रांची: इन दिनों झारखंड की राजनीति के केंद्र में बांग्लादेशी घुसपैठ और एनआरसी का मुद्दा छाया हुआ है.इस मुद्दे पर न केवल सियासत जारी है, बल्कि नेताओं के लगातार बयान भी आ रहे हैं. इसी क्रम में बीजेपी और झामुमो नेताओं ने एक बार फिर इन दोनों मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
घुसपैठ और एनआरसी पर बीजेपी मुखर
बीजेपी ने बांग्लादेशी घुसपैठ और एनआरसी को न केवल प्रमुख चुनावी एजेंडा बनाया है, बल्कि संकल्प पत्र में भी इसे समाहित करने का निर्णय लिया है. बीजेपी नेताओं का मानना है कि यह मुद्दा राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा से जुड़ा है. बीजेपी का कहना है कि यदि राज्म में उनकी सरकार बनती है तो निश्चित रूप से झारखंड में एनआरसी लागू करेंगे.
इस संबंध में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग हैं. हमारा स्पष्ट मानना है कि जहां भी घुसपैठ होगा, हम उसे रोकने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के जरिए हम एनआरसी को समाहित करेंगे और यदि हमारी सरकार आती है तो घुसपैठियों को चिन्हित कर खदेड़ने का काम करेंगे.
बीजेपी की विभाजन वाली सोचः झामुमो
बांग्लादेशी घुसपैठ और एनआरसी को लेकर भाजपा नेताओं के लगातार आ रहे बयान पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से पलटवार किया गया है. इस संबंध में झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके लिए झारखंड में कोई एजेंडा ही नहीं है, घुसपैठ की समस्या तो उनके दल के अंदर में है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी की विभाजन वाली सोच है, लेकिन यह सोच झारखंड में नहीं चलेगी. क्योंकि यहां की जनता समुदायिकता में विश्वास करती है. उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि असम में एनआरसी का क्या हुआ, उत्तराखंड में एनआरसी का स्टेटस क्या है उसे भी जनता को भाजपा के लोग बताएं.
दरअसल इनके मेनिफेस्टो में सिर्फ और सिर्फ विभाजन करने की बात होती हैं, लेकिन झारखंड की जनता इसे बखूबी जानती है और समय आने पर माकूल जवाब देने का काम करेगी. बहरहाल, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है बंगलादेशी घुसपैठ का मुद्दा तेज होता जा रहा है.
आखिर क्या है एनआरसी
एनआरसी का पूरा नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ सीटीजन्स है. नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स यानी एनआरसी का उद्देश्य किसी देश या प्रदेश में रहने वाले वास्तविक नागरिकों की पहचान करना और उनका दस्तावेजीकरण करना है. इसका उपयोग नागरिकों और अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी की पहचान करने के लिए किया जाता है.
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