वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर को लेकर पहले से ही मुकदमे अलग-अलग न्यायालय में चल रहे हैं. इस बीच मंगलवार को एक नया मुकदमा दायर हुआ है. यह मुकदमा मथुरा के कथा वाचक कौशल किशोर ठाकुर ने वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रितेश अग्रवाल की अदालत में दाखिल किया है.
इसमें उन्होंने कहा है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर दोहरवार वंश के महाराजा जयचंद की संपत्ति है और उन्होंने ही आदि विश्वेश्वर महादेव काशी विश्वनाथ मंदिर का जीणोद्धार कराया था. उनके वंश का होने के चलते इस केस में उन्हें भी वादी बनाया जाए. हालांकि अभी कोर्ट ने अभी अपील को सुरक्षित रखते हुए इस पर कार्रवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया है.
ज्ञानवापी मामले को लेकर सीनियर जज सिविल डिवीजन और जिला सत्र न्यायालय में मुकदमे चल रहे हैं. अलग-अलग तिथि पर उनकी सुनवाई भी हो रही है. इस बीच मंगलवार को मथुरा के कथा वाचक कौशल किशोर ठाकुर की तरफ से एक अपील दायर करते हुए उन्हें भी मुकदमे में शामिल करने की अपील की गई है.
ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग के पूजा पाठ और राज भोग और धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति मांगते हुए कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने ज्ञानवापी में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका टायर की है.
उनके वकील का कहना है कि कौशल किशोर ठाकुर सनातन धर्म रक्षा पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर हैं और राठौर गढ़वाल वंश से जुड़े हैं. उनकी वंशावली के पूर्वज महाराज जयचंद ने आदि विश्वेश्वर महादेव काशी विश्वनाथ मंदिर सहित सनातन धर्म के अस्तित्व स्थलों के निर्माण और जिम्मेदारी का कार्य करवाया था.
कौशल किशोर श्री कृष्ण जन्मभूमि और आगरा की जामा मस्जिद मामले में भी पक्षकार हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर की सफाई कराकर उसे अतिक्रमणमुक्त कराए जाने की मांग करते हुए उन्होंने कोर्ट में अपील दायर की है. जिसे सुरक्षित रखते हुए इसे सूचीबद्ध करने के लिए न्यायालय ने जल्द सुनवाई के लिए कहा है.
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