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अंबिकापुर में परिसीमन का पेंच से मामला गर्म, वार्डों में मतदाताओं की संख्या में हुआ फेरबदल,जानिए कौन हुआ टाइट ? - Ambikapur Ward delimitation

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 10, 2024, 4:50 PM IST

Ward delimitation of nagar nigam अंबिकापुर में परिसीमन के अंतिम प्रकाशन के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने परिसीमन और वोटर्स को ट्रांसफर करने पर सवाल खड़े किए हैं.कांग्रेस का आरोप है कि परिसीमन की रूपरेखा बीजेपी दफ्तर में बैठकर तैयार की गई.वहीं दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि जिस तरह के आरोप कांग्रेस लगा रही है वो उनकी ही पार्टी का चरित्र है.Congress BJP is accusing each other

Ward delimitation of nagar nigam
वार्डों में मतदाताओं की संख्या में हुआ फेरबदल (ETV Bharat chhattisgarh)

सरगुजा : अंबिकापुर निकाय चुनाव से पहले मंगलवार को शहर की सीमाओं के संबंधित सूचना का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया. निगम के इस प्रारंभिक प्रकाशन के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों में असंतोष फैल गया है. वार्ड की सीमाओं के निर्धारण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस के मुताबिक परिसीमन बिना जनप्रतिनिधियों की जानकारी के सत्ता के दबाव में किया गया है.वहीं बीजेपी का आरोप है कि परिसीमन में उनके साथ छल किया गया है. लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनों के बीच ही हड़कंप है.

कांग्रेस बीजेपी दोनों दल परिसीमन से नाखुश : परिसीमन के अंतिम प्रकाशन के बाद बीजेपी दफ्तर में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया.जहां काफी माथापच्ची हुई.वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पार्षद भी निगम दफ्तर के मेयर चैंबर में इकट्ठा हुए.जिसमें ये शिकायत की गई कि वार्ड के उनकी पार्टी के वोटर्स के नाम को दूसरे वार्ड में डाल दिया गया था. इस विषय पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस पार्षद और मेयर ने काफी समय तक निगम आयुक्त का इंतजार किया.लेकिन आयुक्त मंगलवार शाम तक नहीं पहुंचे.लिहाजा बुधवार को परिसीमन को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी.

Ward delimitation of nagar nigam
अंबिकापुर में परिसीमन का पेंच (ETV Bharat chhattisgarh)
अंबिकापुर में परिसीमन का पेंच से मामला गर्म (ETV Bharat chhattisgarh)

परिसीमन में गड़बड़ियों का आरोप : कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में जिला कांग्रेस कमेटी ने परिसीमन के विरोध में प्रेस वार्ता की और परिसीमन में की गई गड़बड़ियों की विस्तृत जानकारी प्रेस के सामने रखी. इस दौरान कांग्रेस पार्षद दल सहित सभापति, मेयर, लोक निर्माण एवं जल विभाग के प्रभारी भी उपस्थित रहे. नगर निगम सभापति अजय अग्रवाल ने प्रशासन पर सीधा आरोप लगाया है

''जब वार्डो की जनसंख्या 2612 के अनुपात में थी और परिसीमन में कहीं 100 वोट काटे गए और कहीं 1200 वोट जोड़े गए. तो फिर उस वार्ड की जनसंख्या 2612 के अनुपात में कैसे बचेगी. ये गड़बड़ी प्रशासन ने बीजेपी के साथ मिलकर की है"- अजय अग्रवाल,नगर निगम सभापति

अफसरों पर गलत काम करने का आरोप : वहीं नगर निगम के लोक निर्माण विभाग में प्रभारी शफी अहमद ने बताया कि "नवागढ़ वार्ड, जाकिर हुसैन वार्ड, जैसे कई वार्ड में बड़ा हिस्सा शामिल किया गया है तो आबादी 26 सौ की कैसे होगी, ये जांच का विषय है. इसकी शिकायत जिला प्रशासन से करेंगे, लेकिन बीजेपी कभी भी विरोध को सुनती नही है.पहले भी हम लोगों ने गलत काम का विरोध किया है, लेकिन अधिकारियों के ऊपर अनैतिक रूप से दबाव बनाकर उनसे इस तरह का काम कराया जा रहा है.


