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कौन हैं सुनील सांगवान जिसे दंगल गर्ल का टिकट काट दादरी से BJP ने बनाया उम्मीदवार, राम-रहीम से क्यों जोड़ा जा रहा कनेक्शन ? - Who is Sunil Sangwan from Dadri

Who is Sunil Sangwan Dadri Bjp Candidate ? : हरियाणा में बीजेपी ने दादरी से दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटकर सुनील सांगवान को मैदान में उतारा है. जानिए कि कौन हैं सुनील सांगवान और क्या है उनका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम से कनेक्शन.

Who is Sunil Sangwan whom BJP has fielded from Dadri of Haryana after cutting the ticket of Babita Phogat Ram Rahim Rohtak Sunaria jail
कौन हैं सुनील सांगवान ? (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 5, 2024, 7:02 PM IST

Updated : Sep 6, 2024, 2:54 PM IST

चरखी दादरी : हरियाणा में बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी करते हुए दादरी में मशहूर दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटते हुए सुनील सांगवान को अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में आप भी जानिए कि कौन हैं सुनील सांगवान जिसे बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा है और उनका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम से क्या कनेक्शन हैं.

VRS लेकर बीजेपी जॉइन की : दरअसल बीजेपी ने रेप, मर्डर के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को 6 बार पैरोल और फरलो देने वाले पूर्व जेलर सुनील सांगवान को इस बार दादरी से टिकट दिया है. सबसे हैरानी की बात ये कि बीजेपी ने दादरी से दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटते हुए उन्हें मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि सुनील सांगवान ने जेल सुपरिटेंडेंट के पद से VRS लेकर इसी हफ्ते बीजेपी जॉइन की थी. इस्तीफा देने से पहले सुनील सांगवान गुरुग्राम की भोंडसी जेल के अधीक्षक थे.

राम रहीम से क्यों जोड़ा जा रहा कनेक्शन ? : सुनील सांगवान ने साल 2002 में हरियाणा जेल विभाग की नौकरी जॉइन की थी. अपने कैरियर के दौरान वे कई जेलों के अधीक्षक रह चुके हैं जिनमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है. यहां पर उन्होंने 5 साल तक अपनी सेवाएं दी है. यही वो जेल है, जहां पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सज़ा काट रहा है. राम रहीम को कई बार पैरोल और फरलो मिली है जिसे लेकर सवाल उठते रहे हैं. इनमें से 6 बार पैरोल और फरलो उन्हें सुनील सांगवान के कार्यकाल के दौरान ही मिली है. जेल अधीक्षक के पास ही कैदियों को पैरोल या फरलो देने की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार होता है.

हरियाणा के पूर्व मंत्री के बेटे : लेकिन सुनील सांगवान की सिर्फ यही पहचान नहीं है, बल्कि वे हरियाणा के पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे भी हैं. बीजेपी के सूत्रों के माने तो सतपाल सांगवान ने ही अपने बेटे को टिकट दिए जाने की पैरवी की थी. सतपाल सांगवान की बात करें तो वे चरखी दादरी से पूर्व विधायक हैं और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. सतपाल सांगवान भी राजनीति में आने से पहले सरकारी नौकरी कर रहे थे. उन्होंने बीएसएनएल में सब डिवीजनल अधिकारी के तौर पर नौकरी की और पद से इस्तीफा देते हुए राजनीति में एंट्री मारी. उन्होंने चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

चुनावी दंगल से "दंगल गर्ल" क्यों आउट ? : अब बड़ा सवाल ये भी है कि दादरी से बबीता फोगाट का बीजेपी ने क्यों टिकट काट दिया. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर पहलवान बबीता फोगाट दादरी से चुनाव लड़ी थी लेकिन जीत नहीं पाई थी और निर्दलीय सोमबीर सांगवान विधायक चुने गए थे. वहीं जेजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सतपाल सांगवान दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि बबीता फोगाट तीसरे नंबर पर रहीं थी. ऐसे में बीजेपी को लगा कि शायद इस बार भी दंगल गर्ल उन्हें चुनाव ना जितवा पाए. ऐसे में सुनील सांगवान को मौका दिया गया है.

