ETV Bharat / state

अगर गर्लफ्रेंड कर रही है ब्लैकमेल तो कैसे बचें? आत्मघाती कदम उठाने से पहले ये तरीका अपनाएं - BLACKMAILER GIRLFRIEND

इस समय बहुत से ऐसे मामले में सामने आ रहे हैं कि गर्लफ्रेंड द्वारा ब्लैकमेल से परेशान होकर युवा अपनी जान दे रहे हैं. आइए जानते हैं कि ऐसे ब्लैकमेलर से कैसे बचें और किससे अपनी परेशानी बताएं.

गर्लफ्रेंड की ब्लैकमेलिंग से परेशान युवक कर रहे आत्महत्या.
गर्लफ्रेंड की ब्लैकमेलिंग से परेशान युवक कर रहे आत्महत्या. (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 18, 2024, 7:39 PM IST

मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभय सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: यूपी के दो शहरों लखनऊ और गाजियाबाद में दो आत्महत्याओं ने सभी को चौंका दिया है. इसमें एक यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल तो दूसरा सोने का व्यापारी था. दोनों ने ही अपनी जान ब्लैकमेलर गर्लफ्रेंड से परेशान होकर दी थी. दोनों ने ही पहले अपने प्यार के जाल में फंसाया और फिर बर्बाद करने की धमकी देकर लाखों रुपए वसूल लिए. पैसा खत्म हुआ तो देने को कुछ बचा नहीं ऐसे में पीड़ितों ने अपनी जान ही दे डाली. लेकिन क्या मौत ही आखिरी रास्ता था? क्या कानून की किताब में ऐसी ब्लैकमेलर के खिलाफ कोई आईपीसी या बीएनएस नहीं बनी है? आइए समझते हैं.


2 साल में 6 लाख रुपये दिए फिर भी सिपाही का नहीं छोड़ा पीछा
गाजियाबाद के मुरादनगर में नगर पालिका परिषद में ईवीएम मशीन की सुरक्षा में तैनात सिपाही पम्मी ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले सिपाही ने एक वीडियो बनाया और उसमें उसने बताया कि उसके गांव की एक लड़की से संबंध हो गए थे. दो साल से युवती अपने साथी के साथ उसको ब्लैकमेल कर रही थी. इतना ही नहीं उसको झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही थी. सिपाही ने वीडियो में कहा था कि वह लड़की को दो साल में छह लाख रुपये दे चुका है. पत्नी के गहने तक बेच कर उसको रुपये दिए थे. लेकिन अब उसके पास पैसे नहीं है और वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. ऐसे में अपनी जिंदगी खत्म करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है.

15 लाख लेकर भी ज्वेलर्स पर युवती ने दर्ज करा दिया रेप का मुकदमा
वहीं, लखनऊ के सैरपुर इलाके में स्थित एक होटल में लखीमपुर खीरी के रहने वाले मनोज सोनी ने आत्महत्या कर ली थी. मनोज ने सुसाइड नोट लिखा था कि 6 वर्ष पहले उनकी दुकान पर आई और उसका मोबाइल नंबर ले गई. फिर धीरे-धीरे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया. दो वर्ष बात होने के बाद रुपयों की डिमांड करने लगी. मना करने पर रेप के केस में फंसाने की धमकी दी. इस पर उसने बरगावां स्थित प्लाट सात लाख रुपए में बेचकर रुपए दिए. इसके बाद भी रकम की मांग बढ़ने लगी. मनोज ने वहां दुकान छोड़कर सीतापुर में खोली, लेकिन वहां भी युवती पहुंच गई और रेप का मुकदमा दर्ज करवा दिया. जमानत पर छूट कर आया था. फिर भी नौ लाख रुपए की मांग कर रही थी. सुसाइड नोट में लिखा था उसकी मौत की जिम्मेदार सिर्फ उनकी युवती है.

हर वर्ष ब्लैकमेलर गर्लफ्रेंड से परेशान होकर युवा दे रहे जान
लखनऊ में वर्ष 2021 में एक प्राइवेट जॉब करने वाले युवक को social मीडिया में एक युवती ने प्रेम जाल में फंसाया और फिर ब्लैकमेल करने लगी. जिससे युवक ने अपनी जान दे दी. 2022 में गोमती नगर के कठौता झील में रहने वाले एक अधिवक्ता ने झील में कूद कर अपनी जान दे दी. अधिवक्ता एक युवती की ब्लैकमेल से परेशान थे. वर्ष 2023 में एक युवक ने सगाई से छह दिन पहले ही आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में उसने बताया कि एक लड़की अपनी कुछ दोस्तों के साथ मिलकर गैंग चलाती है. उसी गैंग का शिकार हुआ और अब वो उसे ब्लैकमेल कर रहीं है.

