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कानपुर में भी हो सकता है बेंगलुरु जैसा जल संकट, पानी का प्रयोग कम करने की अपील - Water Crisis

हकीकत बता रही गंगा की अविरलता और निर्मलता महज दिखावा, ड्रेजिंग कराकर 200 एमएलडी पानी खींचा जा रहा, 138 करोड़ रुपये से छह नालों की टैपिंग का काम भी फाइलों में दर्ज, लोकसभा चुनाव के दौरान गंगा की दशा हो सकती अहम मुद्दा

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 1:50 PM IST

Updated : May 1, 2024, 5:07 PM IST

कानपुर में पानी की सप्लाई पर जीएम जलकल आनंद त्रिपाठी से संवाददाता समीर दीक्षित की खास बातचीत.

कानपुर: पीएम मोदी या सीएम योगी जब-जब कानपुर में आते हैं तो गंगा की बात जरूर होती है. पीएम व सीएम को जैसी प्रशासनिक अफसर गंगा की जानकारी देते हैं, वैसा भाषणों या संबोधन में सुनाई दे जाता है. लेकिन, गंगा की जो हकीकत है वह प्रशासनिक अफसरों की बताई गई कहानी से पूरी तरह विपरीत है.

अप्रैल खत्म होने को है और गंगा का सिटी साइड वाला भाग पूरी तरह से सूखने के कगार पर पहुंच गया है. गंगा की धारा सिमट रही और रेत का अंबार ही अंबार चारों ओर से तब दिखाई देता है, जब आप किसी भी घाट से गंगा को देख लें.

वहीं, जो गंगा की अविरलता और निर्मलता के ठोस दावे हैं, वह भी पूरी तरह से फेल हैं. हकीकत यह है कि गंगा में कानपुर के छह नालों का पानी सीधे तौर पर गिर रहा है, जो गंगा के आंचल को मैला कर रहा है. गंगा सूख रही है, इससे शहर में कभी भी जलसंकट की स्थिति भी हो सकती है.

गंगा से जुड़े आंकड़े

  • मौजूदा समय में गंगा का जलस्तर: 357 फुट
  • साल 2023 में 29 अप्रैल को गंगा का जलस्तर था: 356.5 फुट
  • कुल पानी की शहर में सप्लाई होती है रोजाना: 550 एमएलडी
  • भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से जलकल को रॉ वाटर मिलता है: 200 एमएलडी
  • रोजाना सिटी साइड एरिया में पानी की सप्लाई हो पा रही है: 180 एमएलडी
  • गंगा को अविरल बनाने के लिए सीसामऊ नाला टैप करने में खर्च हुए: 80 करोड़ रुपये
  • पनका स्थित एसटीपी निर्माण पर कुल खर्च होगा: 255 करोड़ रुपये
  • डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट के तहत सीवर लाइन बिछाने में खर्च होगा: 318 करोड़ रुपये

रोज कितने पानी की जरूरत, कितनी हो रही सप्लाई: इस पूरे मामले पर जीएम जलकल आनंद दुबे ने ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में बताया कि रोजाना कानपुर में 550 एमएलडी पानी की सप्लाई होती है. हालांकि, अभी हम भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से 200 एमएलडी पानी (रॉ वाटर) ले रहे हैं, जिसमें कुछ दिक्कतें आ रही हैं.

इसके लिए हमने गंगा की बीच धारा में ड्रेजिंग का काम (गंगा में बालू निकालकर गड्ढे बनाना, जिससे जलस्तर बढ़े) शुरू करा दिया है. इसके अलावा 20 मीटर तक बंधा भी बनाया गया है. 50 एमएलडी पानी अर्मापुर स्थित लोअर गंगा कैनाल से मिल रहा है.

इसके अलावा बैराज पर दो प्लांट हैं, जिनसे पानी लेने में कोई समस्या नहीं है. अब, शहर के सभी वाशिंग सेंटर संचालकों को हम नोटिस भेजेंगे. साथ ही लोगों से अपील है कि गर्मी को देखते हुए पानी का उपयोग कम से कम करें.

138 करोड़ रुपये से 6 नालों को टैप किया जाना है, फाइल में दर्ज है पूरी बात: एक ओर जो यह कहा जाता है, कि गंगा पूरी तरह से निर्मल हो गई हैं. यह बात कानपुर में पूरी तरह से झूठी है. दरअसल जल निगम को 138 करोड़ रुपये से छह नालों को टैप किया जाना है.

जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानेंद्र चौधरी ने बताया, कि इस काम में 138 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसकी पूरी फाइल नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के कार्यालय में रखी है. अभी तक एप्रूवल नहीं मिला है.

