रांची: झारखंड में एनडीए गठबंधन के तहत आजसू, भाजपा और जेडीयू शामिल हैं. इसलिए राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि शायद तीन सीटों में एक सीट जेडीयू के कोटे में जा सकती है. वहीं, गिरीडीह सीट को लेकर यह लगभग तय है कि यह सीट आजसू के कोटे में जाएगी, क्योंकि 2019 में यहां से आजसू ने जीत हासिल की थी.
झारखंड जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने बताया कि दो सीटों में से एक सीट पर जनता दल यूनाइटेड दावा कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बिहार में एनडीए ने गठबंधन का फर्ज निभाते हुए सीटों का बंटवारा किया है. उसी प्रकार झारखंड में भी एनडीए अपना फर्ज निभाए और सीटों का बंटवारा कर जदयू को एक सीट पर लड़ने की सहमति दे.
प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने कहा कि प्रदेश स्तर के नेताओं की तरफ से शीर्ष नेताओं को यह सूचित कर दिया गया है कि वे चतरा और धनबाद में से किसी एक सीट पर लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अब शीर्ष स्तर के नेताओं के द्वारा लिए गए निर्णय के बाद ही कुछ भी स्पष्ट हो पाएगा.
वहीं, जनाधार के सवाल पर जवाब देते हुए प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने बताया कि गठबंधन में सीटों का बंटवारा जनाधार पर नहीं बल्कि विचारों के आधार पर होता है. उन्होंने गिरिडीह सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 2019 में इस सीट पर भाजपा के विनिंग कैंडिडेट हुआ करते थे, लेकिन गठबंधन का फर्ज निभाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने चार बार से जीत रहे अपने विनिंग सांसद रविन्द्र पांडेय को बिठाकर आजसू के कोटे में यह सीट दे दिया. वहीं, इस सीट पर गठबंधन के फर्ज को निभाते भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी मेहनत कर आजसू को जीत भी दिलाई. जबकि जनाधार को देखें तो गिरिडीह में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए आजसू के पास कोई जनाधार नहीं था, लेकिन उसके बावजूद भी गिरिडीह लोकसभा सीट पर आजसू के प्रत्याशी को उतारा गया.
इसी प्रकार अगर भारतीय जनता पार्टी जदयू के साथ गठबंधन का फर्ज निभाती है तो निश्चित रूप से उन्हें एक सीट पर लड़ने का मौका मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में जदयू अपनी मेहनत पर जनाधार को मजबूत करने में जुटी है, लेकिन अगर गठबंधन के घटक दलों का सहयोग मिलेगा तो निश्चित रूप से आने वाले दिनों में जेडीयू झारखंड में मजबूत होगी और एनडीए को तटस्थ बनाने का काम करेगी.
जदयू की मांग पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि भाजपा एक बड़ा परिवार है और इस परिवार में सभी सहयोगी दलों का स्वागत है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार बताते हैं कि जिन तीन सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. उसपर पार्टी के प्रदेश स्तर और केंद्र स्तर के नेता नजर बनाए हुए हैं. आने वाले दो से तीन दिनों में धनबाद गिरिडीह और चतरा में लगाए जा रहे कयासों पर पूर्ण विराम लग जाएगा.
धनबाद और चतरा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का शुरू से दबदबा रहा है. हालांकि पूर्व के इतिहास में चतरा सीट पर जनता दल यूनाइटेड ने एक बार बाजी मारी है, लेकिन पिछले दो दशक से भारतीय जनता पार्टी का इन दोनों सीट पर कब्जा रहा. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी दोनों में से एक भी सीट नहीं छोड़ेगी और जेडीयू को खाली हाथ ही संतोष करना पड़ेगा.
वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में हुए सीट बंटवारे के बाद झारखंड में जदयू को कोई सीट देने पर सहमति नहीं बनी है. लेकिन झारखंड जेडीयू के प्रदेश के नेताओं के प्रयास और गठबंधन के फर्ज के भरोसे उम्मीद लगाई जा रही है कि शायद एक सीट पर सहमति बन जाए और जेडीयू को झारखंड में भी लोकसभा चुनाव में खाता खोलने का मौका मिल सके.
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