लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नहीं आए. बताया जा रहा है कि वे लखनऊ में ही नहीं है. कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होने के बावजूद उनका राजधानी में न होना सियासी हलको में चर्चा का सबब बना हुआ है.
चर्चा इस बात की भी है कि आखिर कैबिनेट मीटिंग के दिन केशव प्रसाद मौर्य कहां चले गए. उनका कोई औपचारिक कार्यक्रम भी किसी शहर में अभी तक नहीं बताया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के लिए कैबिनेट मीटिंग से बड़ा आयोजन क्या हो सकता है, यह भी सवाल है.
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लेकर चर्चाएं थम नहीं रही हैं. उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा भी खत्म नहीं हुई थी कि वे मंगलवार को आयोजित की गई कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे.
लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में 6 दिन तक जमे रहे थे केशव मौर्य: इससे पहले भी केशव प्रसाद मौर्य लोकसभा चुनाव 2024 के बाद हुई योगी की महत्वपूर्ण मंत्रीमंडल बैठक और पहली कैबिनेट मीटिंग से गायब रहे थे. तब केशव मौर्य पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में गए थे और वहीं डेरा जमा लिया था. करीब 6 दिन बाद केशव मौर्य दिल्ली से लौटे थे.
दिल्ली से लौटने पर लखनऊ के नेताओं से करते रहे मुलाकात: दिल्ली से लौटने के बाद केशव प्रसाद मौर्य लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के अलग-अलग नेताओं से मुलाकात कर रहे थे. इसमें पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. अब एक बार फिर से केशव मौर्य का कैबिनेट मीटिंग से गायब रहना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.
केंद्रीय संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के कयास: फिलहाल केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कोई भी फैसला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने नहीं लिया है. माना जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र के बाद उत्तर प्रदेश या केंद्रीय संगठन में जो बदलाव किए गए जाएंगे, उनमें केशव प्रसाद मौर्य को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है.
कैबिनेट बैठक से गायब होने के क्या हैं मायने: केशव प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मीटिंग से गायब होने को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं. इससे पहले पिछली कैबिनेट मीटिंग में भी केशव प्रसाद मौर्य नहीं आए थे. उससे पहले भी एक मंत्रिमंडल की सामान्य बैठक में भी मौर्य नदारद रहे थे.
एक बार फिर उनकी गैर मौजूदगी चर्चाओं को हवा दे रही है. इसके अलावा केशव प्रसाद मौर्य की टीम की ओर से यह भी नहीं बताया गया कि आखिर वह कहां गए हैं. 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद से ही मौर्य लगातार अलग-अलग चल रहे हैं. जिससे इस बात की आशंका को बल मिल रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य के कुछ अलग प्लान हैं.
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