जयपुर. साइबर ठगी से बचने के लिए पुलिस और बैंकों की ओर से जागरूकता के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन साइबर ठग अपने तरीके बदल-बदलकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. वाट्सएप ग्रुप में आए एक लिंक पर क्लिक करना कितना महंगा पड़ सकता है. इसका एक उदहारण देखिए. डेयरी संचालकों के एक ग्रुप में आए लिंक पर क्लिक करने से एक व्यक्ति को अपने बैंक खाते से 4.42 लाख रुपए गंवाने पड़ गए. अब पुलिस तकनीकी आधार पर मामले की जांच कर रही है.
करधनी थानाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि झाबर सिंह नाम के एक शख्स ने थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. उसने रिपोर्ट में बताया कि डेयरी संचालकों के एक ग्रुप में प्रधानमंत्री ग्रामीण योजनाओं से जुड़ने का एक लिंक आया था. उसने उस लिंक पर क्लिक किया तो एक एप उसके मोबाइल में इंस्टॉल हो गया. इसके बाद उसके मोबाइल का एक्सेस साइबर ठगों के पास चला गया और उनके बैंक खातों से 4.42 लाख रुपए निकाल लिए गए. थानाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर तकनीकी आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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साइबर ठग इस तरह देते हैं वारदातों को अंजाम: साइबर एक्सपर्ट हेमराज का कहना है कि साइबर ठग वारदात को अंजाम देने का अपना तरीका कुछ समय बाद बदलते रहते हैं. वाट्सएप ग्रुप में अलग-अलग लिंक भेजकर साइबर ठगी का तरीका पुराना है. लेकिन हर बार इसका कंटेंट बदल दिया जता है. कभी कंपनियों के ऑफर का लाभ दिलवाने के बहाने और कभी सरकार की योजनाओं का फायदा दिलवाने का झांसा देकर लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है. लेकिन क्लिक करते ही मोबाइल का एक्सेस साइबर ठगों के पास चला जता है. ऐसे में किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए.
ठगी का शिकार होने पर यहां मिलेगी मदद: साइबर एक्सपर्ट हेमराज का कहना है कि किसी भी तरह की साइबर ठगी होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत की जा सकती है. ऐसा करने से पीड़ित के बैंक खाते से जिस बैंक खाते में ठगी की रकम गई है. उसे फ्रीज करवाया जा सकता है. कई मामलों में पीड़ित को ठगी होने का आभास देरी से होता है. तब तक साइबर ठग ठगी की रकम खातों से निकलवा लेते हैं.