फरीदाबाद: हरियाणा में इन दिनों बदरा खूब बरस रहे हैं, जिससे लोगों को राहत भी मिली है तो परेशानियां भी बढ़ीं है. फरीदाबाद में हुई बारिश के पूरा शहर पानी में डूब गया. जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में प्रशासन की लापरवाही भी साफ तौर पर नजर आ रही है. हर बार प्रशासन मानसून के समय जल निकासी के दावे करता है. लेकिन मानसून की एक बारिश से ही दावे पानी-पानी हो जाते हैं. प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है.
प्रशासन की लापरवाही भुगत रही जनता: बारिश के बाद शहर की सड़कें पानी से लबालब भरी हुई हैं. तस्वीरों में ऐसा लग रहा है जैसे यहां कोई सड़क नहीं, बल्कि तालाब बने हो. आलम ये है कि सड़कों पर अब गाड़ियां या वाहन चलाने की नहीं बल्कि नाव चलाने की जरूरत हो. जलभराव केवल सड़कों पर ही नहीं, बल्कि गलियों में भी है लोगों के घरों में भी पानी घुसा है. कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन की लापरवाही का नतीजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है. कई जगह पर रास्तों में पानी निकासी के ढक्कन खुले हुए थे. जो कि तालाब बनने के बाद रास्तों पर नजर नहीं आ रहे थे. जिसकी वजह से लोग नाले में भी गिर गए. लोगों को गंभीर चोट आई है. प्रशासन के प्रति लोगों में काफी गुस्सा है.
पानी में डूबे वाहन: उधर, बाबा सूरदास की नगरी तिलपत से कुछ ही दूरी पर सेहतपुर इलाके में इस दौरान पेट्रोल पंप के नजदीक मैन रोड पर सड़क पूरी तरह से डूबी हुई नजर आई. जलभराव के समय लोगों का सड़कों पर चलना भी खतरों से खाली नहीं है. पैदल चलने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान रास्ते पूरी तरह से ब्लॉक हो चुके थे. लोग जान जोखिम में डालकर सड़क किनारे बने नाले के ऊपर से आने जाने को मजबूर हो गए.
सरकार से गुस्साए लोग: तालाब बनी सड़कों पर चल रहे वाहन बंद हो गए. जिससे हजारों लोगों को परेशानी आई. हर बार प्रशासन दावे करता है और हर बार बरसात में वो दावे फेल हो जाते हैं. ऐसे में प्रशासन को शहर में पानी निकासी के लिए उचित व्यवस्था करने की वाकई में जरूरी है. जहां से हजारों लोगों एक साथ गुजरते हों कम से कम उस जगह पर तो प्रशासन को नींद खोलने की जरूरत है.
'सरकार को चुनाव में देंगे जवाब': पानी में लोगों की जान जोखिम में होती है, वाहन खराब होते हैं, रॉड क्रॉस करने में परेशानी होती है. इसके अलावा और भी अनगिनत परेशानियों का लोगों को सामना करना पड़ रहा है. जिससे लोगों में रोष लाजमी है. लोगों ने आरोप लगाए हैं कि स्थानीय नेता कोई काम नहीं कर रहे हैं. जबकि स्थानीय पार्षद बीजेपी के हैं स्थानीय विधायक बीजेपी के हैं और स्थानीय सांसद भी बीजेपी के हैं. लेकिन चुनाव के समय यही नेता हाथ जोड़कर और जनता को हजारों लुभावने वादे लेकर वोट मांगने आएंगे. लोगों का कहना है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. इसके बावजूद भी इलाके के लोग नरक का जीवन व्यतीत कर रहे हैं. लोगों को परेशानी न हो इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में वोट से ही जवाब दिया जाएगा.
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