मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ के कई बड़े बड़े डैम में पानी के स्टॉक में कमी आ रही है. धमतरी के सबसे बड़े बांध गंगरेल में पचास फीसदी पानी बचा है. ये खबरें जल संकट की दस्तक दे रही है. ऐसे में अब मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर से खबर आई है कि यहां के खड़गंवा के एक जलाशय से बीत तीन दिनों से पानी रिस रहा है. लेकिन प्रशासन ने इसको रोकने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया है.
खड़गवां के सजाखाड़ा जलाशय से हो रहा पानी का रिसाव: बीते तीन दिनों से खड़गंवा के सजाखाड़ा जलाशय से लगातार पानी बह रहा है. यह इलाका दुबछोला गांव में पड़ता है जो जल संसाधन उप संभाग विभाग के तीन क्षेत्र में आता है. यहां के स्थानीय लोगों ने जब जल संसाधन विभाग से संपर्क किया तो उन्होंने इस मुद्दे पर कोई एक्शन नहीं लिया. ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर उदासीनता का आरोप लगाया है.
"जो अधिकारी हैं वह अपने कार्यालय से नदारद रहते हैं जिसकी वजह से ग्रामीणों का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है": सुमन सिंह, ग्रामीण
बढ़ सकती है जल संकट की समस्या: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विभागीय अधिकारी अपने कार्यालय से नदारद रहते हैं और फोन तक नहीं उठाते हैं. जिसकी वजह से लगातार विगत तीन दिनों से पानी जो है बहता जा रहा है. अगर इस बहते पानी को रोक नहीं गया तो जो जल स्टोरेज कर रखा गया है. वह खत्म हो जाएगा जिससे गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत खड़गंवा में हो सकती है. इस बारे में ईटीवी भारत ने जल संसाधन विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता से बात की है. उन्होंने तालाब का पानी खोलने की घटना को असमाजिक तत्वों की करतूत बताया है.
"सजाखाड़ा जलाशय से पानी खोलने की जो घटना है यह किसी असमाजिक तत्वों की करतूत है": अगस्टिन टोप्पो, मुख्य कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग
गर्मी में छत्तीसगढ़ के कई इलाके जल संकट की समस्या से जूझते हैं. ऐस में अगर खड़गंवा की इस समस्या का समाधान नहीं होता है तो लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.