ब्लैकमेलरों से बचने के तरीके.
ब्लैकमेलरों से बचने के तरीके. (ETV Bharat Gfx)
ब्लैकमेल से परेशान होने पर मनोचिकित्सक से लें सलाहबलरामपुर जिला अस्पताल के मनोरोग विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर अभय सिंह कहते है कि जितनी भी आत्महत्याएं ब्लैकमेल की वजह से हुई है. यदि इनमें से कोई उनके या फिर अन्य किसी मनोचिकित्सक के पास गया होता तो शायद इस हादसे को टाला जा सकता था. ब्लैकमेल का शिकार व्यक्ति दो स्थितियों में आत्महत्या करने जैसा कदम उठाता है. पहला या तो वह लंबे समय से उसमें फंसा हुआ है और वह डिप्रेशन का शिकार हो चुका है. दूसरा ब्लैकमेल जैसी स्थिति से परेशान होकर उत्तेजना में वह आत्महत्या कर लेता है. जब एक व्यक्ति ब्लैकमेल का शिकार होता है तब वह हेल्पलेस और होपलेस हो जाता है. उसे डर रहता है कि कहीं समाज में ये बात सामने आ गई तो क्या होगा. ऐसे स्थित में सबसे अच्छा तरीका है कि समाज की चिंता छोड़ कर अपने पार्टनर या घर के किसी भी एक सदस्य को पूरी बात बता दें. एक पढ़े लिखे समाज में परिवार सुलझे हुए होते हैं और मौत से बेहतर है कि घर में थोड़ा सुन ही ले. डॉक्टर अभय मुताबिक, ब्लैकमेल का शिकार व्यक्ति मनो चिकित्सक के पास भी आकर अपनी बात बता सकता है. जिससे डॉक्टर कुछ हद तक आत्महत्या करने के फैसले को लेने से बदल सकते हैं. ब्लैकमेल होने पर पुलिस से जरूर करें संपर्कपूर्व पुलिस अधिकारी श्याम शुक्ला कहते है कि यदि कोई महिला या पुरुष ब्लैकमेल करता है तो जरूर पीड़ित व्यक्ति ने कुछ ऐसा किया होगा, जिससे वह डर रहा है. इसके बावजूद वह यदि ब्लैकमेल का शिकार है तो पीड़ित वही है. कानून में दंड देने का अधिकार सिर्फ कोर्ट को है और उसे इंप्लीमेंट करवाने में पुलिस का रोल होता है. इसके अलावा यदि आपको दंडित करने के लिए या वसूली को लेकर ब्लैकमेल करता है तो यह अपराधिक कृत्य है. इसके लिए पहले आईपीसी की धारा 384 के तहत मुकदमा दर्ज करा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-पहले दर्ज कराई रेप की FIR, फिर पति-पत्नी ने मिलकर मांगे पैसे, ब्लैकमेलिंग से परेशान युवक ने की आत्महत्या


मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभय सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: यूपी के दो शहरों लखनऊ और गाजियाबाद में दो आत्महत्याओं ने सभी को चौंका दिया है. इसमें एक यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल तो दूसरा सोने का व्यापारी था. दोनों ने ही अपनी जान ब्लैकमेलर गर्लफ्रेंड से परेशान होकर दी थी. दोनों ने ही पहले अपने प्यार के जाल में फंसाया और फिर बर्बाद करने की धमकी देकर लाखों रुपए वसूल लिए. पैसा खत्म हुआ तो देने को कुछ बचा नहीं ऐसे में पीड़ितों ने अपनी जान ही दे डाली. लेकिन क्या मौत ही आखिरी रास्ता था? क्या कानून की किताब में ऐसी ब्लैकमेलर के खिलाफ कोई आईपीसी या बीएनएस नहीं बनी है? आइए समझते हैं.


2 साल में 6 लाख रुपये दिए फिर भी सिपाही का नहीं छोड़ा पीछा
गाजियाबाद के मुरादनगर में नगर पालिका परिषद में ईवीएम मशीन की सुरक्षा में तैनात सिपाही पम्मी ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले सिपाही ने एक वीडियो बनाया और उसमें उसने बताया कि उसके गांव की एक लड़की से संबंध हो गए थे. दो साल से युवती अपने साथी के साथ उसको ब्लैकमेल कर रही थी. इतना ही नहीं उसको झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही थी. सिपाही ने वीडियो में कहा था कि वह लड़की को दो साल में छह लाख रुपये दे चुका है. पत्नी के गहने तक बेच कर उसको रुपये दिए थे. लेकिन अब उसके पास पैसे नहीं है और वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. ऐसे में अपनी जिंदगी खत्म करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है.