ये भी पढ़ेंः कमाल की है ये खास डिवाइस; दो बूंद पानी डालते ही 30 सेकेंड में पता चल जाएगा पीने लायक है या नहीं

कानपुर में पानी की सप्लाई पर जीएम जलकल आनंद त्रिपाठी से संवाददाता समीर दीक्षित की खास बातचीत.

कानपुर: पीएम मोदी या सीएम योगी जब-जब कानपुर में आते हैं तो गंगा की बात जरूर होती है. पीएम व सीएम को जैसी प्रशासनिक अफसर गंगा की जानकारी देते हैं, वैसा भाषणों या संबोधन में सुनाई दे जाता है. लेकिन, गंगा की जो हकीकत है वह प्रशासनिक अफसरों की बताई गई कहानी से पूरी तरह विपरीत है.

अप्रैल खत्म होने को है और गंगा का सिटी साइड वाला भाग पूरी तरह से सूखने के कगार पर पहुंच गया है. गंगा की धारा सिमट रही और रेत का अंबार ही अंबार चारों ओर से तब दिखाई देता है, जब आप किसी भी घाट से गंगा को देख लें.

वहीं, जो गंगा की अविरलता और निर्मलता के ठोस दावे हैं, वह भी पूरी तरह से फेल हैं. हकीकत यह है कि गंगा में कानपुर के छह नालों का पानी सीधे तौर पर गिर रहा है, जो गंगा के आंचल को मैला कर रहा है. गंगा सूख रही है, इससे शहर में कभी भी जलसंकट की स्थिति भी हो सकती है.

गंगा से जुड़े आंकड़े

  • मौजूदा समय में गंगा का जलस्तर: 357 फुट
  • साल 2023 में 29 अप्रैल को गंगा का जलस्तर था: 356.5 फुट
  • कुल पानी की शहर में सप्लाई होती है रोजाना: 550 एमएलडी
  • भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से जलकल को रॉ वाटर मिलता है: 200 एमएलडी
  • रोजाना सिटी साइड एरिया में पानी की सप्लाई हो पा रही है: 180 एमएलडी
  • गंगा को अविरल बनाने के लिए सीसामऊ नाला टैप करने में खर्च हुए: 80 करोड़ रुपये
  • पनका स्थित एसटीपी निर्माण पर कुल खर्च होगा: 255 करोड़ रुपये
  • डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट के तहत सीवर लाइन बिछाने में खर्च होगा: 318 करोड़ रुपये

रोज कितने पानी की जरूरत, कितनी हो रही सप्लाई: इस पूरे मामले पर जीएम जलकल आनंद दुबे ने ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में बताया कि रोजाना कानपुर में 550 एमएलडी पानी की सप्लाई होती है. हालांकि, अभी हम भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से 200 एमएलडी पानी (रॉ वाटर) ले रहे हैं, जिसमें कुछ दिक्कतें आ रही हैं.

इसके लिए हमने गंगा की बीच धारा में ड्रेजिंग का काम (गंगा में बालू निकालकर गड्ढे बनाना, जिससे जलस्तर बढ़े) शुरू करा दिया है. इसके अलावा 20 मीटर तक बंधा भी बनाया गया है. 50 एमएलडी पानी अर्मापुर स्थित लोअर गंगा कैनाल से मिल रहा है.

इसके अलावा बैराज पर दो प्लांट हैं, जिनसे पानी लेने में कोई समस्या नहीं है. अब, शहर के सभी वाशिंग सेंटर संचालकों को हम नोटिस भेजेंगे. साथ ही लोगों से अपील है कि गर्मी को देखते हुए पानी का उपयोग कम से कम करें.

138 करोड़ रुपये से 6 नालों को टैप किया जाना है, फाइल में दर्ज है पूरी बात: एक ओर जो यह कहा जाता है, कि गंगा पूरी तरह से निर्मल हो गई हैं. यह बात कानपुर में पूरी तरह से झूठी है. दरअसल जल निगम को 138 करोड़ रुपये से छह नालों को टैप किया जाना है.

जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानेंद्र चौधरी ने बताया, कि इस काम में 138 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसकी पूरी फाइल नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के कार्यालय में रखी है. अभी तक एप्रूवल नहीं मिला है.

ये भी पढ़ेंः कमाल की है ये खास डिवाइस; दो बूंद पानी डालते ही 30 सेकेंड में पता चल जाएगा पीने लायक है या नहीं

Last Updated : May 1, 2024, 5:07 PM IST
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