कोडरमा: इन दिनों पूरा झारखंड भीषण गर्मी की चपेट में है. गर्मी के साथ-साथ जल संकट भी गहराने लगा है. भीषण गर्मी के कारण लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने लगे हैं. कुछ ऐसा ही नजारा गझंडी के गुलीयाटू में देखने को मिल रहा है. कोडरमा प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों से घिरे गुलीयाटू गांव में बिरहोर समुदाय के करीब 300 लोग रहते हैं, जो इस भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.
गुलीयाटू के ग्रामीण 3 किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं, तब जाकर उनकी प्यास बुझती है. सुबह 3 बजे से ही ग्रामीण पानी के लिए जद्दोजहद करते नजर आते हैं. गांव में न तो सड़क है और न ही बिजली. पानी की किल्लत को देखते हुए यहां के ग्रामीणों ने पहाड़ों को खोदकर पानी निकालने का फैसला किया. इस भीषण गर्मी में कड़ी मेहनत करने के बाद ग्रामीणों को आखिरकार पहाड़ों में पानी मिल ही गया.
ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से पहले पहाड़ों की तलहटी में एक चुआं खोदा और जब उसमें से पानी निकलने लगा तो ग्रामीणों ने उस चुआं को कुआं बना दिया. गांव के बूढ़े, बच्चे और महिलाएं इस भीषण गर्मी में पूरी लगन के साथ कुआं बनाने में जुटे हैं. गांव की महिलाएं तपती धूप में नंगे पांव जंगल से पत्थर लाती हैं और गांव के युवा इन पत्थरों से कुएं को बांध रहे हैं ताकि आने वाली बरसात में कुआं न ढहे और सुरक्षित रहे.
आपको बता दें कि जहां लोग इस तपती धूप में घर से निकलना भी पसंद नहीं करते, वहीं बिरहोर समुदाय के लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए चिलचिलाती धूप में पसीना बहाते नजर आते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि उनकी दिनचर्या सुबह तीन बजे से शुरू हो जाती है और पूरा दिन पानी की तलाश में ही निकल जाता है.
इधर, जब ग्रामीणों की इस समस्या से कोडरमा बीडीओ को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि वे इसका संज्ञान लेंगीं. बीडीओ सुमन गुप्ता ने कहा कि वे विभागीय अधिकारियों के साथ गांव का दौरा करेंगी और ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का पूरा प्रयास करेंगी.
गौरतलब है कि जहां आज शहरों में लोग मिनरल वाटर और आरओ का पानी पीना पसंद करते हैं, वहीं आज भी लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते नजर आते हैं. गझंडी के गुलीयाटू गांव के लोग नवनिर्मित कुएं के गंदे पानी से ऐसे ही अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं.
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