पलामूः 1995 -96 में पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में प्रखंड विकास पदाधिकारी भवनाथ झा की माओवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद से पूरे मनातू का इलाका देश भर में नक्सल हिंसा के लिए चर्चित हो गया था. कई दशक तक यह इलाका नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र रहा है. आज भी यह अतिनक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है.
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मनातू के इलाके में वोटिंग हो रही है. यह इलाका चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. मनातू में जिस जगह प्रखंड विकास पदाधिकारी भवनाथ झा की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या की थी. उस जगह से करीब 400 मीटर की दूरी पर मतदान केंद्र बनाया गया है. सोमवार को वोटिंग को लेकर मनातू के मतदान केंद्र पर अहले सुबह से ही लोगों की लंबी कतार लगी थी.
लोग मतदान को लेकर उत्साहित दिखे और सुबह के नौ बजे तक 30 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है. युवा मतदाता प्रशांत ने बताया कि इलाके का माहौल बदल गया है, नक्सल का खौफ अब नहीं बचा है. ईटीवी भारत ने मनातू के मतदाताओं से बातचीत की. इस दौरान मतदाताओं ने बताया कि इलाके में पानी और पलायन एक बड़ी समस्या है. उन्हें रोजगार चाहिए और खेतों के लिए पानी चाहिए.
पलामू में 326 मतदान केंद्र हैं
चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पलामू का पांकी विधानसभा आता है. पांकी विधानसभा क्षेत्र में 326 मतदान केंद्रों पर 3.11 लाख मतदाता वोटिंग कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार से सटे हुए सीमावर्ती इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान भी शुरू किया गया है. इस सर्च अभियान में कोबरा सीआरपीएफ, जगुआर समेत कई बलों की तैनाती की गई है. पांकी विधानसभा क्षेत्र में 25 कंपनी से भी अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
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