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यूपी में कैशलेस चिकित्सा योजना से जुड़े अस्पतालों की खत्म होगी मनमानी, योगी सरकार ने बनाई ये रणनीति - CASHLESS MEDICAL SCHEME

इलाज से मना किया तो खत्म होगी अस्पताल की संबद्धता, नोटिस भेज दी गई चेतावनी

कैशलेस इलाज योजना को लेकर योगी सरकार की नई रणनीति.
कैशलेस इलाज योजना को लेकर योगी सरकार की नई रणनीति. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 25, 2025, 3:14 PM IST

लखनऊ : यूपी सरकार ने प्रदेश भर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत जुड़े निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक नई रणनीति बनाई है. अब किसी भी अस्पताल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना में मरीज से रुपये मांगे या इलाज से इंकार किया तो तत्काल उसकी संबद्धता खत्म कर दी जाएगी.

शासन तक पहुंची थीं शिकायतें: ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए गोपनीय तरीके से जांच भी शुरू कराई गई है. इस संबंध में प्रदेशभर के निजी अस्पतालों को नोटिस भेजते हुए चेतावनी दी गई है. सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को भी निगरानी करने के लिए कहा गया है. दरअसल, प्रदेश में पीएमजेएवाई के तहत पंजीकृत सरकारी एवं निजी अस्पतालों द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लाभार्थियों को उपचार नहीं देने की शिकायतें शासन तक पहुंची हैं. कहीं इलाज शुरू करने से पहले रुपये मांगे जा रहे हैं तो कहीं योजना में पंजीयन होने के बाद भी इलाज से इंकार किया जा रहा है. ऐसे में स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. पूजा यादव ने सभी पंजीकृत अस्पतालों के प्रबंधकों एवं प्रबंध समिति को नोटिस भेजा है. इसमें सख्त चेतावनी दी गई है कि योजना के लाभार्थियों को न सिर्फ उपचार दिया जाए बल्कि योजना के बारे में जागरूक भी किया जाए. किसी ने इलाज से इंकार किया अथवा पैसे लिए तो यह समझा जाएगा कि संबंधित अस्पताल योजना में कार्य करने का इच्छुक नहीं है. ऐसे में तत्काल उस अस्पताल की संबद्धता खत्म कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी अस्पताल में कार्ड होने के बावजूद मरीज को इलाज से इंकार किया तो उसके ऊपर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

13 निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायत: विभागीय सूत्रों की मानें तो विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने करीब 13 निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायत की है. ये अस्पताल एजेंसी के रडार पर हैं. इनकी दो स्तरीय जांच शुरू की गई है. एक तो शिकायत के आधार पर संबंधित शिकायतकर्ता और अस्पताल प्रबंधन का पक्ष लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. दूसरी तरफ शिकायतों की वास्तविकता का अध्ययन करने के लिए गोपनीय तरीके से भी जांच टीम उतारी गई है.

यूपी में हैं सर्वाधिक अस्पताल: उत्तर प्रदेश में पीएमजेएवाई के तहत 2949 सरकारी और 2885 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं. पंजीयन के मामले में देश में यूपी पहले स्थान पर है. नवंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना में प्रदेश के 904785 कर्मचारी और 650259 पेंशनर पंजीकृत हैं.

इन अस्पतालों पर हुई कार्रवाई : प्रदेश में योजना के तहत पंजीकृत किए गए अस्पतालों में रुपये मांगने, इलाज में आनाकानी करने सहित विभिन्न आरोपों में अब तक 410 अस्पतालों की संवद्धता खत्म की गई है. इसी तरह 97 अस्पतालों को निलंबित करने के साथ ही 68 अस्पतालों का भुगतान रोका गया है. इसके अलावा विभिन्न अस्पतालों पर 3.44 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है.

यह भी पढ़ें : कानपुर में MBBS इंटर्न अस्पताल में कर रही थी बच्चों का चेकअप, अचानक गिरी और मौत; दो महीने बाद ही मिलनी थी डॉक्टरी की डिग्री - KANPUR NEWS

लखनऊ : यूपी सरकार ने प्रदेश भर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत जुड़े निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक नई रणनीति बनाई है. अब किसी भी अस्पताल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना में मरीज से रुपये मांगे या इलाज से इंकार किया तो तत्काल उसकी संबद्धता खत्म कर दी जाएगी.

शासन तक पहुंची थीं शिकायतें: ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए गोपनीय तरीके से जांच भी शुरू कराई गई है. इस संबंध में प्रदेशभर के निजी अस्पतालों को नोटिस भेजते हुए चेतावनी दी गई है. सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को भी निगरानी करने के लिए कहा गया है. दरअसल, प्रदेश में पीएमजेएवाई के तहत पंजीकृत सरकारी एवं निजी अस्पतालों द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लाभार्थियों को उपचार नहीं देने की शिकायतें शासन तक पहुंची हैं. कहीं इलाज शुरू करने से पहले रुपये मांगे जा रहे हैं तो कहीं योजना में पंजीयन होने के बाद भी इलाज से इंकार किया जा रहा है. ऐसे में स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. पूजा यादव ने सभी पंजीकृत अस्पतालों के प्रबंधकों एवं प्रबंध समिति को नोटिस भेजा है. इसमें सख्त चेतावनी दी गई है कि योजना के लाभार्थियों को न सिर्फ उपचार दिया जाए बल्कि योजना के बारे में जागरूक भी किया जाए. किसी ने इलाज से इंकार किया अथवा पैसे लिए तो यह समझा जाएगा कि संबंधित अस्पताल योजना में कार्य करने का इच्छुक नहीं है. ऐसे में तत्काल उस अस्पताल की संबद्धता खत्म कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी अस्पताल में कार्ड होने के बावजूद मरीज को इलाज से इंकार किया तो उसके ऊपर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

13 निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायत: विभागीय सूत्रों की मानें तो विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने करीब 13 निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायत की है. ये अस्पताल एजेंसी के रडार पर हैं. इनकी दो स्तरीय जांच शुरू की गई है. एक तो शिकायत के आधार पर संबंधित शिकायतकर्ता और अस्पताल प्रबंधन का पक्ष लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. दूसरी तरफ शिकायतों की वास्तविकता का अध्ययन करने के लिए गोपनीय तरीके से भी जांच टीम उतारी गई है.

यूपी में हैं सर्वाधिक अस्पताल: उत्तर प्रदेश में पीएमजेएवाई के तहत 2949 सरकारी और 2885 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं. पंजीयन के मामले में देश में यूपी पहले स्थान पर है. नवंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना में प्रदेश के 904785 कर्मचारी और 650259 पेंशनर पंजीकृत हैं.

इन अस्पतालों पर हुई कार्रवाई : प्रदेश में योजना के तहत पंजीकृत किए गए अस्पतालों में रुपये मांगने, इलाज में आनाकानी करने सहित विभिन्न आरोपों में अब तक 410 अस्पतालों की संवद्धता खत्म की गई है. इसी तरह 97 अस्पतालों को निलंबित करने के साथ ही 68 अस्पतालों का भुगतान रोका गया है. इसके अलावा विभिन्न अस्पतालों पर 3.44 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है.

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