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ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024: 21 या 22 जून, कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा? यहां देखें मुहूर्त, डेट और पूजा विधि - Jyeshtha Purnima 2024

Jyeshtha Purnima: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 21 जून को सुबह के समय होगा. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 20, 2024, 8:47 PM IST

21 या 22 जून, कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा? (etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा भगवान सत्यनारायण को समर्पित है. इस दिन भगवान सत्यनारायण की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने से शुभ फल प्राप्त होता है. लेकिन इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है, की पूर्णिमा 21 जून या 22 जून को है.

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा बताते हैं ज्येष्ठ महीने का अंतिम दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा होती है. शनिवार, 21 जून 2024 को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा में तिथि वृद्धि हो रही है. 21 जून को पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा, जबकि 22 जून को सुबह 6:37 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत चारयोग में रखा जाएगा. पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त:

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: शनिवार, 21 जून 2024 सुबह 07:32 AM से शुरू.
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: शनिवार, 22 जून 2024 सुबह 06:38 पर समाप्त.
  • उदया तिथि के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जाएगा.

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि: ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें. अगर आप गंगा स्नान कर सकते हैं तो जरूर करें. स्नान के पश्चात ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें. विधि विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. देवी देवताओं को प्रिया भोग लगाएं और बाद में प्रसाद के रूप में घर परिवार में वितरित करें.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान:

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि के दिन संबंध बनाने से पूर्णता बचना चाहिए. ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें.
  • पूर्णिमा तिथि के दिन पूर्ण रूप से तामसिक भोजन का त्याग करें.
  • वाणी पर विशेष नियंत्रण रखें. किसी से भी दुर्व्यवहार या अपशब्द का प्रयोग ना करें.

Disclaimer: धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर खबर आधारित है. ईटीवी भारत खबर में दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता के शत प्रतिशत सही होने की पुष्टि नहीं करता है. खबर केवल जानकारी के लिए है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद अहम है.

  1. ये भी पढ़ें: ज्येष्ठ पूर्णिमा से लेकर गंगा दशहरा तक ज्येष्ठ माह में आएंगे ये प्रमुख व्रत-त्यौहार, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट

21 या 22 जून, कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा? (etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा भगवान सत्यनारायण को समर्पित है. इस दिन भगवान सत्यनारायण की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने से शुभ फल प्राप्त होता है. लेकिन इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है, की पूर्णिमा 21 जून या 22 जून को है.

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा बताते हैं ज्येष्ठ महीने का अंतिम दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा होती है. शनिवार, 21 जून 2024 को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा में तिथि वृद्धि हो रही है. 21 जून को पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा, जबकि 22 जून को सुबह 6:37 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत चारयोग में रखा जाएगा. पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त:

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: शनिवार, 21 जून 2024 सुबह 07:32 AM से शुरू.
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: शनिवार, 22 जून 2024 सुबह 06:38 पर समाप्त.
  • उदया तिथि के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जाएगा.

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि: ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें. अगर आप गंगा स्नान कर सकते हैं तो जरूर करें. स्नान के पश्चात ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें. विधि विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. देवी देवताओं को प्रिया भोग लगाएं और बाद में प्रसाद के रूप में घर परिवार में वितरित करें.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान:

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि के दिन संबंध बनाने से पूर्णता बचना चाहिए. ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें.
  • पूर्णिमा तिथि के दिन पूर्ण रूप से तामसिक भोजन का त्याग करें.
  • वाणी पर विशेष नियंत्रण रखें. किसी से भी दुर्व्यवहार या अपशब्द का प्रयोग ना करें.

Disclaimer: धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर खबर आधारित है. ईटीवी भारत खबर में दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता के शत प्रतिशत सही होने की पुष्टि नहीं करता है. खबर केवल जानकारी के लिए है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद अहम है.

  1. ये भी पढ़ें: ज्येष्ठ पूर्णिमा से लेकर गंगा दशहरा तक ज्येष्ठ माह में आएंगे ये प्रमुख व्रत-त्यौहार, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट
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