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वैदिक घड़ी क्या है, जानिए आपके लिए वैदिक घड़ी कितनी उपयोगी - What is Vedic clock

What is Vedic clock अक्सर हम तीज त्योहारों के दिन और काल को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं लेकिन आने वाले दिनों में ये परेशानी दूर हो जाएगी. वैदिक घड़ी की मदद से कोई भी आम आदमी तिथि और मुहूर्त का आसानी से पता लगा सकेगा. World First Vedic clock

What is Vedic clock
वैदिक घड़ी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 15, 2024, 9:03 AM IST

Updated : Mar 15, 2024, 10:53 AM IST

वैदिक घड़ी का लाभ

सरगुजा: विश्व की पहली वैदिक घड़ी मध्यप्रदेश के उज्जैन में लगाई गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वैदिक घड़ी का शुभारंभ किया. लेकिन क्या आप जानते हैं की वैदिक घड़ी क्या होती है. इसके उपयोग क्या हैं और कैसे इसे देखा जाता है. इस बारे में जानकारी हासिल करने ETV भारत ने ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक शर्मा से बात की और जाना कि वैदिक घड़ी क्या और इसके क्या फायदे हैं.

What is Vedic clock
वैदिक घड़ी

सूर्य के सिद्धातों पर काम करती है वैदिक घड़ी: ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक शर्मा ने वैदिक घड़ी के बारे में बताया कि "सामान्य घड़ी आईएसटी बताती है जबकि वैदिक घड़ी जिस समय, जिस स्थान पर खड़े हैं, उस क्षण की सटीक लोकेशन के आधार पर समय बताती है. यह सूर्य के सिद्धान्तों पर समय बताती है. वैदिक घड़ी सनातन परम्परा में ज्योतिष का अभिन्न हिस्सा रही है, जिसके उपयोग से 27 नक्षत्र, वार, घड़ी, मुहूर्त जान सकते हैं. एक सामान्य व्यक्ति के पास भी यदि वैदिक घड़ी है तो वो मुहूर्त देख सकता है, क्षणवार और चौघड़िया निकाल सकता है."

वैदिक घड़ी में 30 घंटे: सनातन धर्म में तिथियों को देखने के लिये पंचांग का उपयोग किया जाता है. जिसमे समय का बारीक और सटीक विश्लेषण होता है. ज्योतिषाचार्य इसका ज्यादा उपयोग करते हैं. वैदिक घड़ी में 30 घंटे होते हैं. इसका मतलब 24 मिनट का एक घटी माना जाता है, 60 घटी का एक अघोरा 24 घंटा माना जाता है जिसे आधा करके 30 घंटा बनाया गया है.

वैदिक घड़ी से लाभ: दीपक शर्मा आगे बताते हैं कि "गर्मी में सूर्य अलग समय पर उगता है. ठंड में अलग समय उदय होता है. इसी के अनुसार पंचांग बनाए जाते हैं. पंचांग सूर्य सिद्धान्तों पर निकाला जाता है. तीज त्योहार को देखने के लिये पंचांग पर आश्रित रहना पड़ता था, क्योंकि कोई भी घड़ी ये नहीं बताती. लेकिन वैदिक घड़ी से तिथियों, तीज त्योहारों की तिथि और मुहूर्त को लेकर भ्रम दूर होगा और सटीक जानकारी पा सकेंगे. किसी भी स्थान के समय का निर्धारण अक्षांस, देशान्तर रेखा के आधार पर होता है, इसलिए वैदिक घड़ी जिस भी स्थान पर आप हैं वहां से ये अक्षांश और देशान्त रेखा, और सूर्योदय का समय लेकर सटीक जानकारी आप को दे देती है"

जीपीएस से कनेक्ट वैदिक घड़ी: विश्व की पहली वैदिक घड़ी को जीपीएस से कनेक्ट किया गया है. इस घड़ी को स्मार्टफोन पर भी यूज कर सकते हैं. प्ले स्टोर से वैदिक घड़ी डाउनलोड करके आप भी कभी भी कहीं भी सनातन संस्कृति के तीज, त्योहार और तिथियों की जानकारी ले सकते हैं.

वैदिक घड़ी ऐसे बताती है समय

  1. 1 बजे की जगह पर लिखा ब्रह्म- ब्रह्म एक ही- 'एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति'.
  2. 2 बजे की जगह पर लिखा अश्विनौ-अश्विनी कुमार दो हैं
  3. 3 बजे के स्थान पर त्रिगुणा:, गुण तीन - 'सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण'
  4. 4 बजे की जगह पर चतुर्वेदा: वेद चार- 'ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद'.
  5. 5 बजे की जगह पर पंचप्राणा: प्राण पांच- 'अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान'
  6. 6 बजे की जगह पर षड्र्सा: रस 6-. मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय.
  7. 7 बजे के स्थान पर सप्तर्षय: सप्त ऋषि 7- कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ.
  8. 8 बजे की जगह पर अष्ट सिद्धिय: सिद्धियां 8-अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व
  9. 9 बजे के स्थान पर नव द्रव्यणि, निधियां 9 प्रकार - पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व
  10. 10 बजे की जगह पर दशदिशः- दिशाएं 10- पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल.
  11. 11 बजे - रुद्रा: रुद्र 11- 'कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड और भव'.
  12. 12 बजे यानी आदित्या:-सूर्य 12-. अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु
ड्रोन दीदी बनकर सरगुजा की बेटियां भर रही उड़ान जानिए क्या है नमो ड्रोन दीदी स्कीम
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वैदिक घड़ी का लाभ