15 लाख लेकर भी ज्वेलर्स पर युवती ने दर्ज करा दिया रेप का मुकदमा
वहीं, लखनऊ के सैरपुर इलाके में स्थित एक होटल में लखीमपुर खीरी के रहने वाले मनोज सोनी ने आत्महत्या कर ली थी. मनोज ने सुसाइड नोट लिखा था कि 6 वर्ष पहले उनकी दुकान पर आई और उसका मोबाइल नंबर ले गई. फिर धीरे-धीरे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया. दो वर्ष बात होने के बाद रुपयों की डिमांड करने लगी. मना करने पर रेप के केस में फंसाने की धमकी दी. इस पर उसने बरगावां स्थित प्लाट सात लाख रुपए में बेचकर रुपए दिए. इसके बाद भी रकम की मांग बढ़ने लगी. मनोज ने वहां दुकान छोड़कर सीतापुर में खोली, लेकिन वहां भी युवती पहुंच गई और रेप का मुकदमा दर्ज करवा दिया. जमानत पर छूट कर आया था. फिर भी नौ लाख रुपए की मांग कर रही थी. सुसाइड नोट में लिखा था उसकी मौत की जिम्मेदार सिर्फ उनकी युवती है.

हर वर्ष ब्लैकमेलर गर्लफ्रेंड से परेशान होकर युवा दे रहे जान
लखनऊ में वर्ष 2021 में एक प्राइवेट जॉब करने वाले युवक को social मीडिया में एक युवती ने प्रेम जाल में फंसाया और फिर ब्लैकमेल करने लगी. जिससे युवक ने अपनी जान दे दी. 2022 में गोमती नगर के कठौता झील में रहने वाले एक अधिवक्ता ने झील में कूद कर अपनी जान दे दी. अधिवक्ता एक युवती की ब्लैकमेल से परेशान थे. वर्ष 2023 में एक युवक ने सगाई से छह दिन पहले ही आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में उसने बताया कि एक लड़की अपनी कुछ दोस्तों के साथ मिलकर गैंग चलाती है. उसी गैंग का शिकार हुआ और अब वो उसे ब्लैकमेल कर रहीं है.

ब्लैकमेलरों से बचने के तरीके.
ब्लैकमेलरों से बचने के तरीके. (ETV Bharat Gfx)
ब्लैकमेल से परेशान होने पर मनोचिकित्सक से लें सलाहबलरामपुर जिला अस्पताल के मनोरोग विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर अभय सिंह कहते है कि जितनी भी आत्महत्याएं ब्लैकमेल की वजह से हुई है. यदि इनमें से कोई उनके या फिर अन्य किसी मनोचिकित्सक के पास गया होता तो शायद इस हादसे को टाला जा सकता था. ब्लैकमेल का शिकार व्यक्ति दो स्थितियों में आत्महत्या करने जैसा कदम उठाता है. पहला या तो वह लंबे समय से उसमें फंसा हुआ है और वह डिप्रेशन का शिकार हो चुका है. दूसरा ब्लैकमेल जैसी स्थिति से परेशान होकर उत्तेजना में वह आत्महत्या कर लेता है. जब एक व्यक्ति ब्लैकमेल का शिकार होता है तब वह हेल्पलेस और होपलेस हो जाता है. उसे डर रहता है कि कहीं समाज में ये बात सामने आ गई तो क्या होगा. ऐसे स्थित में सबसे अच्छा तरीका है कि समाज की चिंता छोड़ कर अपने पार्टनर या घर के किसी भी एक सदस्य को पूरी बात बता दें. एक पढ़े लिखे समाज में परिवार सुलझे हुए होते हैं और मौत से बेहतर है कि घर में थोड़ा सुन ही ले. डॉक्टर अभय मुताबिक, ब्लैकमेल का शिकार व्यक्ति मनो चिकित्सक के पास भी आकर अपनी बात बता सकता है. जिससे डॉक्टर कुछ हद तक आत्महत्या करने के फैसले को लेने से बदल सकते हैं. ब्लैकमेल होने पर पुलिस से जरूर करें संपर्कपूर्व पुलिस अधिकारी श्याम शुक्ला कहते है कि यदि कोई महिला या पुरुष ब्लैकमेल करता है तो जरूर पीड़ित व्यक्ति ने कुछ ऐसा किया होगा, जिससे वह डर रहा है. इसके बावजूद वह यदि ब्लैकमेल का शिकार है तो पीड़ित वही है. कानून में दंड देने का अधिकार सिर्फ कोर्ट को है और उसे इंप्लीमेंट करवाने में पुलिस का रोल होता है. इसके अलावा यदि आपको दंडित करने के लिए या वसूली को लेकर ब्लैकमेल करता है तो यह अपराधिक कृत्य है. इसके लिए पहले आईपीसी की धारा 384 के तहत मुकदमा दर्ज करा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-पहले दर्ज कराई रेप की FIR, फिर पति-पत्नी ने मिलकर मांगे पैसे, ब्लैकमेलिंग से परेशान युवक ने की आत्महत्या


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.