सोनीपत : हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट के लिए आज वोटिंग हो रही है. सोनीपत में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. बीजेपी ने जहां मोहन लाल बड़ौली को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को यहां से मैदान में उतारा है.
सोनीपत की टक्कर में कौन ? : सोनीपत से उम्मीदवारों की बात की जाए तो यहां से कुल 34 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था जिसमें से 22 उम्मीदवारों के नामांकन को मंजूर किया गया. वहीं 9 उम्मीदवारों के नामांकन को रिजेक्ट कर दिया गया. यहां से 3 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया और अब कुल 22 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. सोनीपत लोकसभा सीट की अगर बात करें तो इसे हरियाणा का जाटलैंड कहा जाता है. लेकिन बीजेपी ने यहां गैर जाट कार्ड खेलते हुए मोहन लाल बड़ौली को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी के गैर जाट कार्ड को देखते हुए यहां से गैर जाट सतपाल ब्रह्मचारी को मैदान में उतार दिया है. सतपाल ब्रह्मचारी धार्मिक संत भी हैं और हरिद्वार में उनका थानाराम आश्रम है. श्री राधा कृष्णा धाम, श्री दंडी स्वामी जय नारायण धर्मार्थ ट्रस्ट की शाखाएं हैं. हरिद्वार में उनकी थानाराम गौशाला भी है. जींद में भी उनके आश्रम हैं. कांग्रेस का मानना है कि उन्हें ब्राह्मण वोट भी मिलेगा और भूपेंद्र हुड्डा की वजह से जाट वोट भी हासिल होगा. वहीं जननायक जनता पार्टी (JJP) ने यहां से भूपेंद्र सिंह मलिक को मौका दिया है. जबकि इंडियन नेशनल लोकदल यानि इनेलो (INLD) ने अनूप सिंह को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है.
सोनीपत लोकसभा में वोटर्स की तादाद : सोनीपत लोकसभा में अगर मतदाताओं की बात करें तो यहां पर कुल 17,62,354 वोटर्स है जो इस बार लोकसभा चुनाव में अपने वोट का इस्तेमाल करने वाले हैं. इनमें पुरुष वोटर्स की तादाद 9,41,372 है , जबकि 8,20,938 महिला मतदाता है. वहीं सोनीपत लोकसभा में 44 थर्ड जेंडर मतदाता भी शामिल है.
सोनीपत लोकसभा में 2 जिलों की 9 विधानसभा : सोनीपत लोकसभा सीट की अगर बात की जाए तो इसमें 2 जिलों की 9 विधानसभा सीटें आती है. इसमें जींद जिले की जुलाना, सफीदों और जींद विधानसभा सीटें शामिल है, जबकि सोनीपत विधानसभा की गनौर, राय, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बड़ौदा विधानसभा सीटें आती हैं.
सोनीपत लोकसभा का जातिगत समीकरण : सोनीपत लोकसभा के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां 6.10 लाख के करीब जाट वोटर हैं, वहीं रविदास समुदाय के 50 हजार और वाल्मीकि समुदाय के 65 हजार के करीब वोटर्स हैं। इसके साथ ही करीब 1.30 लाख पंजाबी और 2 लाख ब्राह्मण वोट हैं.
सोनीपत लोकसभा सीट का इतिहास: सोनीपत लोकसभा सीट के इतिहास की बात की जाए तो जाटलैंड नाम से मशहूर सोनीपत लोकसभा सीट रोहतक से अलग होने के बाद 1977 में अस्तित्व में आई थी. तब से अब तक इस सीट पर 12 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें यहां की जनता ने 4 बार बीजेपी और 3 बार कांग्रेस को विजयी बनाया है. हालांकि 1984 का चुनाव यहां से सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जब यहां से दिग्गज चौधरी देवीलाल चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन कांग्रेस के नए चेहरे धर्मपाल मलिक ने उन्हें हराकर हरियाणा की राजनीति में तहलका मचा दिया था.
2019 के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ : 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत में 75.8% मतदान दर्ज किया गया था. तब बीजेपी के रमेशचंद्र कौशिक ने 52 प्रतिशत वोटों के साथ कांग्रेस के मौजूदा नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हराया था. तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 37.4 प्रतिशत वोट ही मिल पाए थे.
2024 में कौन मारेगा बाजी ?: जाटलैंड होने के बावजूद इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. 2014 और 2019 में यहां से बीजेपी को जीत मिली है, लेकिन इस बार अगर कांग्रेस का सतपाल ब्रह्मचारी वाला दांव ठीक बैठता है तो बीजेपी को यहां कमल खिलाने में दिक्कत पेश आ सकती है. हालांकि बीजेपी ने यहां से इस बार रमेश चंद्र कौशिक का टिकट काटकर नए उम्मीदवार मोहनलाल बड़ौली को मौका दिया है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि जनता यहां किसे आशीर्वाद देती है और सोनीपत में किसका सिक्का चलता है. इसके लिए आपको 4 जून का इंतज़ार करना होगा जब वोटों की काउंटिंग होगी और ईटीवी भारत हमेशा की तरह आपको देगा सबसे तेज़ और सबसे सटीक नतीजे.
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