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केंद्रीय बजट में क्या मिला झारखंड को? आर्थिक मामलों के जानकार, आदिवासी संगठन और राजनीतिक दलों की मिलीजुली प्रतिक्रिया - Union Budget 2024

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 23, 2024, 2:37 PM IST

Updated : Jul 23, 2024, 7:04 PM IST

What did Jharkhand get in the budget? केंद्रीय वित्त मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में साल 2024-25 के लिए आम बजट पेश किया. इस बजट में झारखंड को क्या मिला, इसे लेकर आर्थिक मामलों के जानकार, आदिवासी संगठन और राजनीतिक दलों का क्या कहना है, इस रिपोर्ट में जाने.

What did Jharkhand get in the budget
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

रांची: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है. झारखंड के लिहाज से बात करें तो बजट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रदीप जैन ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्र सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश पर दिल खोलकर कृपा बरसाई है.

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर कुमार मंत्री (ईटीवी भारत)

केंद्र सरकार ने एक अच्छा काम यह किया है कि मुद्रा लोन को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया है. इससे छोटे कारोबारियों को पैरों पर खड़ा होने की ताकत मिलेगी. सड़कों पर सब्जी बेचने वाले, हेयर कटिंग करने वाले, छोटे-मोटे ठेला खोमचे लगाने वाले अपने धंधे को विस्तार दे पाएंगे. लेकिन शेयर मार्केट में गिरावट देखकर ही लग गया था वित्त मंत्री ने आम लोगों को राहत नहीं दी है.

उन्होंने बताया कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स ऑन इन्वेस्टमेंट पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. मार्केट में एक साल से अधिक के लिए इन्वेस्ट करने पर पहले 10 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था, जिसे बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे पता चलता है कि सरकार को पैसे चाहिए. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर 10 प्रतिशत टैक्स लेना भी सही नहीं था. क्योंकि सरकार तो कंपनियों से टैक्स लेती ही हैं. अब पब्लिक के मार्जिन पर भी टैक्स का दायरा बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि केंद्र सरकार ने सोलर एनर्जी, कोल बेस एनर्जी पर फोकस किया है. इससे विकास को गति मिलेगी. अर्बन हाउसिंग की दिशा में की गई पहल भी सराहनीय है.

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर कुमार मंत्री ने बताया कि झारखंड के लिए कुछ नहीं मिला है. लेकिन मध्यम वर्ग के हित का ध्यान रखा गया है. सोना और चांदी की कीमत में कमी आने की संभावना है. सोचा गया था कि झारखंड को शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कुछ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. माइनिंग सेक्टर के लिहाज से भी कुछ खास नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि बजट का पूरा अध्ययन करने के बाद ही बाकी तस्वीर साफ हो पाएगी.

आदिवासियों संगठनों ने बजट पर सवालिया निशान खड़ा किया है. इनका कहना है कि केंद्र सरकार ने बिहार को 41 हजार करोड़ और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ का विशेष पैकेज देने की घोषणा की है. यह केंद्र में सरकार बनाने के लिए उनका इनाम है. आदिवासी संगठनों ने पूछा कि क्या यह राशि दूसरे राज्यों के हिस्से से काटी गई है.

कांग्रेस ने केंद्रीय बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की घोषणा पर सवाल उठाया है. पार्टी का कहना है कि न्याय पत्र 2024 जारी किया था. उसमें पहली नौकरी पक्की का भरोसा दिलाते हुए अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम का जिक्र किया था. उसी को वित्त मंत्री ने कॉपी कर इंटर्नशिप प्रोग्राम की घोषणा की है.

भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने कहा है कि यह बजट विकसित भारत के चार स्तंभ - युवा, गरीब, महिला, किसान सभी के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है. आदिवासियों की आर्थिक, सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने की घोषणा हुई है. 11 लाख करोड़ रु से अधिक का पूंजीगत व्यय आवंटित किया गया है. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के लिए घोषणाएं पूर्वी भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगी. कौशन और रोजगार सृजन की घोषणाएं ऐतिहासिक हैं.

