शिमला: हिमाचल में जलशक्ति विभाग में टैंकर्स के जरिए पानी की सप्लाई में 1.13 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आने पर सरकार ने दस अफसरों को सस्पेंड किया है साथ ही मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी है. विजिलेंस में एएसपी रैंक के अफसर नरवीर सिंह राठौर की टीम ने जांच शुरू कर दी है. विजिलेंस टीम ने ठियोग में जलशक्ति विभाग के कार्यालय से रिकॉर्ड कब्जे में लिया है और ठेकेदारों से पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही जलशक्ति विभाग के दस्तावेज जांचे जा रहे हैं.
इससे पहले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से आदेश जारी कर दस अधिकारी सस्पेंड किए जा चुके हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विजिलेंस को भी जांच के लिए पत्र लिखा था. हिमाचल में इस तरह का मामला सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को घेर रहे हैं. माकपा ने भी इसका जोरदार विरोध किया. माकपा नेता और ठियोग के पूर्व एमएलए राकेश सिंघा ने कहा "जब तक दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं होता, उनका विरोध जारी रहेगा"
ये है मामला
शिमला जिला के ठियोग उपमंडल में हर साल गर्मियों में पानी का संकट होता है. दूरदराज के ग्रामीण इलाकों को पानी उपलब्ध करवाने के लिए टैंकर्स भेजे जाते हैं. पहले ये टैंकर्स एसडीएम ठियोग के माध्यम से भेजे जाते थे, लेकिन साल 2024 में ये काम खुद जलशक्ति विभाग ने किया. चार ठेकेदारों को इसका जिम्मा दिया गया. टैंकर्स से पानी सप्लाई के इसी मामले में 1.13 करोड़ रुपये के गबन का खुलासा हुआ. आरटीआई के माध्यम से देवरीघाट पंचायत के पूर्व प्रधान संदीप वर्मा ने जानकारी मांगी थी. उस जानकारी में ये सारा गड़बड़झाला सामने आया. मामला सामने आने पर 2 जनवरी 2025 को सरकार ने जांच के आदेश दिए थे.
जलशक्ति विभाग के एसीएस ने किए ऑर्डर
सरकार से जांच का आदेश मिलने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालय ने प्रारंभिक जांच की. जलशक्ति सर्किल शिमला के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर ने शुरुआती जांच की थी. उसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विभाग के इंजीनियर इन चीफ को तीन जनवरी को विभागीय पत्र लिखकर कहा कि जांच में पाया गया है कि पानी सप्लाई में गड़बड़ हुई है. ऐसे में पानी सप्लाई के जवाबदेह 10 अफसरों को सस्पेंड किया जाता है साथ ही तीन जनवरी को ही जलशक्ति विभाग ने एडीजीपी विजिलेंस को मामले की जांच के लिए भी कहा.
- ये भी पढ़ें: करप्शन पर सुक्खू सरकार का प्रहार, टैंकर से पानी सप्लाई घोटाले में 10 अफसर सस्पेंड
- ये भी पढ़ें: 'टैंकर से नहीं स्कूटी-बाइक और ऑल्टो से हुई पानी की सप्लाई,' RTI से चौकाने वाले खुलासे
एसडीएम कार्यालय को भी की थी शिकायत
पिछले साल नवंबर महीने में ही एसडीएम कार्यालय में शिकायत हुई कि पानी की सप्लाई में गड़बड़झाला किया गया है. माकपा नेता व ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा और जांच की मांग की. पूर्व विधायक ने कहा "1.13 करोड़ रुपये पानी की सप्लाई करने वालों को जुलाई 2024 में सेंक्शन किए गए थे." सिंघा ने दावा करते हुए कहा "सरकारी रकम का दुरुपयोग हुआ है. देश में ऐसा शायद ही कहीं हुआ हो कि पानी का वितरण मोटरसाइकिल पर भी किया गया हो. मोटरसाइकिल से पानी की सप्लाई शो की गई है. हॉर्टीकल्चर विभाग की बोलेरो गाड़ी के अगेंस्ट भी पैसे क्लेम किए गए हैं"
देवरी घाट के पूर्व पंचायत प्रधान का दावा
स्थानीय निवासी व देवरीघाट के पूर्व प्रधान संदीप वर्मा का कहना है कि पानी की सप्लाई के लिए आठ से नौ टैंकर शो किए गए हैं. आरटीआई के मुताबिक "इसमें एक टैंकर दिन में 387 किलोमीटर चला. एक पिकअप से भी पानी सप्लाई किया गया. ये एक दिन में 819 किलोमीटर चली. 18 जून 2024 को एचपी 63 सी-3352 नंबर वाले टैंकर ने 387 किलोमीटर की दूरी तय की. कुल चार ठेकेदारों के पास ये काम था. उन्होंने दावा किया कि एक टैंकर 368 किलोमीटर एक दिन में चला, एक ने 257 व एक अन्य ने 254 किलोमीटर दूरी तय की. एक पिकअप तो 819 किलोमीटर चली." ये कैसे संभव है कि पानी का टैंकर भरने का समय और एक दिन में इतना सफर और वो भी पहाड़ी इलाके में.
यही नहीं, आरोप ये भी लगाया गया कि पानी की सप्लाई कहीं और से शो की गई और पानी भरा कहीं और से गया. ठियोग के एमएलए रहे राकेश सिंघा ने दावा किया कि जो रकम एसडीआरएफ यानी स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के तहत आया था, उसका दुरुपयोग किया गया.
हिमाचल के वरिष्ठतम मीडिया कर्मी बलदेव शर्मा कहते हैं "यदि ऐसा गबन ठियोग में हो सकता है तो ये भी सवाल है कि क्या ऐसे ही मामले अन्य हिस्सों में भी हुए होंगे?" बलदेव शर्मा का कहना है कि शिमला जिला से तीन-तीन कैबिनेट मंत्री हैं. राजधानी के पास के उपमंडल में ये सब होता रहा, क्या ये सवाल नहीं उठता कि किसी को इसकी भनक ना लगे? ऐसी जगहों पर भी पानी सप्लाई किया गया, जहां तक सड़क ही नहीं थी. पैसा भी एसडीआरएफ से दिया गया तो इससे विपक्ष के आरोप को बल मिलता है कि सरकार ने केंद्रीय सहायता का दुरुपयोग किया है.
कांग्रेस राज में पानी की सप्लाई पर बड़ा घोटाला... pic.twitter.com/sbXpt7omMs
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) January 2, 2025
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि "हिमाचल के लिए ये शर्मनाक घटनाक्रम है. अब पानी वितरण में भी घोटाला होने लगा है. पिछले साल नवंबर महीने से ये मामला सामने आया है. इसके बावजूद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है."
वहीं, माकपा नेता राकेश सिंघा का कहना है कि जब तक गबन करने वालों पर सख्त एक्शन नहीं होता, वे चुप नहीं बैठेंगे. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते स्थानीय विधायक कुलदीप राठौर ने भी कहा है कि दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. विजिलेंस के अफसर जांच में जुट चुके हैं. एएसपी नरवीर राठौर का कहना है कि "जांच शुरू कर दी गई है. दस्तावेज व अन्य रिकॉर्ड कब्जे में लिए गए हैं"