नई दिल्ली/गाजियाबाद: तापमान बढ़ने के साथ गाजियाबाद में आग लगने की घटनाओं में भी इजाफा देखा गया है. आग लगने की कई घटनाएं ऐसी भी थी जिसमें छोटी सी लापरवाही के चलते घर में आग फैल गई. 6 महीने के दौरान गाजियाबाद में तकरीबन 25 ऐसी घटनाएं सामने आई है. जहां गैस सिलेंडर में रिसाव होने के चलते आग फैल गई. हालांकि, कई घटनाएं ऐसी भी हुई जिसमें लोगों को जान गंवानी पड़ी.
गाजियाबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल के मुताबिक, साल 2024 में 25 जून 2024 तक रसोई गैस से लीकेज होने पर आग लगने की तकरीबन 25 मामले सामने आए हैं. रसोई गैस में लीकेज होने पर आग लग जाती है और कई बार यह आग भयानक रूप ले लेती है. इससे आग घर में फैल जाती है. कमर्शियल गैस सिलेंडर में भी लीकेज के चलते कई दुकानों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं.
दो हफ्तों में चार अगलगी की घटनाः राहुल पाल के मुताबिक बीते दो हफ्तों में रसोई गैस में रिसाव होने के चलते चार आग की घटनाएं सामने आई है. हाल ही में वसुंधरा सेक्टर 15 में गैस सिलेंडर में रिसाव होने से फ्लैट में आग लग गई थी. थाना टीला मोड़ इलाके में घर में गैस सिलेंडर में रिसाव होने के चलते आग लग गई थी जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी. कई दुकानों में भी गैस सिलेंडर में रिसाव होने के चलते आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं.
कैसे पता करें गैस लीक हो रही है या नहीं?: राहुल पाल ने बताया कि गैस सिलेंडर लीक के बारे में पता करने के लिए पानी की मदद ले सकते हैं. आपको सिलेंडर में रेगुलेटर लगाने वाली जगह पर थोड़ा पानी डालना होता है. ऐसे में अगर उसमें से बुलबुले उठ रहे हैं तो ये संकेत होता है कि गैस सिलेंडर लीक है.
इन सावधानियों को बर्तें
- गैस सिलेंडर के पाइप और रेगुलेटर को समय-समय पर चेक करते रहें. सिलेंडर में लगा रेगुलेटर और गैस पाइप आईएसआई मार्क का होना चाहिए. लोकल पाइप का इस्तेमाल करना कई बार गैस रिसाव का कारण बन जाता है.
- रात को सोने से पहले रेगुलेटर को स्विच ऑफ करें. यदि किसी प्रकार की गैस की इसमें ला रही है तो चूल्हे का इस्तेमाल न करें.
- यदि आप घर में स्पेयर में भरा हुआ गैस सिलेंडर रखते हैं तो ध्यान रहे सिलेंडर ऐसे स्थान पर ना रखा हो की आग लगने पर उसे बाहर निकलना मुश्किल हो. जहां गैस सिलेंडर रखा हो वहां पर किसी प्रकार की लकड़ी, थर्माकोल, प्लास्टिक आदि के सामान को न रखें.
- जहां पर गैस सिलेंडर का आप प्रयोग कर रहे हैं वहां पर प्रॉपर वेंटिलेशन होना बेहद जरूरी है. जिस की लीकेज होने पर गैस इकट्ठी ना हो सके और वेंटिलेशन के जरिए बाहर निकल सके.
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