चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी समय-समय पर सामने आती रहती है. लोकसभा चुनाव के मौके पर एक बार फिर पार्टी के अंदर का विरोध खुलकर मंच पर आ गया है. सबसे ज्यादा विरोध फरीदाबाद से लोकसभा उम्मीदवार महेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ हो रहा है. महेंद्र प्रताप सिंह को कांग्रेस ने फरीदाबाद सीट पर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ उतारा है. फरीदाबाद सीट से विधायक करण दलाल को टिकट मिलने की चर्चा थी. कहा जाता है कि आखिरी समय पर पार्टी ने महेंद्र प्रताप को टिकट देकर मैदान में उतार दिया, जिससे करण दलाल नाराज हो गये हैं.
कृष्णपाल गुर्जर को विधानसभा चुनाव में हराया
महेंद्र प्रताप सिंह फरीदाबाद के बड़े नेता रहे हैं. वो अब तक 9 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. 5 बार उन्हें जीत हासिल हुई है. महेंद्र प्रताप कृष्णपाल गुर्जर के धुर विरोधी नेता रहे हैं. विधानसभा चुनाव में कई बार कृष्णपाल गुर्जर और महेंद्र प्रताप में मुकाबला हो चुका है. 2005 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से हराया था. शायद इसीलिए कांग्रेस ने उन्हें कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ तवज्जो दी है. महेंद्र प्रताप सिंह भी गुर्जर समुदाय से आते हैं.
लोकसभा चुनाव में कृष्णपाल गुर्जर से पहला मुकाबला
विधानसभा चुनाव में महेंद्र प्रताप तो 5 बार विधायक बन चुके हैं लेकिन ये लोकसभा वो पहली बार लड़ रहे हैं. पहले ही लोकसभा चुनाव में वो अपने पुराने प्रतिद्वंदी कृष्णपाल गुर्जर के सामने हैं. महेंद्र प्रताप एक बार कृष्णपाल गुर्जर को विधानसभा चुनाव में हरा चुके हैं, शायद इसीलिए कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया है. हलांकि कहा जा रहा है कि भूपेंद्र हुड्डा के कहने पर ही उन्हें टिकट दिया गया है.
भूपेंद्र हुड्डा के करीबी माने जाते हैं महेंद्र प्रताप
महेंद्र प्रताप सिंह हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. 1991 में भजनलाल सरकार में वो मंत्री बने थे. उसके बाद जब 2005 में भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री बने तो महेंद्र प्रताप को अपने कैबिनेट में जगह दी थी. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महेंद्र प्रताप भूपेंद्र सिंह हुड्डा का काफी करीबी हैं और उन्हीं की सिफारिश पर पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है. कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र हुड्डा गुट को अहमियत देते हुए 7 उम्मीदवार उनके गुट के नेताओं को दिए हैं. महेंद्र प्रताप भी इनमें से एक हैं.
देवीलाल की आंधी में भी कांग्रेस से जीते विधानसभा चुनाव
हरियाणा विधानसभा चुनाव 1987 में जब देवीलाल की आंधी में जब कांग्रेस केवल 5 सीट जीत पाई थी, तब महेंद्र प्रताप भी जीतने वाले विधायकों में से एक थे. वो मेवला महाराजपुर सीट से विधायक चुने गये थे. तब से महेंद्र प्रताप की धाक कांग्रेस समेत हरियाणा की राजनीति में बढ़ गई थी. 1987 के चुनाव में भजनलाल की पत्नी जसमा देवी भी जीती थीं.
कौन हैं करण सिंह दलाल
करण सिंह दलाल पलवल से विधायक हैं. वो 5 बार विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं. हरियाणा सरकार में वो मंत्री भी रह चुके हैं. करण दलाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के भाई जोगिंदर हुड्डा के समधी हैं. करण दलाल ने कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व दोनों के खिलाफ गुस्सा है. फरीदाबाद में उन्होंने पंचायत करके उन्होंने आलाकमान से उम्मीदवार बदलने की मांग की है. अगर उम्मीदवार नहीं बदला गया तो करण दलाल किसी और पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं.