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ज्ञानवापी मामला; मुख्तार अंसारी को पक्षकार बनाया जाए या नहीं, कोर्ट 21 मार्च को कर सकता है फैसला - Gyanvapi Case

Gyanvapi Case: मुख्तार अंसारी सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत सिंह की अदालत में ज्ञानवापी प्रकरण के मूल वाद में पक्षकार बनाए जाने संबंधी याचिका दायर कर चुके हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 18, 2024, 4:46 PM IST

Updated : Mar 18, 2024, 5:52 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष से मुख्तार अंसारी को पक्षकार बनाए जाने को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने पक्षकार बनाए जाने संबंधी फैसले को सुरक्षित रख लिया है और 21 तारीख को इस संदर्भ में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.

दरअसल सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत सिंह की अदालत में मुख्तार अंसारी ज्ञानवापी प्रकरण के मूल वाद में पक्षकार बनाए जाने संबंधी याचिका दायर कर चुके हैं. इस बारे में पहले से हिंदू पक्ष कर विजय शंकर रस्तोगी ज्ञानवापी में संपूर्ण परिसर का सर्वे करने की मांग भी उठा चुके हैं.

इस बारे में आज सुनवाई हुई ज्ञानवापी के 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग मामले में सोमनाथ व्यास के नाती को पक्षकार बनाने के मामले में पुनर्विचार याचिका पर भी आज सुनवाई हुई है.

व्यास जी तहखाने में पूजा के अधिकार पाने के लिए शैलेंद्र व्यास ने खुद को मूल बाद में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है. जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. लॉर्ड विश्वेश्वर के मामले में भी सर्व को लेकर सुनवाई जारी है. 21 मार्च को अब इस मामले में भी अगली सुनवाई होगी.

1991 के मूल मुकदमे में पक्षकार बनाए जाने को लेकर मुख्तार अहमद अंसारी की तरफ से कोर्ट में एप्लीकेशन दी गई है. जिस पर पिछले दिनों भी सुनवाई हुई थी. इस मामले में आज सुनवाई होने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. माना जा रहा है कि 21 मार्च को कोर्ट अपना आदेश पारित करेगा.

ज्ञानवापी की छत पर नमाजियों को रोकने की एप्लिकेशन पर अंजुमन इंतेजामिया ने दाखिल की आपत्ति: ज्ञानवापी मामले में पिछले दिनों व्यास जी के तहखाने के ऊपर अधिक संख्या में नमाजियों के मौजूद रहने के कारण कमजोर छत के गिरने की आशंका और पत्थर टूट कर नीचे गिरने की बात को लेकर छत के ऊपर नमाज पढ़ने वालों को रोकने की एप्लीकेशन पर आज सुनवाई हुई.

मामले में सुनवाई 4 अप्रैल को: इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगले सुनवाई के लिए 4 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. इस दौरान मुस्लिम पक्षी की तरफ से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने एप्लीकेशन के खिलाफ आपत्ति दाखिल करते हुए छत कमजोर होने और पत्थर टूट कर गिरने की बात को सरासर गलत बताकर मुकदमे को मजबूत करने के लिए गलत बातें कोर्ट में दाखिल करने की बात कही है. इसलिए तत्काल इस एप्लीकेशन को खारिज करने की भी अपील की है.

अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमिटी ने फाइल किया ऑब्जेक्शन: दरसअल ज्ञानवापी प्रकरण में जन उद्घोष सेवा संस्थान ने नंदी जी महाराज विराजमान की तरफ से फाइल मुकदमे के अंतर्गत व्यास जी के तहखाने की मरम्मत कराए जाने और तलगृह की छत पर नमाजियों के जाने पर रोक लगाने को लेकर गत 6 मार्च को सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में एप्लिकेशन दाखिल की थी. जिस पर आज सुनवाई हुई. जिसमें विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमिटी ने अपना ऑब्जेक्शन फाइल किया है.

छत को नुकसान होने की बात कही गई: जन उद्घोष सेवा संस्थान की तरफ से फाइल उक्त मुकदमे में प्रार्थना पत्र 24 ग के माध्यम से यह मांग की गई है कि व्यास जी के तहखाने में 31 जनवरी 2024 से लागातार पूजा पाठ और दर्शन हो रहे हैं. तहखाने की छत बहुत कमजोर और जर्जर है और नमाजियों द्वारा छत के ऊपर जाकर चहलकदमी करने या नमाज पढ़ने से छत को नुकसान पहुंच रहा है.

पूजा करते समय छत का पत्थर टूटकर गिरा था: तहखाने के अंदर पूजा करने वाले पुजारियों के बगल में पिछले दिनों छत से टूटकर एक पत्थर आ गिरा था जिससे उनकी जान माल का खतरा लगातार बना हुआ है. जिसकी सूचना मंदिर कार्यपालक ने जिला मजिस्ट्रेट को और फिर बाद में कोर्ट को भी दी है. साथ ही अन्दर से छत, दीवारों तथा बीम इत्यादि की आवश्यक मरम्मत करायी जाए. उक्त प्रार्थना पत्र के शीघ्र निस्तारण के लिए वादियों द्वारा निवेदन किया गया है.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी मामला: शैलेंद्र पाठक को पक्षकार बनाए जाने पर फैसला सुरक्षित, 18 मार्च को अगली सुनवाई

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष से मुख्तार अंसारी को पक्षकार बनाए जाने को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने पक्षकार बनाए जाने संबंधी फैसले को सुरक्षित रख लिया है और 21 तारीख को इस संदर्भ में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.

दरअसल सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत सिंह की अदालत में मुख्तार अंसारी ज्ञानवापी प्रकरण के मूल वाद में पक्षकार बनाए जाने संबंधी याचिका दायर कर चुके हैं. इस बारे में पहले से हिंदू पक्ष कर विजय शंकर रस्तोगी ज्ञानवापी में संपूर्ण परिसर का सर्वे करने की मांग भी उठा चुके हैं.

इस बारे में आज सुनवाई हुई ज्ञानवापी के 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग मामले में सोमनाथ व्यास के नाती को पक्षकार बनाने के मामले में पुनर्विचार याचिका पर भी आज सुनवाई हुई है.

व्यास जी तहखाने में पूजा के अधिकार पाने के लिए शैलेंद्र व्यास ने खुद को मूल बाद में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है. जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. लॉर्ड विश्वेश्वर के मामले में भी सर्व को लेकर सुनवाई जारी है. 21 मार्च को अब इस मामले में भी अगली सुनवाई होगी.

1991 के मूल मुकदमे में पक्षकार बनाए जाने को लेकर मुख्तार अहमद अंसारी की तरफ से कोर्ट में एप्लीकेशन दी गई है. जिस पर पिछले दिनों भी सुनवाई हुई थी. इस मामले में आज सुनवाई होने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. माना जा रहा है कि 21 मार्च को कोर्ट अपना आदेश पारित करेगा.

ज्ञानवापी की छत पर नमाजियों को रोकने की एप्लिकेशन पर अंजुमन इंतेजामिया ने दाखिल की आपत्ति: ज्ञानवापी मामले में पिछले दिनों व्यास जी के तहखाने के ऊपर अधिक संख्या में नमाजियों के मौजूद रहने के कारण कमजोर छत के गिरने की आशंका और पत्थर टूट कर नीचे गिरने की बात को लेकर छत के ऊपर नमाज पढ़ने वालों को रोकने की एप्लीकेशन पर आज सुनवाई हुई.

मामले में सुनवाई 4 अप्रैल को: इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगले सुनवाई के लिए 4 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. इस दौरान मुस्लिम पक्षी की तरफ से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने एप्लीकेशन के खिलाफ आपत्ति दाखिल करते हुए छत कमजोर होने और पत्थर टूट कर गिरने की बात को सरासर गलत बताकर मुकदमे को मजबूत करने के लिए गलत बातें कोर्ट में दाखिल करने की बात कही है. इसलिए तत्काल इस एप्लीकेशन को खारिज करने की भी अपील की है.

अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमिटी ने फाइल किया ऑब्जेक्शन: दरसअल ज्ञानवापी प्रकरण में जन उद्घोष सेवा संस्थान ने नंदी जी महाराज विराजमान की तरफ से फाइल मुकदमे के अंतर्गत व्यास जी के तहखाने की मरम्मत कराए जाने और तलगृह की छत पर नमाजियों के जाने पर रोक लगाने को लेकर गत 6 मार्च को सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में एप्लिकेशन दाखिल की थी. जिस पर आज सुनवाई हुई. जिसमें विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमिटी ने अपना ऑब्जेक्शन फाइल किया है.

छत को नुकसान होने की बात कही गई: जन उद्घोष सेवा संस्थान की तरफ से फाइल उक्त मुकदमे में प्रार्थना पत्र 24 ग के माध्यम से यह मांग की गई है कि व्यास जी के तहखाने में 31 जनवरी 2024 से लागातार पूजा पाठ और दर्शन हो रहे हैं. तहखाने की छत बहुत कमजोर और जर्जर है और नमाजियों द्वारा छत के ऊपर जाकर चहलकदमी करने या नमाज पढ़ने से छत को नुकसान पहुंच रहा है.

पूजा करते समय छत का पत्थर टूटकर गिरा था: तहखाने के अंदर पूजा करने वाले पुजारियों के बगल में पिछले दिनों छत से टूटकर एक पत्थर आ गिरा था जिससे उनकी जान माल का खतरा लगातार बना हुआ है. जिसकी सूचना मंदिर कार्यपालक ने जिला मजिस्ट्रेट को और फिर बाद में कोर्ट को भी दी है. साथ ही अन्दर से छत, दीवारों तथा बीम इत्यादि की आवश्यक मरम्मत करायी जाए. उक्त प्रार्थना पत्र के शीघ्र निस्तारण के लिए वादियों द्वारा निवेदन किया गया है.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी मामला: शैलेंद्र पाठक को पक्षकार बनाए जाने पर फैसला सुरक्षित, 18 मार्च को अगली सुनवाई

Last Updated : Mar 18, 2024, 5:52 PM IST
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