ETV Bharat / state

वंदना दादेल और मंजूनाथ भजंत्री पर चुनाव आयोग की नाराजगी की क्या है वजह, जानिए पूर्व सीनियर आईएएस की जुबानी - Election Commission Displeasure - ELECTION COMMISSION DISPLEASURE

EC action on Jharkhand IAS.पूर्व आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद ने झारखंड के आईएएस अधिकारियों पर चुनाव आयोग की नाराजगी पर बयान दिया है.

Election Commission Displeasure
रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री और कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल . (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 4, 2024, 10:02 PM IST

Updated : Oct 4, 2024, 10:17 PM IST

रांचीः कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल और रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग की नाराजगी वाजिब है. यह बयान झारखंड के पूर्व सीनियर आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद ने दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह का पत्र असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव आयोग को लिखा गया, वह कार्यपालिका नियमावली यानी रूल्स ऑफ एग्जीक्यूटिव बिजनेस के खिलाफ है. इस तरह के आरोपों से जुड़ा पत्र कोई भी अधिकारी किसी संवैधानिक संस्था को लिख ही नहीं सकता है. अगर ऐसा पत्र लिखा गया है तो उसे यह माना जाएगा कि उस पर राज्य सरकार की सहमति है. उन्होंने बताया कि अगर इस तरह का पत्र लिखने के लिए संचिकाओं में विभागीय मंत्री यानी मुख्यमंत्री की सहमति नहीं है तो इसका मतलब हुआ कि अधिकारी ने किसी सूचना पर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को इस तरह का पत्र लिखा.

झारखंड में अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव

भाजपा के प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा कि इससे साबित होता है कि झारखंड में अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव है. उन्होंने आशंका जताई है कि ऐसा पत्र लिखने के लिए उन्हें कहा गया होगा, लेकिन अधिकारी ने कार्यपालिका नियमावली का संदर्भ लिए बगैर पत्र लिख दिया. जाहिर है कि ऐसा होगा तो चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था अपनी नाराजगी जाहिर करेगा.

बयान देते भाजपा प्रवक्ता जेबी तुबिद. (वीडियो-ईटीवी भारत)

मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र का मतलब क्या?

पूर्व सीनियर आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद ने रांची के डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र का मतलब भी बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान या उससे पहले प्रशासनिक चीजों की समीक्षा करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान संबंधित राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, सभी उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक से लेकर तमाम वैसे अधिकारी जो चुनाव में सीधे रूप से जुड़े होते हैं, उन पर प्रशासनिक नियंत्रण और निर्देशन का अधिकार चुनाव आयोग के पास रहता है. ऐसे में चुनाव आयोग को अगर लगता है कि पूर्व में कोई अधिकारी चुनाव आयोग द्वारा दंडित हुए हैं और वर्तमान में ऐसे पद पर हैं जो सीधे तौर पर चुनावी व्यवस्था से जुड़ा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को निर्देशित कर सकता है.

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, चुनाव आयोग ने 6 दिसंबर 2021 के आदेश का हवाला देते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ 15 दिन के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और चार्ज मेमो जारी कर आयोग को सूचित करने का आदेश दिया है. पूरा मामला देवघर के मधुपुर विधानसभा उपचुनाव से जुड़ा है. यह उपचुनाव अप्रैल 2021 में हुआ था. तब गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि देवघर के डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर रहते हुए मंजूनाथ भजंत्री ने उनके खिलाफ एक ही दिन पांच थानों में एफआईआर दर्ज कराई थी.

ये भी पढ़ें-

चुनाव आयोग का रांची डीसी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश - Ranchi DC Manjunath Bhajantri

मंजूनाथ भजंत्री ने ग्रहण किया रांची डीसी का पदभार, बताई प्राथमिकताएं - IAS Manjunath Bhajantri

हवाई उड़ान विवाद: डीसी के खिलाफ गोड्डा सांसद का जीरो एफआईआर अबतक नहीं पहुंचा देवघर, हाईकोर्ट ने कहा- वेरीफाई करे केंद्र

रांचीः कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल और रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग की नाराजगी वाजिब है. यह बयान झारखंड के पूर्व सीनियर आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद ने दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह का पत्र असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव आयोग को लिखा गया, वह कार्यपालिका नियमावली यानी रूल्स ऑफ एग्जीक्यूटिव बिजनेस के खिलाफ है. इस तरह के आरोपों से जुड़ा पत्र कोई भी अधिकारी किसी संवैधानिक संस्था को लिख ही नहीं सकता है. अगर ऐसा पत्र लिखा गया है तो उसे यह माना जाएगा कि उस पर राज्य सरकार की सहमति है. उन्होंने बताया कि अगर इस तरह का पत्र लिखने के लिए संचिकाओं में विभागीय मंत्री यानी मुख्यमंत्री की सहमति नहीं है तो इसका मतलब हुआ कि अधिकारी ने किसी सूचना पर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को इस तरह का पत्र लिखा.

झारखंड में अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव

भाजपा के प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा कि इससे साबित होता है कि झारखंड में अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव है. उन्होंने आशंका जताई है कि ऐसा पत्र लिखने के लिए उन्हें कहा गया होगा, लेकिन अधिकारी ने कार्यपालिका नियमावली का संदर्भ लिए बगैर पत्र लिख दिया. जाहिर है कि ऐसा होगा तो चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था अपनी नाराजगी जाहिर करेगा.

बयान देते भाजपा प्रवक्ता जेबी तुबिद. (वीडियो-ईटीवी भारत)

मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र का मतलब क्या?

पूर्व सीनियर आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद ने रांची के डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र का मतलब भी बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान या उससे पहले प्रशासनिक चीजों की समीक्षा करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान संबंधित राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, सभी उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक से लेकर तमाम वैसे अधिकारी जो चुनाव में सीधे रूप से जुड़े होते हैं, उन पर प्रशासनिक नियंत्रण और निर्देशन का अधिकार चुनाव आयोग के पास रहता है. ऐसे में चुनाव आयोग को अगर लगता है कि पूर्व में कोई अधिकारी चुनाव आयोग द्वारा दंडित हुए हैं और वर्तमान में ऐसे पद पर हैं जो सीधे तौर पर चुनावी व्यवस्था से जुड़ा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को निर्देशित कर सकता है.

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, चुनाव आयोग ने 6 दिसंबर 2021 के आदेश का हवाला देते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ 15 दिन के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और चार्ज मेमो जारी कर आयोग को सूचित करने का आदेश दिया है. पूरा मामला देवघर के मधुपुर विधानसभा उपचुनाव से जुड़ा है. यह उपचुनाव अप्रैल 2021 में हुआ था. तब गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि देवघर के डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर रहते हुए मंजूनाथ भजंत्री ने उनके खिलाफ एक ही दिन पांच थानों में एफआईआर दर्ज कराई थी.

ये भी पढ़ें-

चुनाव आयोग का रांची डीसी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश - Ranchi DC Manjunath Bhajantri

मंजूनाथ भजंत्री ने ग्रहण किया रांची डीसी का पदभार, बताई प्राथमिकताएं - IAS Manjunath Bhajantri

हवाई उड़ान विवाद: डीसी के खिलाफ गोड्डा सांसद का जीरो एफआईआर अबतक नहीं पहुंचा देवघर, हाईकोर्ट ने कहा- वेरीफाई करे केंद्र

Last Updated : Oct 4, 2024, 10:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.