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आत्मदाह करने से पहले क्या शिकायत लेकर आई थी उन्नाव की अंजली, पुलिस ने नहीं सुनी तो CM से थी आस - Women Self Immolation in Lucknow

उन्नाव के पुरवा की रहने वाली 30 वर्षीय अंजली जाटव ने मंगलवार को लखनऊ में सीएम दरबार से निकलने के बाद आत्मदाह करने की कोशिश की. उसने अपने मासूम बच्चे को सड़क किनारे बैठाकर आखिर ऐसा जानलेवा कदम क्यों उठाया होगा? दरअसल, अंजली अपने ससुराल वालों की प्रताड़ना से परेशान थी और स्थानीय पुलिस पर वो ससुरालीजनों का साथ देने का आरोप लगा रही थी. आइए जानते है कि, क्या गुहार लेकर पीड़िता सीएम जनता दरबार आई थी?

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आत्मदाह करने से पहले क्या शिकायत लेकर आई थी उन्नाव की अंजली. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 12:58 PM IST

लखनऊ: उन्नाव के पुरवा थानांतर्गत छत्ताखेड़ा की रहने वाली अंजली अपने मासूम बच्चे के साथ मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में एक प्रार्थना पत्र लेकर आई थी. उसने उसमें लिखा था कि, उप मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी पुरवा थाने की पुलिस ससुरालीजनों से उसका लुटा हुआ समान न दिलवाने और एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है.

पीड़िता ने लिखा था कि, 30 जुलाई को उसने पुरवा थाने में दहेज मांगने, मारपीट और उसका मोबाइल और पैसों की लूट का मुकदमा दर्ज कराया था. तहरीर देने के तीन दिन बाद मुकदमा लिखा गया था. लेकिन, पुलिस आरोपियों की न ही गिरफ्तारी कर रही थी और ना ही उसका लूटा गया समान दिलवा रही थी.

उप मुख्यमंत्री से भी पुलिस ने बोला झूठ: अंजली ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि, 4 अगस्त को वह उप मुख्यमंत्री से मिली थी. जब उन्होंने पुरवा पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आदेश किया तो पुलिस ने उपमुख्यमंत्री से झूठ कहा कि वो ढूंढ रहे हैं लेकिन, मिल नहीं रहा. बल्कि उसका पति, देवर, सास सभी अपने घर पर रह रहे थे. महिला ने आरोप लगाया था कि, पुलिस उसके ससुराल वालों से रिश्वत लेकर शांत हो गई है. उसे ही जेल भेजने की धमकी दे रही है.

क्या तर्क है उन्नाव पुलिस का: उन्नाव के पुरवा थाना इंचार्ज ने बताया कि, पीड़िता की तहरीर पर उसके पति देशराज, देवर बबलू, सास राजकुमारी, देवरानी शालिनी और 15 वर्षीय भांजे के खिलाफ 2 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद 5 अगस्त को उसके पति देशराज और देवर बबलू को गिरफ्तार कर शांति भंग के मामले में जेल भेजा गया था. अब पीड़िता मांग कर रही थी कि उसकी सास, देवरानी और भांजे को भी जेल भेजा जाए.

बच्चे को किनारे बैठाया फिर लगा ली आग: डिप्टी सीएम से मिलने के बाद भी पीड़िता को पुलिस का सहयोग नहीं मिला तो वह सीएम योगी के जनता दरबार आई थी. इस बार भी वह अपने दो वर्षीय बच्चे के साथ ही थी. जनता दरबार से निकलने के बाद अंजली विक्रमादित्य मार्ग के पास जैसे ही आई उसने अपने बेटे और बैग को जमीन पर किनारे रख दिया. फिर अपने बैग से ज्वालनशील पदार्थ निकाल कर खुद के ऊपर छिड़क आग लगा ली. हालांकि वहीं पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझा कर उसे अस्पताल में भर्ती कराया.

क्या कहते हैं डॉक्टर: सिविल अस्पताल के सीएमएस राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि, जब महिला को अस्तपाल लाया गया था तब वह 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी. फिलहाल सीनियर डॉक्टर उसका इलाज कर रहे है. अभी महिला की स्थति गंभीर है.

ये भी पढ़ेंः जनता दरबार से निकलते ही CM योगी के आवास के बाहर महिला ने लगा ली आग, 90% जली; गोद में था बच्चा

लखनऊ: उन्नाव के पुरवा थानांतर्गत छत्ताखेड़ा की रहने वाली अंजली अपने मासूम बच्चे के साथ मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में एक प्रार्थना पत्र लेकर आई थी. उसने उसमें लिखा था कि, उप मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी पुरवा थाने की पुलिस ससुरालीजनों से उसका लुटा हुआ समान न दिलवाने और एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है.

पीड़िता ने लिखा था कि, 30 जुलाई को उसने पुरवा थाने में दहेज मांगने, मारपीट और उसका मोबाइल और पैसों की लूट का मुकदमा दर्ज कराया था. तहरीर देने के तीन दिन बाद मुकदमा लिखा गया था. लेकिन, पुलिस आरोपियों की न ही गिरफ्तारी कर रही थी और ना ही उसका लूटा गया समान दिलवा रही थी.

उप मुख्यमंत्री से भी पुलिस ने बोला झूठ: अंजली ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि, 4 अगस्त को वह उप मुख्यमंत्री से मिली थी. जब उन्होंने पुरवा पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आदेश किया तो पुलिस ने उपमुख्यमंत्री से झूठ कहा कि वो ढूंढ रहे हैं लेकिन, मिल नहीं रहा. बल्कि उसका पति, देवर, सास सभी अपने घर पर रह रहे थे. महिला ने आरोप लगाया था कि, पुलिस उसके ससुराल वालों से रिश्वत लेकर शांत हो गई है. उसे ही जेल भेजने की धमकी दे रही है.

क्या तर्क है उन्नाव पुलिस का: उन्नाव के पुरवा थाना इंचार्ज ने बताया कि, पीड़िता की तहरीर पर उसके पति देशराज, देवर बबलू, सास राजकुमारी, देवरानी शालिनी और 15 वर्षीय भांजे के खिलाफ 2 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद 5 अगस्त को उसके पति देशराज और देवर बबलू को गिरफ्तार कर शांति भंग के मामले में जेल भेजा गया था. अब पीड़िता मांग कर रही थी कि उसकी सास, देवरानी और भांजे को भी जेल भेजा जाए.

बच्चे को किनारे बैठाया फिर लगा ली आग: डिप्टी सीएम से मिलने के बाद भी पीड़िता को पुलिस का सहयोग नहीं मिला तो वह सीएम योगी के जनता दरबार आई थी. इस बार भी वह अपने दो वर्षीय बच्चे के साथ ही थी. जनता दरबार से निकलने के बाद अंजली विक्रमादित्य मार्ग के पास जैसे ही आई उसने अपने बेटे और बैग को जमीन पर किनारे रख दिया. फिर अपने बैग से ज्वालनशील पदार्थ निकाल कर खुद के ऊपर छिड़क आग लगा ली. हालांकि वहीं पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझा कर उसे अस्पताल में भर्ती कराया.

क्या कहते हैं डॉक्टर: सिविल अस्पताल के सीएमएस राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि, जब महिला को अस्तपाल लाया गया था तब वह 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी. फिलहाल सीनियर डॉक्टर उसका इलाज कर रहे है. अभी महिला की स्थति गंभीर है.

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