15 जुलाई तक है दावा आपत्ति का समय : हालांकि अभी परिसीमन के लिए दावा आपत्ति का समय 15 जुलाई तक निर्धारित किया गया है. लेकिन प्रस्तावित परिसीमन में किसी प्रकार का फेरबदल होने की संभावना नहीं दिख रही. यही वजह है कि कई सीटिंग पार्षदों की भी नींद उड़ गई है. इस तरह के परिसीमन से आरोप ये भी लग रहे हैं कि जब किसी वार्ड में पहले से 2600 के अनुपात में मतदाता थे और वहां 600 वोट जोड़े गये हैं. तो इसके बाद भी आबादी का अनुपात 2612 कैसे संभव है.


बीजेपी दफ्तर में तैयार हुई रूप रेखा : कांग्रेस का ये भी आरोप है कि परिसीमन का काम बीजेपी कार्यालय में किया गया. उनके कहने के आधार पर शहर का नक्शा खींचा गया. इसके बाद निगम आकर आयुक्त से हस्ताक्षर कराकर प्रकाशन कर दिया गया. परिसीमन का कार्य वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार किया गया है. लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार परिसीमन का कार्य 2019 में ही हो चुका था. उसके बाद जनगणना का कार्य नहीं हुआ है. 2021 की जनसंख्या का आंकड़ा नहीं आ पाया. पूर्व की भांति 2612 की जनसंख्या को आधार बनाकर 2019 में परिसीमन किया गया था. इस बार भी औसत जनसंख्या वार्डों की 2612 रखी गई है तो फिर परिसीमन कर सीमाओं को छेड़ने की जरूरत क्यों पड़ी. ?

कांग्रेस के आरोप हैं बेबुनियाद : वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी पार्षद आलोक दुबे का कहना है कि "कांग्रेस के लोग परिसीमन का किस मुंह से विरोध कर रहे है. वर्ष 2019 में देवीगंज वार्ड में 1800 मतदाता थे जबकि मदर टेरेसा वार्ड में 4800 मतदाता थे. वर्तमान में जो परिसीमन प्रकाशित हुआ है इसमें कुछ वार्डों में विसगतियां हैं. इसे दावा आपत्ति के दौरान अधिकारियों चर्चा की जाएगी. कांग्रेस अपने 10 साल के कार्यकाल के बाद संभावित हार को देखते हुए अनर्गल आरोप लगा रही है.

''बीजेपी कार्यालय से नक्शा बनने का आरोप बेबुनियाद है. यह चरित्र कांग्रेस का है. वर्ष 2014 और 2019 में परिसीमन किसके निवास में बैठकर किया गया सभी जानते हैं. यह परिसीमन अधिकारियों द्वारा किया गया, हमारे दल के लोगों ने भी नाराजगी जताई है. कलेक्टर, आयुक्त और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर शिकायतों को दूर किया जाएगा"- आलोक दुबे,बीजेपी पार्षद

क्या हैं नए परिसीमन में विसंगतियां : अंबिकापुर नगर निगम में कुल 48 वार्ड हैं. इनमें से कुल 24 वार्ड अनारक्षित, 12 ओबीसी, 10 एसटी और 2 एससी वार्ड रखे गए हैं. वर्ष 2019 में परिसीमन के बाद वार्ड क्रमांक 13 और 45 को एससी रखा गया था. लेकिन इस बार वार्ड क्रमांक 13 मंगल पांडेय वार्ड को अनारक्षित कर दिया गया है जबकि वार्ड क्रमांक 33 रामानुज वार्ड के बाबूपारा में झंझटपारा के मतदाताओं को शामिल कर इस वार्ड को एससी कर दिया गया है. इसी तरह पिछली बार वार्ड क्रमांक 44 एसटी के लिए आरक्षित था जो अब अनारक्षित होने जा रहा है. इंदिरा गांधी वार्ड को पहले दर्रीपारा में शामिल किया गया था. उसे अब फिर से उठाकर केदारपुर की तरफ शामिल कर दिया गया है. इसके साथ ही महापौर डॉ. अजय तिर्की के वार्ड फुंदुर डिहारी सेंट्रल वार्ड क्रमांक 8 में भी शांतिपारा के मतदाताओं को उठाकर वार्ड क्रमांक 4 संत मदर टेरेसा वार्ड में शामिल कर दिया गया है. इस तरह कई वार्डों में विसंगतियां आई है तो कई वार्डों में सीमाएं बदलने से लोग खुश भी नजर आ रहे है.



