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अयोध्या में जब दुकानों और मकानों पर चला था बुलडोजर तब सपा ने पोछे थे पीड़ितों के आंसू, पूर्व मंत्री ने सपा की जीत के खोले राज - Secret of SP victory in Ayodhya

अयोध्या से लोकसभा चुनाव में मिली सपा की एतिहासिक जीत की जहां एक और पूरे देशभर में उसकी चर्चा हो रही है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी के हार के कारणों को भी खोजा जा रहा है. इसी क्रम में सपा नेता और पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने खोले बीजेपी की हार और सपा की जीत के राज

जानिए कैसे मिली बीजेपी को अयोध्या में हार
जानिए कैसे मिली बीजेपी को अयोध्या में हार (photo Source ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 12, 2024, 7:18 PM IST

कैसे मिली अयोध्या में जीत सुनिये पूर्व मंत्री की जुबानी (Video Source ETV BHARAT)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद आए परिणामों पर जिन सीटों की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उनमें फैजाबाद संसदीय सीट का नाम सबसे प्रमुख है. फैजाबाद लोकसभा सीट के अंदर आने वाली पांच विधानसभा सीटों में से एक अयोध्या भी है, जिसे बीजेपी ने सपा के हाथों गंवा दिया. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने ऐसा क्या किया कि उसे जीत हासिल हुई? यहां से सपा के प्रमुख मुद्दे कौन से थे? यह जानने के लिए हमने बात की सपा नेता और अयोध्या के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री पवन पांडेय से... पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...

प्रश्न: इसी साल राम मंदिर का निर्माण हुआ और पूरे देश में इस बात की चर्चा है कि, समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को पराजित किया है. इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर: अयोध्या संसदीय सीट पर सपा की जीत दिलाने के लिए यहां की देव तुल्य निवासियों को बधाई देता हूं. साथ ही मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. जिस सरकार ने जुल्म और अत्याचार किया, जिस सरकार ने किसानों से उनकी जमीन छीनी, जिस सरकार ने व्यापारियों से उनके कई पीढ़ी पुराने दुकान और मकान छीन लिए, मुआवजे के नाम पर लोगों के हाथ में कटोरा दिया. नौजवानों को रोजगार की जगह उनके हाथ में कटोरा थमा दिया. ऐसी अत्याचारी और महंगाई लाने वाली सरकार को अयोध्या की धरती और प्रभु श्रीराम की प्रजा ने हटा दिया. यहां से भगा दिया और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद को सांसद बनाकर मुंहतोड़ जवाब दिया है. जनता ने भाजपा सरकार को जवाब दिया है कि हम तुम्हारा जुल्म और अत्याचार नहीं सहेंगे.

प्रश्न: यह अयोध्या की सीट जीतना महज एक संसदीय सीट जीतना भर नहीं है. इसमें एक बहुत बड़ा मैसेज हैं. भाजपा सरकार का दावा है कि उनकी सरकार ने अरबों की लागत से विकास कार्य कराए हैं. इस जीत के पीछे आप लोगों का कौन सा समीकरण काम कर गया?
उत्तर: जब आप मंदिर की बात कर रहे हैं. मंदिर सबका है. मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च हो, जो भी उसके मानने वाले हैं, सब जाते हैं. राजनीति में मंदिर का कोई स्थान नहीं है. मंदिर अपनी जगह है. मंदिर हमारे लिए पूजा-पाठ का स्थान है. हमारी आस्था का स्थान है. प्रभु श्रीराम हमारी आस्था और भगवान हैं. हम उनके नाम पर राजनीति नहीं करते. हम व्यापारी नहीं हैं. यह भाजपा के लोग हैं, जो राम के नाम पर व्यापार करते हैं वोटों का. हमारे लिए श्रीराम श्रद्धा और आस्था का विषय हैं. हम उनके पुजारी हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं कि हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, उसमें कामयाबी मिले. हमने नेकनीयती से विजय मांगी और हमें विजय मिल गई. जिनकी नीयत में खोंट थी, उन्हें प्रभु श्रीराम ने हरा दिया. एयरपोर्ट में जिन किसानों की जमीन गई क्या उन्हें सही मुआवजा मिला? उनकी जमीनें ले ली गईं और अधिकारियों ने उनके साथ गुंडों जैसा व्यवहार किया. जब लोगों के घरों पर बुलडोजर चल रहा था, तो हम और अखिलेश यादव खड़े हुए थे पीड़ित परिवार के साथ.

प्रश्न: फैजाबाद संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा की जो सीटें है, उनमें चार से भाजपा हारी है. हालांकि अयोध्या विधानसभा सीट से भाजपा को जीत मिली है. आप अयोध्या से विधायक रहे हैं, आप बताइए कि भाजपा की हार अयोध्या से कहां हुई है?
उत्तर: चुनाव जीतने के लिए इन्होंने इतना पैसा खर्च किया, धनबल-बाहुबल और सत्ता का दुरुपयोग किया, सारे हथकंडे अपनाए, बावजूद इसके उन्हें यहां से मामूली बढ़त ही मिली. पहले यहां से उन्हें भारी बढ़त रहती थी. इस बार यह तीन-साढ़े तीन हजार पर सिमट गए हैं. यह सपा की जीत ही है. मैं यह भी विश्वास दिलाना चाहूंगा कि आने वाले समय में यह मामूली लीड भी खत्म हो जाएगी. अयोध्या की जनता अब धीरे-धीरे समझ रही है. अब आदमी अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों पर वापस आ रहा है.