बजट पर बीजेपी की प्रतिक्रिया

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जिस तरह से बजट में युवाओं पर फोकस किया गया है, उससे साफ पता चलता है कि केन्द्र सरकार की सोच क्या है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में जो युवा है उनकी बेरोजगारी कैसे दूर हो इसके लिए भी कई स्कीम लाए गए हैं. बेरोजगारी को लेकर सरकार का लक्ष्य है कि 4 करोड़ युवाओं को रोजगार कैसे प्रदान किया जाए. मोदी सरकार ने एक करोड़ युवाओं को अप्रेंटिस करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें उन्हें प्रति वर्ष 66,000 रुपये भी दिए जाएंगे. गांव, गरीब, किसान, मजदूर और महिलाओं के उत्थान के लिए बजट में कई तरह के प्रावधान किए गए हैं.

बजट पर जेएमएम की प्रतिक्रिया

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने वाला बजट है. जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह देश का बजट कतई नहीं है. इस बजट से यह पूरी तरह से प्रतीत हुआ कि केंद्र की सत्ता अपने स्थिरता के लिए इतनी डरी और सहमी हुई है कि उसे आंध्र प्रदेश को विशेष लाभ पहुंचाना है साथ-साथ बिहार को, थोड़ा बहुत ओडिशा के लिए और लगता है कि बांकी के 27 राज्य अब इस देश में नहीं हैं.

बजट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने केंद्रीय बजट 2024 पर कहा कि मोदी सरकार ने देश के करोड़ों युवाओं और किसानों को फिर एक बार ठगने का काम किया है. मोदी सरकार ने युवाओं और किसानों को इस बजट के माध्यम से लॉलीपॉप थमा दिया है. यह बजट अमीरों के लिए रिबेट और मध्यम वर्ग के लिए डिबेट वाला बजट है. डॉ अजय कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में युवाओं से सबसे पहले नौकरी पक्की करने की गारंटी का वादा किया था. मोदी सरकार ने इस बजट में उसका नकल किया है, लेकिन नौकरी किसे मिलेगी यह सरकार तय करेगी. इसमें प्रावधान क्या होंगे यह साफ नहीं किया गया है. जबकि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सभी युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी.

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झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर कुमार मंत्री (ईटीवी भारत)

केंद्र सरकार ने एक अच्छा काम यह किया है कि मुद्रा लोन को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया है. इससे छोटे कारोबारियों को पैरों पर खड़ा होने की ताकत मिलेगी. सड़कों पर सब्जी बेचने वाले, हेयर कटिंग करने वाले, छोटे-मोटे ठेला खोमचे लगाने वाले अपने धंधे को विस्तार दे पाएंगे. लेकिन शेयर मार्केट में गिरावट देखकर ही लग गया था वित्त मंत्री ने आम लोगों को राहत नहीं दी है.

उन्होंने बताया कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स ऑन इन्वेस्टमेंट पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. मार्केट में एक साल से अधिक के लिए इन्वेस्ट करने पर पहले 10 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था, जिसे बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे पता चलता है कि सरकार को पैसे चाहिए. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर 10 प्रतिशत टैक्स लेना भी सही नहीं था. क्योंकि सरकार तो कंपनियों से टैक्स लेती ही हैं. अब पब्लिक के मार्जिन पर भी टैक्स का दायरा बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि केंद्र सरकार ने सोलर एनर्जी, कोल बेस एनर्जी पर फोकस किया है. इससे विकास को गति मिलेगी. अर्बन हाउसिंग की दिशा में की गई पहल भी सराहनीय है.

