नई दिल्ली: दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से जुटा हुआ है. यह प्रक्रिया चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची को समावेशी बनाने के लिए चलाई जा रही है. दिल्ली में एक माह में 4.8 लाख मतदाताओं ने मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अनुसार, 28 नवंबर 2024 के बाद से 4.85 लाख नए मतदाता पंजीकरण आवेदन प्राप्त हुए हैं. अंतिम मतदाता सूची 6 जनवरी 2025 को प्रकाशित होगी. गलत दस्तावेज जमा कर मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करना दंडनीय अपराध है. ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मतदाता सूची में संशोधन के बाद 6 जनवरी 2025 को मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की जाएगी.''
पुनरीक्षण प्रक्रिया का विवरण:
- 20 अगस्त से 18 अक्टूबर 2024 तक बूथ स्तर के अधिकारियों ने घर-घर जाकर सत्यापन किया, इसका उद्देश्य पात्र नागरिकों को पंजीकृत करना.
- 1 अक्टूबर 2024 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले संभावित मतदाताओं की पहचान करना
- स्थायी रूप से स्थानांतरित या मृत मतदाताओं और डुप्लीकेट प्रविष्टियों को हटाना.
- 29 अक्टूबर 2024 को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की गई, जिसमें दावे और आपत्तियां 28 नवंबर 2024 तक स्वीकार की गई. इन सभी दावों और आपत्तियों का निपटारा 24 दिसंबर 2024 तक कर दिया गया.
नए आवेदन और सुधार 29 नवंबर 2024 से अब तक:
- 4,85,624 नए पंजीकरण (फॉर्म-6)
- 82,450 नाम विलोपन (फॉर्म-7)
- 1,71,385 संशोधन आवेदन (फॉर्म-8)
नोट: मतदाता पंजीकरण के लिए फॉर्म-6, संशोधन के लिए फॉर्म-8 और विलोपन के लिए फॉर्म-7 का उपयोग किया जा सकता है.
गलत दस्तावेजों पर सख्ती: मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची में कई प्रविष्टियां या गलत दस्तावेज जमा करना 1950 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 17 और 18 के तहत दंडनीय अपराध है. हाल ही में, ओखला विधानसभा क्षेत्र में 8 व्यक्तियों के खिलाफ झूठे दस्तावेज जमा करने पर एफआईआर दर्ज की गई है.
राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील: मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान 5 बैठकों में राजनीतिक दलों से युवा मतदाताओं (18-19 वर्ष) के पंजीकरण को बढ़ावा देने का आग्रह किया गया. किसी भी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में दर्ज होने के बाद ही वह मतदान कर सकता है.
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