सरगुजा: विश्व की पहली वैदिक घड़ी मध्यप्रदेश के उज्जैन में लगाई गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वैदिक घड़ी का शुभारंभ किया. लेकिन क्या आप जानते हैं की वैदिक घड़ी क्या होती है. इसके उपयोग क्या हैं और कैसे इसे देखा जाता है. इस बारे में जानकारी हासिल करने ETV भारत ने ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक शर्मा से बात की और जाना कि वैदिक घड़ी क्या और इसके क्या फायदे हैं.

What is Vedic clock
वैदिक घड़ी

सूर्य के सिद्धातों पर काम करती है वैदिक घड़ी: ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक शर्मा ने वैदिक घड़ी के बारे में बताया कि "सामान्य घड़ी आईएसटी बताती है जबकि वैदिक घड़ी जिस समय, जिस स्थान पर खड़े हैं, उस क्षण की सटीक लोकेशन के आधार पर समय बताती है. यह सूर्य के सिद्धान्तों पर समय बताती है. वैदिक घड़ी सनातन परम्परा में ज्योतिष का अभिन्न हिस्सा रही है, जिसके उपयोग से 27 नक्षत्र, वार, घड़ी, मुहूर्त जान सकते हैं. एक सामान्य व्यक्ति के पास भी यदि वैदिक घड़ी है तो वो मुहूर्त देख सकता है, क्षणवार और चौघड़िया निकाल सकता है."

वैदिक घड़ी में 30 घंटे: सनातन धर्म में तिथियों को देखने के लिये पंचांग का उपयोग किया जाता है. जिसमे समय का बारीक और सटीक विश्लेषण होता है. ज्योतिषाचार्य इसका ज्यादा उपयोग करते हैं. वैदिक घड़ी में 30 घंटे होते हैं. इसका मतलब 24 मिनट का एक घटी माना जाता है, 60 घटी का एक अघोरा 24 घंटा माना जाता है जिसे आधा करके 30 घंटा बनाया गया है.

वैदिक घड़ी से लाभ: दीपक शर्मा आगे बताते हैं कि "गर्मी में सूर्य अलग समय पर उगता है. ठंड में अलग समय उदय होता है. इसी के अनुसार पंचांग बनाए जाते हैं. पंचांग सूर्य सिद्धान्तों पर निकाला जाता है. तीज त्योहार को देखने के लिये पंचांग पर आश्रित रहना पड़ता था, क्योंकि कोई भी घड़ी ये नहीं बताती. लेकिन वैदिक घड़ी से तिथियों, तीज त्योहारों की तिथि और मुहूर्त को लेकर भ्रम दूर होगा और सटीक जानकारी पा सकेंगे. किसी भी स्थान के समय का निर्धारण अक्षांस, देशान्तर रेखा के आधार पर होता है, इसलिए वैदिक घड़ी जिस भी स्थान पर आप हैं वहां से ये अक्षांश और देशान्त रेखा, और सूर्योदय का समय लेकर सटीक जानकारी आप को दे देती है"

जीपीएस से कनेक्ट वैदिक घड़ी: विश्व की पहली वैदिक घड़ी को जीपीएस से कनेक्ट किया गया है. इस घड़ी को स्मार्टफोन पर भी यूज कर सकते हैं. प्ले स्टोर से वैदिक घड़ी डाउनलोड करके आप भी कभी भी कहीं भी सनातन संस्कृति के तीज, त्योहार और तिथियों की जानकारी ले सकते हैं.

वैदिक घड़ी ऐसे बताती है समय

  1. 1 बजे की जगह पर लिखा ब्रह्म- ब्रह्म एक ही- 'एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति'.
  2. 2 बजे की जगह पर लिखा अश्विनौ-अश्विनी कुमार दो हैं
  3. 3 बजे के स्थान पर त्रिगुणा:, गुण तीन - 'सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण'
  4. 4 बजे की जगह पर चतुर्वेदा: वेद चार- 'ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद'.
  5. 5 बजे की जगह पर पंचप्राणा: प्राण पांच- 'अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान'
  6. 6 बजे की जगह पर षड्र्सा: रस 6-. मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय.
  7. 7 बजे के स्थान पर सप्तर्षय: सप्त ऋषि 7- कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ.
  8. 8 बजे की जगह पर अष्ट सिद्धिय: सिद्धियां 8-अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व
  9. 9 बजे के स्थान पर नव द्रव्यणि, निधियां 9 प्रकार - पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व
  10. 10 बजे की जगह पर दशदिशः- दिशाएं 10- पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल.
  11. 11 बजे - रुद्रा: रुद्र 11- 'कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड और भव'.
  12. 12 बजे यानी आदित्या:-सूर्य 12-. अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु
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Last Updated : Mar 15, 2024, 10:53 AM IST
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