतपाल रायजादा कांग्रेस को मजबूत प्रत्याशी नजर नहीं आ रहे हैं. वे वर्ष 2022 में ऊना विधानसभा सीट से 1736 मतों के अंतर से चुनाव हारे थे. जिस वजह से दिल्ली में 13 अप्रैल को आयोजित हुई सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में हमीरपुर सीट को होल्ड पर रखा गया है. ऐसे में जाहिर है कि पार्टी हाईकमान टिकट बदलने पर विचार कर रही है.
कांग्रेस हाईकमान हमीरपुर में रिस्क नहीं लेना चाहती: हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर सीट से सतपाल रायजादा को उतारे जाने के संकेत भी दिए थे, जिसके बाद रायजादा ने प्रचार अभियान की शुरू कर दिया है, लेकिन अनुराग ठाकुर के राजनीतिक कद को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान चुनाव में जीत को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. राजनीतिक टिप्पणीकार गुरमीत बेदी के मुताबिक हमीरपुर संसदीय सीट पर अनुराग ठाकुर के सितारे काफी बुलंद हैं. उन्हें टक्कर देने के लिए या तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को खुद चुनाव मैदान में उतरे या फिर अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनाव लड़ाना चाहिए. उनका कहना है कि सीएम की लोकप्रियता को देखते हुए उनके या उनके परिवार का कोई व्यक्ति ही चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकता है.
कांगड़ा से युवा चेहरा उतार सकती हैं कांग्रेस: मंडी और शिमला संसदीय क्षेत्र की तरह ही कांग्रेस कांगड़ा में भी युवा चेहरे को उतारना चाहती है. ऐसे में पार्टी विधायक रघुवीर सिंह बाली पर गंभीरता से विचार कर रही है. हालांकि, कांगड़ा सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. राजेश शर्मा भी टिकट की रेस में शामिल हैं. पैनल में पूर्व मंत्री आशा कुमारी के साथ इनके नाम को भी शामिल किया गया था. लेकिन कोऑर्डिनेशन और स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग के बाद आशा कुमारी का नाम ही सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेजा गया था. जहां पर मीटिंग में चर्चा होने के बाद कांगड़ा सीट को भी होल्ड पर रखा गया है.
रघुवीर सिंह बाली को मिल सकता है टिकट: कांग्रेस हाईकमान कांगड़ा जिला से संबंधित किसी युवा चेहरे को आगे लाना चाहती है. वहीं, आशा कुमारी चंबा जिला से संबंधित है. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में कुल 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें कांगड़ा जिला के 13 और चंबा जिला के 4 विधानसभा क्षेत्र पड़ते हैं. इस तरह पार्टी के इस अंक गणित में पूर्व मंत्री आशा कुमारी का बड़ा राजनीतिक कद भी फिट नहीं बैठ रहा है. वहीं, वर्तमान विधायक रघुवीर सिंह बाली युवा होने के साथ कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं. हालांकि, बाली ने खुद लोकसभा चुनाव लड़ने से किनारा कर दिया था. लेकिन पार्टी अब बाली पर ही दांव लगाना चाह रही है.
सीएम सुक्ख से रघुवीर बाली की नजदीकियां: रघुवीर सिंह बाली की सीएम सुखविंदर सिंह के नजदीकियां है. तभी उन्हें पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने पर कैबिनेट रैंक दिया गया है. ऐसे में चुनाव के लिए मुख्यमंत्री की बात को टालना उनके लिए मुश्किल होगा. इसके अतिरिक्त भाजपा ने कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले ब्राह्मण नेता डॉ राजीव भारद्वाज को टिकट दिया है. ऐसे में कांग्रेस सभी पहलुओं को देखते हुए कांगड़ा सीट पर नए सिरे मंथन कर रही है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कहना है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मजबूत कैंडिडेट को उतारेगी, जिस पर जल्द ही हाईकमान अपना फैसला लेगी.
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