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कोरिया में चूहे और धूप से सरकार को करोड़ों का चूना - koriya paddy

Koriya Paddy Procurement Center कोरिया में धान का उठाव नहीं होने से लाखों रुपयों का नुकसान शासन को उठाना पड़ रहा है. धूप और चूहों के कारण धान की बोरियों का वजन लगातार कम हो रहा है. इसके साथ ही धान का नुकसान भी हो रहा है.

koriya paddy procurement center
खरीदी केंद्रों से नहीं हो रहा धान का उठाव
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 12, 2024, 1:50 PM IST

Updated : Apr 12, 2024, 2:17 PM IST

कोरिया: धान खरीदी केंद्रों में जमा धान अब सहकारी समितियां के लिए मुसीबत बन गया है. समिति केंद्रों में लगभग तीन लाख क्विंटल धान खुले में पड़ा है. यहां लगातार चूहों और मौसम से हो रहे नुकसान की भरपाई समिति केन्द्र भरने को मजबूर हैं.

koriya paddy procurement center
धान खरीदी केंद्र में रखा धान बना मुसीबत


धान उठाव की समय सीमा खत्म: चार फरवरी को छत्तीसगढ़ में धान खरीदी खत्म हुई थी. खरीदी बंद होने के लगभग 2 महीने के भीतर ही समिति केंद्रों से धान उठाव करना होता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. खरीदी बंद होने को लगभग तीन महीने होने को लेकिन अब तक केंद्रों में धान खुले में रखा हुआ हैं. धूप, गर्मी, बेमौसम बारिश से एक तरफ धान को नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ बोरियों में रखे धान के वजन में कमी भी आने लगी है. जिले के 22 केंद्रों में से अधिकांश में धान रखा है. खरीदी के समय केंद्र प्रभारी अधिकतम 17 प्रतिशत फसल में नमी की मात्रा के साथ खरीदी करते हैं. तेज धूप व गर्मी से नमी 17 प्रतिशत से घटकर 14 से 15 तक पहुंच जाती है. इससे प्रति बोरी 1 से डेढ़ किलो तक वजन में कमी आ जाती है.

koriya paddy procurement center
खरीदी केंद्रों से नहीं हो रहा धान का उठाव

धान में हो रहे नुकसान से समिति प्रबंधक परेशान: मौसम और चूहों के कारण हो रहे नुकसान से समिति प्रबंधक परेशान है. समिति प्रबंधकों का कहना है कि हर बोरी में लगभग 2 किलो वजन की कमी आ रही है. धान रखने के लिए दी गई बोरी का वजन आधा किलो रहता है लेकिन धान उठाते समय बोरी का वजन 650 ग्राम काट लिया जाता है. यानी प्रति बोरी 150 ग्राम का नुकसान केंद्र प्रभारी को होता है. समिति प्रबंधकों ने पहले भी शासन प्रशासन को पत्र लिखकर धान उठाव करने की मांग की. लेकिन धान उठाव नहीं होने से नुकसान हो रहा है. जबकि नियमों के तहत खरीदी के 72 घंटे के अंदर धान का उठाव हो जाना चाहिए लेकिन धान उठाव नहीं होने से धान शॉर्टज की समस्या आ रही है.

धान बर्बाद हो रहा है. गर्मी और बारिश दोनों से धान का नुकसान हो रहा है. चूहे और सूखत से बोरे में डेढ़ से 2 किलो वजन कम हो रहा है.- अजय साहू, अध्यक्ष, समिति प्रबंधक

धौराकुटरा समिति में 47820 क्विंटल धान खरीदा गया था. जिसमें से 37800 क्विंटल धान का उठाव किया गया हैं. इस समय 9928 क्विंटल धान समिति में बचा हैं. समय ज्यादा हो गया हैं. जिससे धान के वजन में कमी आ रही है. समिति को ज्यादा नुकसान हो रहा है.- समिति प्रबंधक

प्रशासन का जल्द धान उठाव का दावा: जिला प्रशासन का कहना है कि ज्यादातर केंद्रों से धान का उठाव हो चुका हैं. करीब 27 प्रतिशत धान ही खुले में पड़ा है. लगातार शासन से बात करने के बाद अंतरराज्यीय डीओ कटना शुरू हो गया है. मिलर्स के जरिए धान उठाव में तेजी लाई जाएगी.

