अलवर. शहर में गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जनसुनवाई आयोजित की गई. इसमें एक अजीब वाकया देखने को मिला. यहां एक शिकायतकर्ता अपना परिवाद निस्तारण नहीं होने के चलते एक अजीब स्मृति चिन्ह लेकर आया, जिसमें विस्मृति चिन्ह लिखा था. साथ में यह भी लिखा था कि उनके परिवाद का निस्तारण 25 बार में भी नहीं हो सका. इसलिए यह 'विस्मृति चिन्ह' वाक्य लिखा हुआ है. जनसुनवाई का यह वाकया पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा.
गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जनसुनवाई में पहुंचे टीकम सैनी ने बताया कि शहर के लाल डिग्गी क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या है. करीब 25 साल पहले से वे 24 बार इस समस्या से जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुके थे, लेकिन अभी तक यह समस्या जस की तस है. इसके चलते यह स्मृति चिन्ह तैयार कर जनप्रतिनिधियों को दिया गया है. टीकम ने बताया कि इसके पीछे हमारा उद्देश्य यह है कि जिला कलेक्टर को अलवर जिले के अधिकारियों के बारे में पता लगे कि वह तरह से काम कर रहे हैं.
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जनप्रतिनिधि हो जागरूक, इस लिए उठाया यह कदम: परिवादी ने बताया कि शहर में लाल डिग्गी पर अतिक्रमण है. परिवाद देने पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. इसलिए यह कदम उठाना पड़ा. उसने कहा कि यह कदम किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि को जागरूक करने के लिए है. इस मामले में हर बार जनसुनवाई में परिवाद दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई अभी तक नहीं हुई. इसमें किसी के अपमान का कोई भाव नहीं है, केवल नौकरशाही की कार्यशाली को उजागर मात्र करना है. हालांकि जनप्रतिनिधियों ने स्मृति चिन्ह लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस बार भी निस्तारण नहीं होता है तो अगली बार 26वीं व 27वीं बार भी विस्मृति चिन्ह लाया जाएगा.