पटना: एक कहावत है दीया तले अंधेरा. यह आज चरितार्थ हुआ बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार बबलू के आवास पर. नीरज कुमार बबलू राज्य लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री हैं. इनकी जिम्मेदारी पूरे बिहार में हर लोगों तक पेयजल मुहैया कराने की है लेकिन, विभाग की लापरवाही कहें या फिर सरकार की लापरवाही या नगर निगम की. पीएचईडी विभाग के मंत्री के आवास पर ही पानी नहीं आ रहा है. वह पानी पानी के लिए मोहताज है. ईटीवी की टीम जब उनके आवास पर गई तो, उनके कर्मचारी बाहर से पानी भरकर आवास में पानी की पूर्ति कर रहे थे.
दो दिन से नहीं आ रहा है पानी: दरअसल, नीरज कुमार बबलू लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री हैं. उन्हें अभी मंत्री का आवास नहीं मिला है. वह अभी विधायक फ्लैट में ही रहते हैं. विधायक आवास भी नया-नया बना है. दावा यह किया गया था कि जो नए आवास बने हैं वह बहुत ही सुसज्जित और सभी सुविधाओं से लैस होगा लेकिन, आलम यह है कि यहां पानी की किल्लत है.
बाहर से पानी भर रहे कर्मचारी: विधायक आवास में रह रहे मंत्री नीरज कुमार बबलू सुबह से यूं ही बैठे हुए हैं. पानी के बिना वह कोई भी नित्य कर्म नहीं कर पाए हैं. जब पानी लाते हुए उनके आवास पर ईटीवी की टीम ने देखा और उनके कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि कल से ही पानी नहीं आ रहा है. इसकी शिकायत विभाग से भी किया गया है.
"मंत्री जी ने भी शिकायक की है कि पानी नहीं आ रहा है.अब तक पानी मुहैया नहीं हो पाया है. यह मंत्री जी का विभाग नहीं है. यहां नगर निगम पानी मुहैया कराता है."- कर्मचारी
नीरज कुमार ने दिया गोलमोल जवाब: जब ईटीवी की टीम लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री नीरज कुमार बबलू के पास पहुंची तो नीरज कुमार बबलू इसी बात की शिकायत नगर विकास विभाग के मंत्री से कर रहे थे. जब उनसे पूछा गया कि आपके आवास पर पानी नहीं आ रहा है तो वह कुछ भी नहीं कह पाए. उन्होंने गोल-गोल जवाब दिया कि 'पानी आ जाएगा. पानी की व्यवस्था हो रही है.'
जनता तक कैसे पहुंचेगा पानी?: नीरज सिंह बबलू ने अपनी ही सरकार की भद्द ना पिटे इसलिए उन्होंने बच बचकर जवाब दिया. अब सवाल यह उठता है कि जिसकी जिम्मेदारी पूरे बिहार को पेयजल पहुंचाने की है. उसी विभाग के मंत्री पानी पानी के लिए मोहताज हैं तो, आम जनता की क्या हालत होती होगी, यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
बारिश नहीं हुई तो संकट और गहराएगा : जल संसाधन विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी नदियों की स्थिति चिंताजनक है और अगले 1 सप्ताह में बारिश नहीं हुई तो जलस्तर आधा मीटर तक और नीचे जाने की संभावना है. दोनों बड़े बराज वाल्मीकि नगर के गंडक बराज और बीरपुर बराज कोसी की स्थिति लगातार खराब हो रही है. बीरपुर बराज में महज 33000 क्यूसेक तो वाल्मीकि नगर बाराज में मात्र 10000 क्यूसेक पानी बचा है.
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