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कौन हैं अरबपति विधायक सावित्री जिंदल? प्लेन क्रैश में पति को खोया, चुनाव हारीं, अब BJP सरकार में मंत्री बनने की चर्चा

कौन हैं अरबपति सावित्री जिंदल जो बीजेपी सरकार में मंत्री बन सकती हैं. पति ओपी जिंदल की मौत के बाद वो सियासत में आईं थी.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

WHO IS SAVITRI JINDAL
कौन हैं अरबपति महिला सावित्री जिंदल (Photo- Savitri Jindal X Page)

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की बंपर जीत के बाद अब मंत्रिमंडल गठन की कवायद शुरू हो गई है. मंत्री बनने के लिए कई विधायक हरियाणा से दिल्ली की रेस लगा रहे हैं. वहीं बीजेपी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव जीतने वाली सावित्री जिंदल को भी मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. आखिर कौन हैं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल.

देश की इकलौती अरबपति महिला हैं सावित्री जिंदल

ब्लूमबर्ग की अरपतियों की लिस्ट के मुताबिक सावित्री जिंदल देश की पांचवी सबसे अमीर शख्सियत हैं. 36.3 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ सावित्री देश की सबसे अमीर महिला और देश के 10 अरबपतियों में इकलौती अरबपति महिला उद्योगपति हैं. जिंदल समूह के मालिक और अपने पति ओपी जिंदल की मृत्यु के बाद से वो जिंदल समूह की मालकिन हैं.

प्लेन क्रैश में पति की मौत के बाद संभाली राजनीति की कमान

सावित्री जिंदल के पति और मशहूर उद्योगपति ओपी जिंदल भी कांग्रेस से विधायक और मंत्री रहे हैं. हिसार से विधायक बनने के बाद 2005 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में ओपी जिंदल बिजली मंत्री बने थे. मंत्री बनने के कुछ ही दिन बाद 31 मार्च को ओपी जिंदल की प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी. उनके साथ बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंदर की भी मौत हो गई थी, जो हरियाणा के कृषि मंत्री थे. पति ओपी जिंदल की मौत के बाद हिसार सीट पर हुए उपचुनाव में सावित्री जिंदल पहली बार विधायक बनीं और हुड्डा सरकार ने उन्हें मंत्री बनाया.

2009 में दोबारा मंत्री बनीं सावित्री जिंदल

सावित्री जिंदल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर दोबारा हिसार सीट से विधायक बनीं और भूपेंद्र हुड्डा सरकार में मंत्री भी बनीं. सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल भी कांग्रेस में रहे हैं. नवीन जिंदल 2004 और 2009 में कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद चुने गये. नवीन जिंदल के पिता ओपी जिंदल भी 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर कुरुक्षेत्र से सांसद बने थे. 2024 में नवीन जिंदल बीजेपी से सांसद बने हैं.

2014 में विधानसभा चुनाव हार गईं सावित्री

2009 के बाद 2014 में कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर सावित्री जिंदल हिसार सीट से चुनाव लड़ीं. लेकिन मोदी लहर में हुए इस चुनाव में वो बीजेपी के कमल गुप्ता से 13 हजार से ज्यादा वोटों से हार गईं. उसके बाद 2019 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, और उनकी जगह रामनिवास रारा को मैदान में उतारा, जिसके बाद 2024 आते-आते उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया.

मार्च 2024 में बीजेपी में शामिल हुईं सावित्री जिंदल

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च 2024 में सावित्री जिंदल और उनके बेटे नवीन जिंदल बीजेपी में शामिल हो गये. पार्टी में शामिल होने के तुरंत बाद बीजेपी ने नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र सीट से अपना लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया. नवीन जिंदल बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर कुरुक्षेत्र सीट से सांसद जीत गये. वहीं सावित्री जिंदल बीजेपी में शामिल होने के बाद हिसार सीट से विधानसभा का टिकट मांग रहीं थी. जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. सावित्री जिंदल बीजेपी के कमल गुप्ता को हराकर निर्दलीय विधायक बन गईं. जीत के तुरंत बाद उन्होंने बीजेपी को समर्थन का ऐलान कर दिया. इसी वजह से उनके मंत्री बनने की संभावना प्रबल है.