राम-रहीम कनेक्शन पर क्या बोले सुनील सांगवान ? : सुनील सांगवान ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि उनका परिवार पिछले 30 सालों से राजनीति में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें टिकट मिलने से बौखला चुकी है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है. जेलर रहते हुए गुरमीत राम रहीम की दो बार पैरोल उन्होंने रिजेक्ट की है. 2020 में भी उन्होंने पैरोल रिजेक्ट की है.

हरियाणा में चुनाव कब ? : हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.

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चरखी दादरी : हरियाणा में बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी करते हुए दादरी में मशहूर दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटते हुए सुनील सांगवान को अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में आप भी जानिए कि कौन हैं सुनील सांगवान जिसे बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा है और उनका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम से क्या कनेक्शन हैं.

VRS लेकर बीजेपी जॉइन की : दरअसल बीजेपी ने रेप, मर्डर के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को 6 बार पैरोल और फरलो देने वाले पूर्व जेलर सुनील सांगवान को इस बार दादरी से टिकट दिया है. सबसे हैरानी की बात ये कि बीजेपी ने दादरी से दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटते हुए उन्हें मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि सुनील सांगवान ने जेल सुपरिटेंडेंट के पद से VRS लेकर इसी हफ्ते बीजेपी जॉइन की थी. इस्तीफा देने से पहले सुनील सांगवान गुरुग्राम की भोंडसी जेल के अधीक्षक थे.

राम रहीम से क्यों जोड़ा जा रहा कनेक्शन ? : सुनील सांगवान ने साल 2002 में हरियाणा जेल विभाग की नौकरी जॉइन की थी. अपने कैरियर के दौरान वे कई जेलों के अधीक्षक रह चुके हैं जिनमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है. यहां पर उन्होंने 5 साल तक अपनी सेवाएं दी है. यही वो जेल है, जहां पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सज़ा काट रहा है. राम रहीम को कई बार पैरोल और फरलो मिली है जिसे लेकर सवाल उठते रहे हैं. इनमें से 6 बार पैरोल और फरलो उन्हें सुनील सांगवान के कार्यकाल के दौरान ही मिली है. जेल अधीक्षक के पास ही कैदियों को पैरोल या फरलो देने की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार होता है.

हरियाणा के पूर्व मंत्री के बेटे : लेकिन सुनील सांगवान की सिर्फ यही पहचान नहीं है, बल्कि वे हरियाणा के पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे भी हैं. बीजेपी के सूत्रों के माने तो सतपाल सांगवान ने ही अपने बेटे को टिकट दिए जाने की पैरवी की थी. सतपाल सांगवान की बात करें तो वे चरखी दादरी से पूर्व विधायक हैं और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. सतपाल सांगवान भी राजनीति में आने से पहले सरकारी नौकरी कर रहे थे. उन्होंने बीएसएनएल में सब डिवीजनल अधिकारी के तौर पर नौकरी की और पद से इस्तीफा देते हुए राजनीति में एंट्री मारी. उन्होंने चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

चुनावी दंगल से "दंगल गर्ल" क्यों आउट ? : अब बड़ा सवाल ये भी है कि दादरी से बबीता फोगाट का बीजेपी ने क्यों टिकट काट दिया. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर पहलवान बबीता फोगाट दादरी से चुनाव लड़ी थी लेकिन जीत नहीं पाई थी और निर्दलीय सोमबीर सांगवान विधायक चुने गए थे. वहीं जेजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सतपाल सांगवान दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि बबीता फोगाट तीसरे नंबर पर रहीं थी. ऐसे में बीजेपी को लगा कि शायद इस बार भी दंगल गर्ल उन्हें चुनाव ना जितवा पाए. ऐसे में सुनील सांगवान को मौका दिया गया है.

राम-रहीम कनेक्शन पर क्या बोले सुनील सांगवान ? : सुनील सांगवान ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि उनका परिवार पिछले 30 सालों से राजनीति में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें टिकट मिलने से बौखला चुकी है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है. जेलर रहते हुए गुरमीत राम रहीम की दो बार पैरोल उन्होंने रिजेक्ट की है. 2020 में भी उन्होंने पैरोल रिजेक्ट की है.

हरियाणा में चुनाव कब ? : हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.

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Last Updated : Sep 6, 2024, 2:54 PM IST
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