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर कुमार मंत्री ने बताया कि झारखंड के लिए कुछ नहीं मिला है. लेकिन मध्यम वर्ग के हित का ध्यान रखा गया है. सोना और चांदी की कीमत में कमी आने की संभावना है. सोचा गया था कि झारखंड को शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कुछ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. माइनिंग सेक्टर के लिहाज से भी कुछ खास नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि बजट का पूरा अध्ययन करने के बाद ही बाकी तस्वीर साफ हो पाएगी.

आदिवासियों संगठनों ने बजट पर सवालिया निशान खड़ा किया है. इनका कहना है कि केंद्र सरकार ने बिहार को 41 हजार करोड़ और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ का विशेष पैकेज देने की घोषणा की है. यह केंद्र में सरकार बनाने के लिए उनका इनाम है. आदिवासी संगठनों ने पूछा कि क्या यह राशि दूसरे राज्यों के हिस्से से काटी गई है.

कांग्रेस ने केंद्रीय बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की घोषणा पर सवाल उठाया है. पार्टी का कहना है कि न्याय पत्र 2024 जारी किया था. उसमें पहली नौकरी पक्की का भरोसा दिलाते हुए अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम का जिक्र किया था. उसी को वित्त मंत्री ने कॉपी कर इंटर्नशिप प्रोग्राम की घोषणा की है.

भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने कहा है कि यह बजट विकसित भारत के चार स्तंभ - युवा, गरीब, महिला, किसान सभी के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है. आदिवासियों की आर्थिक, सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने की घोषणा हुई है. 11 लाख करोड़ रु से अधिक का पूंजीगत व्यय आवंटित किया गया है. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के लिए घोषणाएं पूर्वी भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगी. कौशन और रोजगार सृजन की घोषणाएं ऐतिहासिक हैं.

बजट पर बीजेपी की प्रतिक्रिया

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जिस तरह से बजट में युवाओं पर फोकस किया गया है, उससे साफ पता चलता है कि केन्द्र सरकार की सोच क्या है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में जो युवा है उनकी बेरोजगारी कैसे दूर हो इसके लिए भी कई स्कीम लाए गए हैं. बेरोजगारी को लेकर सरकार का लक्ष्य है कि 4 करोड़ युवाओं को रोजगार कैसे प्रदान किया जाए. मोदी सरकार ने एक करोड़ युवाओं को अप्रेंटिस करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें उन्हें प्रति वर्ष 66,000 रुपये भी दिए जाएंगे. गांव, गरीब, किसान, मजदूर और महिलाओं के उत्थान के लिए बजट में कई तरह के प्रावधान किए गए हैं.

बजट पर जेएमएम की प्रतिक्रिया

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने वाला बजट है. जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह देश का बजट कतई नहीं है. इस बजट से यह पूरी तरह से प्रतीत हुआ कि केंद्र की सत्ता अपने स्थिरता के लिए इतनी डरी और सहमी हुई है कि उसे आंध्र प्रदेश को विशेष लाभ पहुंचाना है साथ-साथ बिहार को, थोड़ा बहुत ओडिशा के लिए और लगता है कि बांकी के 27 राज्य अब इस देश में नहीं हैं.

बजट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने केंद्रीय बजट 2024 पर कहा कि मोदी सरकार ने देश के करोड़ों युवाओं और किसानों को फिर एक बार ठगने का काम किया है. मोदी सरकार ने युवाओं और किसानों को इस बजट के माध्यम से लॉलीपॉप थमा दिया है. यह बजट अमीरों के लिए रिबेट और मध्यम वर्ग के लिए डिबेट वाला बजट है. डॉ अजय कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में युवाओं से सबसे पहले नौकरी पक्की करने की गारंटी का वादा किया था. मोदी सरकार ने इस बजट में उसका नकल किया है, लेकिन नौकरी किसे मिलेगी यह सरकार तय करेगी. इसमें प्रावधान क्या होंगे यह साफ नहीं किया गया है. जबकि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सभी युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी.

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Last Updated : Jul 23, 2024, 7:04 PM IST
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