ये भी पढ़ें- सावित्री जिंदल को बनाया जा सकता है मंत्री, स्पीकर पद के लिए गंगवा की चर्चाएं उठी

ये भी पढ़ें- 15 अक्टूबर को शपथ लेंगे हरियाणा के नए मुख्यमंत्री !, हरियाणा में नई सरकार के गठन की आ गई तारीख

ये भी पढ़ें- सावित्री जिंदल ने बीजेपी को समर्थन देने का किया ऐलान, टिकट ना मिलने पर की थी बगावत

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की बंपर जीत के बाद अब मंत्रिमंडल गठन की कवायद शुरू हो गई है. मंत्री बनने के लिए कई विधायक हरियाणा से दिल्ली की रेस लगा रहे हैं. वहीं बीजेपी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव जीतने वाली सावित्री जिंदल को भी मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. आखिर कौन हैं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल.

देश की इकलौती अरबपति महिला हैं सावित्री जिंदल

ब्लूमबर्ग की अरपतियों की लिस्ट के मुताबिक सावित्री जिंदल देश की पांचवी सबसे अमीर शख्सियत हैं. 36.3 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ सावित्री देश की सबसे अमीर महिला और देश के 10 अरबपतियों में इकलौती अरबपति महिला उद्योगपति हैं. जिंदल समूह के मालिक और अपने पति ओपी जिंदल की मृत्यु के बाद से वो जिंदल समूह की मालकिन हैं.

प्लेन क्रैश में पति की मौत के बाद संभाली राजनीति की कमान

सावित्री जिंदल के पति और मशहूर उद्योगपति ओपी जिंदल भी कांग्रेस से विधायक और मंत्री रहे हैं. हिसार से विधायक बनने के बाद 2005 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में ओपी जिंदल बिजली मंत्री बने थे. मंत्री बनने के कुछ ही दिन बाद 31 मार्च को ओपी जिंदल की प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी. उनके साथ बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंदर की भी मौत हो गई थी, जो हरियाणा के कृषि मंत्री थे. पति ओपी जिंदल की मौत के बाद हिसार सीट पर हुए उपचुनाव में सावित्री जिंदल पहली बार विधायक बनीं और हुड्डा सरकार ने उन्हें मंत्री बनाया.

2009 में दोबारा मंत्री बनीं सावित्री जिंदल

सावित्री जिंदल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर दोबारा हिसार सीट से विधायक बनीं और भूपेंद्र हुड्डा सरकार में मंत्री भी बनीं. सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल भी कांग्रेस में रहे हैं. नवीन जिंदल 2004 और 2009 में कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद चुने गये. नवीन जिंदल के पिता ओपी जिंदल भी 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर कुरुक्षेत्र से सांसद बने थे. 2024 में नवीन जिंदल बीजेपी से सांसद बने हैं.

2014 में विधानसभा चुनाव हार गईं सावित्री

2009 के बाद 2014 में कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर सावित्री जिंदल हिसार सीट से चुनाव लड़ीं. लेकिन मोदी लहर में हुए इस चुनाव में वो बीजेपी के कमल गुप्ता से 13 हजार से ज्यादा वोटों से हार गईं. उसके बाद 2019 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, और उनकी जगह रामनिवास रारा को मैदान में उतारा, जिसके बाद 2024 आते-आते उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया.

मार्च 2024 में बीजेपी में शामिल हुईं सावित्री जिंदल

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च 2024 में सावित्री जिंदल और उनके बेटे नवीन जिंदल बीजेपी में शामिल हो गये. पार्टी में शामिल होने के तुरंत बाद बीजेपी ने नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र सीट से अपना लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया. नवीन जिंदल बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर कुरुक्षेत्र सीट से सांसद जीत गये. वहीं सावित्री जिंदल बीजेपी में शामिल होने के बाद हिसार सीट से विधानसभा का टिकट मांग रहीं थी. जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. सावित्री जिंदल बीजेपी के कमल गुप्ता को हराकर निर्दलीय विधायक बन गईं. जीत के तुरंत बाद उन्होंने बीजेपी को समर्थन का ऐलान कर दिया. इसी वजह से उनके मंत्री बनने की संभावना प्रबल है.

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