ये भी पढ़ें:अयोध्या में बीजेपी की शर्मनाक हार पर यह बोले संत, क्या जातिवाद-भितरघात रही बड़ी वजह?

कैसे मिली अयोध्या में जीत सुनिये पूर्व मंत्री की जुबानी (Video Source ETV BHARAT)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद आए परिणामों पर जिन सीटों की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उनमें फैजाबाद संसदीय सीट का नाम सबसे प्रमुख है. फैजाबाद लोकसभा सीट के अंदर आने वाली पांच विधानसभा सीटों में से एक अयोध्या भी है, जिसे बीजेपी ने सपा के हाथों गंवा दिया. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने ऐसा क्या किया कि उसे जीत हासिल हुई? यहां से सपा के प्रमुख मुद्दे कौन से थे? यह जानने के लिए हमने बात की सपा नेता और अयोध्या के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री पवन पांडेय से... पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...

प्रश्न: इसी साल राम मंदिर का निर्माण हुआ और पूरे देश में इस बात की चर्चा है कि, समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को पराजित किया है. इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर: अयोध्या संसदीय सीट पर सपा की जीत दिलाने के लिए यहां की देव तुल्य निवासियों को बधाई देता हूं. साथ ही मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. जिस सरकार ने जुल्म और अत्याचार किया, जिस सरकार ने किसानों से उनकी जमीन छीनी, जिस सरकार ने व्यापारियों से उनके कई पीढ़ी पुराने दुकान और मकान छीन लिए, मुआवजे के नाम पर लोगों के हाथ में कटोरा दिया. नौजवानों को रोजगार की जगह उनके हाथ में कटोरा थमा दिया. ऐसी अत्याचारी और महंगाई लाने वाली सरकार को अयोध्या की धरती और प्रभु श्रीराम की प्रजा ने हटा दिया. यहां से भगा दिया और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद को सांसद बनाकर मुंहतोड़ जवाब दिया है. जनता ने भाजपा सरकार को जवाब दिया है कि हम तुम्हारा जुल्म और अत्याचार नहीं सहेंगे.

प्रश्न: यह अयोध्या की सीट जीतना महज एक संसदीय सीट जीतना भर नहीं है. इसमें एक बहुत बड़ा मैसेज हैं. भाजपा सरकार का दावा है कि उनकी सरकार ने अरबों की लागत से विकास कार्य कराए हैं. इस जीत के पीछे आप लोगों का कौन सा समीकरण काम कर गया?
उत्तर: जब आप मंदिर की बात कर रहे हैं. मंदिर सबका है. मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च हो, जो भी उसके मानने वाले हैं, सब जाते हैं. राजनीति में मंदिर का कोई स्थान नहीं है. मंदिर अपनी जगह है. मंदिर हमारे लिए पूजा-पाठ का स्थान है. हमारी आस्था का स्थान है. प्रभु श्रीराम हमारी आस्था और भगवान हैं. हम उनके नाम पर राजनीति नहीं करते. हम व्यापारी नहीं हैं. यह भाजपा के लोग हैं, जो राम के नाम पर व्यापार करते हैं वोटों का. हमारे लिए श्रीराम श्रद्धा और आस्था का विषय हैं. हम उनके पुजारी हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं कि हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, उसमें कामयाबी मिले. हमने नेकनीयती से विजय मांगी और हमें विजय मिल गई. जिनकी नीयत में खोंट थी, उन्हें प्रभु श्रीराम ने हरा दिया. एयरपोर्ट में जिन किसानों की जमीन गई क्या उन्हें सही मुआवजा मिला? उनकी जमीनें ले ली गईं और अधिकारियों ने उनके साथ गुंडों जैसा व्यवहार किया. जब लोगों के घरों पर बुलडोजर चल रहा था, तो हम और अखिलेश यादव खड़े हुए थे पीड़ित परिवार के साथ.

प्रश्न: फैजाबाद संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा की जो सीटें है, उनमें चार से भाजपा हारी है. हालांकि अयोध्या विधानसभा सीट से भाजपा को जीत मिली है. आप अयोध्या से विधायक रहे हैं, आप बताइए कि भाजपा की हार अयोध्या से कहां हुई है?
उत्तर: चुनाव जीतने के लिए इन्होंने इतना पैसा खर्च किया, धनबल-बाहुबल और सत्ता का दुरुपयोग किया, सारे हथकंडे अपनाए, बावजूद इसके उन्हें यहां से मामूली बढ़त ही मिली. पहले यहां से उन्हें भारी बढ़त रहती थी. इस बार यह तीन-साढ़े तीन हजार पर सिमट गए हैं. यह सपा की जीत ही है. मैं यह भी विश्वास दिलाना चाहूंगा कि आने वाले समय में यह मामूली लीड भी खत्म हो जाएगी. अयोध्या की जनता अब धीरे-धीरे समझ रही है. अब आदमी अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों पर वापस आ रहा है.

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