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जया एकादशी 2024: जया एकादशी कब? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Jaya Ekadashi 2024: माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली जया एकादशी का व्रत 19 फरवरी को रखा जाएगा. इस व्रत को रखकर भक्त भगवान विष्णु की कृपा पा सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है इसका महत्व और इस व्रत को कैसे करें..

जया एकादशी कब? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
जया एकादशी कब? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 18, 2024, 3:49 PM IST

जया एकादशी कब? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली/गाजियाबाद: साल भर में कुल 12 एकादशी तिथि पड़ती है. वैसे तो प्रत्येक एकादशी का अपना अलग महत्व है, लेकिन पुराणों में माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. माघ की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा जाता है. जया एकादशी को लेकर शास्त्रों में बताया गया है कि श्रद्धापूर्वक इस व्रत को रखने से व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात भूत-प्रेत नहीं बनना पड़ता है. जया एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं कि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, पूजा का समय और उपाय...

पूजा विधि: जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें. स्थान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे कपड़े पहने. व्रत का संकल्प करें. घर के मंदिर की साफ सफाई कर दीप प्रज्वलित करें. चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना कर जलाभिषेक करें. दूध और केसर युक्त मिष्ठान तैयार कर भगवान विष्णु को अर्पित करें. भगवान विष्णु की पुष्प धूप, दीप, नैवेद्य से पूजा करें. यदि आप व्रत रखने में असमर्थ हैं तो अल्पाहार या फलाहार कर सकते हैं. एकादशी तिथि की शाम को तुलसी के पौधे के समक्ष दीप प्रज्वलित करें. ऐसा करना बेहद फलदाई बताया गया है. एकादशी व्रत का पारण अगले दिन करें.

जया एकादशी शुभ मुहूर्त:

  • जया एकादशी प्रारंभ: 19 फरवरी (सोमवार) 08:49 AM से शुरू.
  • जया एकादशी समाप्त: 20 फरवरी (मंगलवार) 09:55 AM मिनट पर समाप्त होगी.
  • व्रत पारण का समय: 21 फरवरी (बुधवार) 06:55 AM से 09:11 PM तक.
  • जया एकादशी का व्रत पूजा का समय: 12:12 AM से 12:58 PM तक.
  • उदय तिथि के अनुसार जया एकादशी का व्रत 20 दिसंबर को रखा जाएगा.

उपाय: जया एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करें. मान्यताओं के मुताबिक ऐसा करने से जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है.
इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, वस्त्र, पुष्प माला, फल, मिठाई आदि अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही गौ सेवा करें और जरूरतमंदों को अपने समर्थ के अनुसार दान करें. ऐसा करने से घर में आर्थिक संपन्नता का स्थाई वास होता है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान:

  1. जया एकादशी तिथि के दिन भोजन में चावल नहीं खाने चाहिए.
  2. इस दिन तामसिक भोजन करना निषेध बताया है. इस दिन शराब, गुटखा, सिगरेट आदि के सेवन से दूर रहना चाहिए.
  3. ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि के दिन संबंध बनाना पाप बताया गया है.
  4. अपशब्दों का प्रयोग ना करें और गुस्सा करने से बचें.

नोट: खबर में दिए गए तथ्य धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर आधारित हैं. खबर में दी गई किसी भी जानकारी की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है. खबर केवल जानकारी के लिए है.

जया एकादशी कब? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली/गाजियाबाद: साल भर में कुल 12 एकादशी तिथि पड़ती है. वैसे तो प्रत्येक एकादशी का अपना अलग महत्व है, लेकिन पुराणों में माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. माघ की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा जाता है. जया एकादशी को लेकर शास्त्रों में बताया गया है कि श्रद्धापूर्वक इस व्रत को रखने से व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात भूत-प्रेत नहीं बनना पड़ता है. जया एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं कि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, पूजा का समय और उपाय...

पूजा विधि: जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें. स्थान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे कपड़े पहने. व्रत का संकल्प करें. घर के मंदिर की साफ सफाई कर दीप प्रज्वलित करें. चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना कर जलाभिषेक करें. दूध और केसर युक्त मिष्ठान तैयार कर भगवान विष्णु को अर्पित करें. भगवान विष्णु की पुष्प धूप, दीप, नैवेद्य से पूजा करें. यदि आप व्रत रखने में असमर्थ हैं तो अल्पाहार या फलाहार कर सकते हैं. एकादशी तिथि की शाम को तुलसी के पौधे के समक्ष दीप प्रज्वलित करें. ऐसा करना बेहद फलदाई बताया गया है. एकादशी व्रत का पारण अगले दिन करें.

जया एकादशी शुभ मुहूर्त:

  • जया एकादशी प्रारंभ: 19 फरवरी (सोमवार) 08:49 AM से शुरू.
  • जया एकादशी समाप्त: 20 फरवरी (मंगलवार) 09:55 AM मिनट पर समाप्त होगी.
  • व्रत पारण का समय: 21 फरवरी (बुधवार) 06:55 AM से 09:11 PM तक.
  • जया एकादशी का व्रत पूजा का समय: 12:12 AM से 12:58 PM तक.
  • उदय तिथि के अनुसार जया एकादशी का व्रत 20 दिसंबर को रखा जाएगा.

उपाय: जया एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करें. मान्यताओं के मुताबिक ऐसा करने से जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है.
इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, वस्त्र, पुष्प माला, फल, मिठाई आदि अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही गौ सेवा करें और जरूरतमंदों को अपने समर्थ के अनुसार दान करें. ऐसा करने से घर में आर्थिक संपन्नता का स्थाई वास होता है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान:

  1. जया एकादशी तिथि के दिन भोजन में चावल नहीं खाने चाहिए.
  2. इस दिन तामसिक भोजन करना निषेध बताया है. इस दिन शराब, गुटखा, सिगरेट आदि के सेवन से दूर रहना चाहिए.
  3. ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि के दिन संबंध बनाना पाप बताया गया है.
  4. अपशब्दों का प्रयोग ना करें और गुस्सा करने से बचें.

नोट: खबर में दिए गए तथ्य धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर आधारित हैं. खबर में दी गई किसी भी जानकारी की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है. खबर केवल जानकारी के लिए है.

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