आपको बता दें कि नगर निगम में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 1 लाख 25 हजार 392 है. इनमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या 5510, अजजा की जनसंख्या 26386 है.जबकि प्रत्येक वार्ड की औसत जनसंख्या वर्ष 2019 के परिसीमन के अनुसार 2612 ही रखी गई है. इसमें एक बड़ा सवाल ये है कि शहर के कई वार्डों की सीमा बदली नहीं गई. लेकिन उस वार्ड में दूसरे वार्डों के मतदाताओं को जोड़ दिया गया है. जिससे उनकी औसत जनसंख्या निश्चित रूप से 3 हजार के ऊपर चली गई है. तो फिर अधिकारी वार्डों की जनसंख्या 2612 रखने की बात किस आधार पर कर रहे है.

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सरगुजा : अंबिकापुर निकाय चुनाव से पहले मंगलवार को शहर की सीमाओं के संबंधित सूचना का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया. निगम के इस प्रारंभिक प्रकाशन के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों में असंतोष फैल गया है. वार्ड की सीमाओं के निर्धारण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस के मुताबिक परिसीमन बिना जनप्रतिनिधियों की जानकारी के सत्ता के दबाव में किया गया है.वहीं बीजेपी का आरोप है कि परिसीमन में उनके साथ छल किया गया है. लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनों के बीच ही हड़कंप है.

कांग्रेस बीजेपी दोनों दल परिसीमन से नाखुश : परिसीमन के अंतिम प्रकाशन के बाद बीजेपी दफ्तर में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया.जहां काफी माथापच्ची हुई.वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पार्षद भी निगम दफ्तर के मेयर चैंबर में इकट्ठा हुए.जिसमें ये शिकायत की गई कि वार्ड के उनकी पार्टी के वोटर्स के नाम को दूसरे वार्ड में डाल दिया गया था. इस विषय पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस पार्षद और मेयर ने काफी समय तक निगम आयुक्त का इंतजार किया.लेकिन आयुक्त मंगलवार शाम तक नहीं पहुंचे.लिहाजा बुधवार को परिसीमन को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी.

Ward delimitation of nagar nigam
अंबिकापुर में परिसीमन का पेंच (ETV Bharat chhattisgarh)
अंबिकापुर में परिसीमन का पेंच से मामला गर्म (ETV Bharat chhattisgarh)

परिसीमन में गड़बड़ियों का आरोप : कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में जिला कांग्रेस कमेटी ने परिसीमन के विरोध में प्रेस वार्ता की और परिसीमन में की गई गड़बड़ियों की विस्तृत जानकारी प्रेस के सामने रखी. इस दौरान कांग्रेस पार्षद दल सहित सभापति, मेयर, लोक निर्माण एवं जल विभाग के प्रभारी भी उपस्थित रहे. नगर निगम सभापति अजय अग्रवाल ने प्रशासन पर सीधा आरोप लगाया है

''जब वार्डो की जनसंख्या 2612 के अनुपात में थी और परिसीमन में कहीं 100 वोट काटे गए और कहीं 1200 वोट जोड़े गए. तो फिर उस वार्ड की जनसंख्या 2612 के अनुपात में कैसे बचेगी. ये गड़बड़ी प्रशासन ने बीजेपी के साथ मिलकर की है"- अजय अग्रवाल,नगर निगम सभापति

अफसरों पर गलत काम करने का आरोप : वहीं नगर निगम के लोक निर्माण विभाग में प्रभारी शफी अहमद ने बताया कि "नवागढ़ वार्ड, जाकिर हुसैन वार्ड, जैसे कई वार्ड में बड़ा हिस्सा शामिल किया गया है तो आबादी 26 सौ की कैसे होगी, ये जांच का विषय है. इसकी शिकायत जिला प्रशासन से करेंगे, लेकिन बीजेपी कभी भी विरोध को सुनती नही है.पहले भी हम लोगों ने गलत काम का विरोध किया है, लेकिन अधिकारियों के ऊपर अनैतिक रूप से दबाव बनाकर उनसे इस तरह का काम कराया जा रहा है.


15 जुलाई तक है दावा आपत्ति का समय : हालांकि अभी परिसीमन के लिए दावा आपत्ति का समय 15 जुलाई तक निर्धारित किया गया है. लेकिन प्रस्तावित परिसीमन में किसी प्रकार का फेरबदल होने की संभावना नहीं दिख रही. यही वजह है कि कई सीटिंग पार्षदों की भी नींद उड़ गई है. इस तरह के परिसीमन से आरोप ये भी लग रहे हैं कि जब किसी वार्ड में पहले से 2600 के अनुपात में मतदाता थे और वहां 600 वोट जोड़े गये हैं. तो इसके बाद भी आबादी का अनुपात 2612 कैसे संभव है.


