जबलपुर। मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा हॉट सीट छिंदवाड़ा है. यहां कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ का भविष्य जुड़ा हुआ है. यहां भारतीय जनता पार्टी ने बंटी साहू को चुनाव मैदान में उतारा. छिंदवाड़ा की जनता ने भी इस चुनाव में बढ़-चढ़कर वोट डाले हैं. हालांकि पिछले चुनाव में भी छिंदवाड़ा की जनता ने इसी तरह वोटिंग की थी. परिणाम नकुलनाथ के पक्ष में आए थे. इस बार जो वोट डाले गए हैं, वह किसके पक्ष में गए, इसका फैसला बाद में होगा लेकिन इस सीट के लिए जोर आजमाइश गजब की दिखी.
छिंदवाड़ा में बीजेपी ने लगारा पूरा जोर, अब नजरें परिणाम पर
जबलपुर के वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे कहते हैं "भारतीय जनता पार्टी ने नकुलनाथ को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े रणनीतिकार अमित शाह बिल्कुल अंतिम दिन तक छिंदवाड़ा में डेरा डाले बैठे रहे. कमलनाथ के सबसे करीबी दीपक सक्सेना को भारतीय जनता पार्टी ने तोड़ लिया. हालांकि छिंदवाड़ा के महापौर ने बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी का दामन धाम लिया था, उन्होंने अंतिम दिन लोगों से कमलनाथ को वोट करने की अपील की. भारतीय जनता पार्टी की रणनीति थी कि कमलनाथ अपनी लोकसभा से बाहर ना निकल पाएं और उन्हें अपने ही घर में उलझा दिया जाए. इसमें तो भारतीय जनता पार्टी कामयाब रही है. अब नकुलनाथ चुनाव हारेंगे या जीतेंगे यह अभी तय नहीं है."
मंडला सीट पर फग्गन सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर
भले ही राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की हो लेकिन कांटे की टक्कर मंडला में है. मंडला से भारतीय जनता पार्टी के पुराने नेता और 4 बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते मैदान में हैं. इन्हें चुनौती दे रहे हैं कांग्रेस के ओंकार सिंह मरकाम. भले ही ओंकार सिंह मरकाम का कद कुलस्ते की अपेक्षा छोटा हो लेकिन मुकाबला तगड़ा है. ओंकार सिंह मरकाम मंत्री रह चुके हैं. फग्गन सिंह कुलस्ते का प्रभाव भी लगातार घट रहा है. क्योंकि वे कुछ दिनों पहले विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. मंडला के 8 विधानसभा क्षेत्र में से भारतीय जनता पार्टी के पास केवल 3 हैं. इसलिए हो सकता है कि भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी नेता इस बार चुनाव में नुकसान में रहें.
जबलपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी दिख रही भारी
जबलपुर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी है. यहां पर 8 विधानसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी के पास हैं. विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अच्छी खासी बढ़त से चुनाव जीता था. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का विधानसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन रहा. लोकसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस की रणनीति बहुत अच्छे तरीके से क्रियान्वित होती नहीं दिखी. चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस का एक भी स्टार प्रचारक चुनाव मैदान में नहीं उतरा. जबलपुर से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं आए. केवल स्थानीय विधायक लखन घनघोरिया और कुछ पूर्व विधायकों ने अपने स्तर पर चुनाव प्रचार किया.
तरुण भनोट सहित क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी गायब दिखे
जबलपुर पश्चिम से कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री रहे तरुण भनोट पूरे चुनाव में कहीं दिखे ही नहीं. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने सुरक्षित सीट होने के बावजूद अपने छोटे नेताओं के साथ ही खुद प्रधानमंत्री को जबलपुर बुला लिया और उनसे रोड शो करवाया. इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रत्याशी आशीष दुबे कह रहे हैं "इस बार के चुनाव परिणाम आश्चर्यजनक होंगे. हम एक रिकॉर्ड बनाते हुए नजर आएंगे." बता दें कि महाकौशल इलाके में भी ये चुनाव कांग्रेस के लिए कठिन था, क्योंकि कांग्रेस के कई नेताओं ने ठीक चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. हालांकि जनता के मन में क्या है, इसका फैसला ऊपरी माहौल को देखकर नहीं किया जा सकता.
महाकौशल की तीन सीटों पर वोटिंग प्रतिशत
- छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर 73.82 फीसदी मतदान
- जबलपुर लोकसभा सीट पर 56.74 फीसदी मतदान
- मंडला लोकसभा सीट पर 68.31 फीसदी मतदान