जिला प्रशासन की तरफ से शासन तक धान उठाव में हो रही समस्याओं की बात पहुंचाई गई जिसके बाद अंतरराज्यीय डीओ कटना शुरू हो चुका है. जल्द ही मिलर्स के माध्यम से समिति केंद्रों से धान उठाव में तेजी आएगी.-विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर

बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इस समय लगातार मौसम बदल रहा है. कई जिलों में बारिश हो रही है. जिससे खरीदी केंद्रों में रखा धान नुकसान होने की आशंका बनी हुई है.

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धान खरीदी केंद्र में रखा धान बना मुसीबत


धान उठाव की समय सीमा खत्म: चार फरवरी को छत्तीसगढ़ में धान खरीदी खत्म हुई थी. खरीदी बंद होने के लगभग 2 महीने के भीतर ही समिति केंद्रों से धान उठाव करना होता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. खरीदी बंद होने को लगभग तीन महीने होने को लेकिन अब तक केंद्रों में धान खुले में रखा हुआ हैं. धूप, गर्मी, बेमौसम बारिश से एक तरफ धान को नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ बोरियों में रखे धान के वजन में कमी भी आने लगी है. जिले के 22 केंद्रों में से अधिकांश में धान रखा है. खरीदी के समय केंद्र प्रभारी अधिकतम 17 प्रतिशत फसल में नमी की मात्रा के साथ खरीदी करते हैं. तेज धूप व गर्मी से नमी 17 प्रतिशत से घटकर 14 से 15 तक पहुंच जाती है. इससे प्रति बोरी 1 से डेढ़ किलो तक वजन में कमी आ जाती है.

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खरीदी केंद्रों से नहीं हो रहा धान का उठाव

धान में हो रहे नुकसान से समिति प्रबंधक परेशान: मौसम और चूहों के कारण हो रहे नुकसान से समिति प्रबंधक परेशान है. समिति प्रबंधकों का कहना है कि हर बोरी में लगभग 2 किलो वजन की कमी आ रही है. धान रखने के लिए दी गई बोरी का वजन आधा किलो रहता है लेकिन धान उठाते समय बोरी का वजन 650 ग्राम काट लिया जाता है. यानी प्रति बोरी 150 ग्राम का नुकसान केंद्र प्रभारी को होता है. समिति प्रबंधकों ने पहले भी शासन प्रशासन को पत्र लिखकर धान उठाव करने की मांग की. लेकिन धान उठाव नहीं होने से नुकसान हो रहा है. जबकि नियमों के तहत खरीदी के 72 घंटे के अंदर धान का उठाव हो जाना चाहिए लेकिन धान उठाव नहीं होने से धान शॉर्टज की समस्या आ रही है.

धान बर्बाद हो रहा है. गर्मी और बारिश दोनों से धान का नुकसान हो रहा है. चूहे और सूखत से बोरे में डेढ़ से 2 किलो वजन कम हो रहा है.- अजय साहू, अध्यक्ष, समिति प्रबंधक

धौराकुटरा समिति में 47820 क्विंटल धान खरीदा गया था. जिसमें से 37800 क्विंटल धान का उठाव किया गया हैं. इस समय 9928 क्विंटल धान समिति में बचा हैं. समय ज्यादा हो गया हैं. जिससे धान के वजन में कमी आ रही है. समिति को ज्यादा नुकसान हो रहा है.- समिति प्रबंधक

प्रशासन का जल्द धान उठाव का दावा: जिला प्रशासन का कहना है कि ज्यादातर केंद्रों से धान का उठाव हो चुका हैं. करीब 27 प्रतिशत धान ही खुले में पड़ा है. लगातार शासन से बात करने के बाद अंतरराज्यीय डीओ कटना शुरू हो गया है. मिलर्स के जरिए धान उठाव में तेजी लाई जाएगी.

जिला प्रशासन की तरफ से शासन तक धान उठाव में हो रही समस्याओं की बात पहुंचाई गई जिसके बाद अंतरराज्यीय डीओ कटना शुरू हो चुका है. जल्द ही मिलर्स के माध्यम से समिति केंद्रों से धान उठाव में तेजी आएगी.-विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर

बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इस समय लगातार मौसम बदल रहा है. कई जिलों में बारिश हो रही है. जिससे खरीदी केंद्रों में रखा धान नुकसान होने की आशंका बनी हुई है.

जितनी मेहनत धान उगाने में उससे ज्यादा बैंक से पैसे निकालने में, सुबह से शाम लाइन लगकर भी नहीं मिल रहे पैसे - Farmers Worried In Korba

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Last Updated : Apr 12, 2024, 2:17 PM IST
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