बीजेपी दफ्तर में तैयार हुई रूप रेखा : कांग्रेस का ये भी आरोप है कि परिसीमन का काम बीजेपी कार्यालय में किया गया. उनके कहने के आधार पर शहर का नक्शा खींचा गया. इसके बाद निगम आकर आयुक्त से हस्ताक्षर कराकर प्रकाशन कर दिया गया. परिसीमन का कार्य वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार किया गया है. लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार परिसीमन का कार्य 2019 में ही हो चुका था. उसके बाद जनगणना का कार्य नहीं हुआ है. 2021 की जनसंख्या का आंकड़ा नहीं आ पाया. पूर्व की भांति 2612 की जनसंख्या को आधार बनाकर 2019 में परिसीमन किया गया था. इस बार भी औसत जनसंख्या वार्डों की 2612 रखी गई है तो फिर परिसीमन कर सीमाओं को छेड़ने की जरूरत क्यों पड़ी. ?

कांग्रेस के आरोप हैं बेबुनियाद : वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी पार्षद आलोक दुबे का कहना है कि "कांग्रेस के लोग परिसीमन का किस मुंह से विरोध कर रहे है. वर्ष 2019 में देवीगंज वार्ड में 1800 मतदाता थे जबकि मदर टेरेसा वार्ड में 4800 मतदाता थे. वर्तमान में जो परिसीमन प्रकाशित हुआ है इसमें कुछ वार्डों में विसगतियां हैं. इसे दावा आपत्ति के दौरान अधिकारियों चर्चा की जाएगी. कांग्रेस अपने 10 साल के कार्यकाल के बाद संभावित हार को देखते हुए अनर्गल आरोप लगा रही है.

''बीजेपी कार्यालय से नक्शा बनने का आरोप बेबुनियाद है. यह चरित्र कांग्रेस का है. वर्ष 2014 और 2019 में परिसीमन किसके निवास में बैठकर किया गया सभी जानते हैं. यह परिसीमन अधिकारियों द्वारा किया गया, हमारे दल के लोगों ने भी नाराजगी जताई है. कलेक्टर, आयुक्त और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर शिकायतों को दूर किया जाएगा"- आलोक दुबे,बीजेपी पार्षद

क्या हैं नए परिसीमन में विसंगतियां : अंबिकापुर नगर निगम में कुल 48 वार्ड हैं. इनमें से कुल 24 वार्ड अनारक्षित, 12 ओबीसी, 10 एसटी और 2 एससी वार्ड रखे गए हैं. वर्ष 2019 में परिसीमन के बाद वार्ड क्रमांक 13 और 45 को एससी रखा गया था. लेकिन इस बार वार्ड क्रमांक 13 मंगल पांडेय वार्ड को अनारक्षित कर दिया गया है जबकि वार्ड क्रमांक 33 रामानुज वार्ड के बाबूपारा में झंझटपारा के मतदाताओं को शामिल कर इस वार्ड को एससी कर दिया गया है. इसी तरह पिछली बार वार्ड क्रमांक 44 एसटी के लिए आरक्षित था जो अब अनारक्षित होने जा रहा है. इंदिरा गांधी वार्ड को पहले दर्रीपारा में शामिल किया गया था. उसे अब फिर से उठाकर केदारपुर की तरफ शामिल कर दिया गया है. इसके साथ ही महापौर डॉ. अजय तिर्की के वार्ड फुंदुर डिहारी सेंट्रल वार्ड क्रमांक 8 में भी शांतिपारा के मतदाताओं को उठाकर वार्ड क्रमांक 4 संत मदर टेरेसा वार्ड में शामिल कर दिया गया है. इस तरह कई वार्डों में विसंगतियां आई है तो कई वार्डों में सीमाएं बदलने से लोग खुश भी नजर आ रहे है.



आपको बता दें कि नगर निगम में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 1 लाख 25 हजार 392 है. इनमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या 5510, अजजा की जनसंख्या 26386 है.जबकि प्रत्येक वार्ड की औसत जनसंख्या वर्ष 2019 के परिसीमन के अनुसार 2612 ही रखी गई है. इसमें एक बड़ा सवाल ये है कि शहर के कई वार्डों की सीमा बदली नहीं गई. लेकिन उस वार्ड में दूसरे वार्डों के मतदाताओं को जोड़ दिया गया है. जिससे उनकी औसत जनसंख्या निश्चित रूप से 3 हजार के ऊपर चली गई है. तो फिर अधिकारी वार्डों की जनसंख्या 2612 रखने की बात किस आधार पर कर रहे है.

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