जयपुर. प्रदेश में लोकसभा चुनाव दो चरणों में होंगे. जयपुर जिले के मतदाता जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण सहित पांच लोकसभा सीटों के लिए मतदान करेंगे. जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण में तो पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को मतदान होगा, लेकिन जयपुर जिले की 19 में से 4 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जो जयपुर शहर या जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र के दायरे में नहीं आती. यहां के वोटर दूसरी लोकसभा सीट के लिए अपना वोट कास्ट करेंगे. इनमें भी दूदू विधानसभा के मतदाताओं का तो मतदान 26 अप्रैल को होगा, क्योंकि दूदू विधानसभा अजमेर लोकसभा सीट के दायरे में आती है. यहां पर दूसरे चरण में मतदान होना है.
जयपुर जिला निर्वाचन अधिकारी का दायरा केवल जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण सीट पर चुनाव कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें तीन अन्य लोकसभा सीटों दौसा, अजमेर और सीकर के कुछ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कराने की भी जिम्मेदारी निभानी होगी. दरअसल, जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण की 19 विधानसभा सीटों में से बस्सी, चाकसू विधानसभा क्षेत्र दौसा लोकसभा सीट में, दूदू विधानसभा अजमेर लोकसभा सीट में और चौमूं विधानसभा सीकर लोकसभा सीट में आती है. ऐसे में जहां जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा और सीकर में पहले चरण में मतदान होगा. वहीं, अजमेर में दूसरे चरण में मतदान होना है. यही वजह है कि जयपुर जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी पांच लोकसभा सीटों के लिए मतदान करने की होगी. ये जिम्मेदारी दोनों चरणों में रहने वाली है. इन चारों ही विधानसभा सीटों पर मतदान करने के लिए कर्मचारी तो जिले के लगेंगे और इसके बाद यहां से ईवीएम को संबंधित लोकसभा क्षेत्र में पहुंचाना होगा.
अलवर जिले की एक विधानसभा सीट बानसूर जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में आती है. ऐसे में वहां मतदान कराने की जिम्मेदारी अलवर जिला निर्वाचन अधिकारी की होगी और उसके बाद वहां से मत पेटियों को जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के मतगणना केंद्र पर लाया जाएगा. इस व्यवस्था से जहां चुनाव कराने वाले कार्मिकों की जिम्मेदारी दोगुनी हो जाएगी, वहीं संबंधित विधानसभा क्षेत्र में ये चर्चा का विषय भी बना हुआ है कि जिस जिले में वो रहते हैं, वहीं के लोकसभा प्रत्याशी को मतदान नहीं कर पाएंगे.