दुमका: बीआरसी भवन जरमुंडी में असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए भारत साक्षरता मिशन द्वारा चलाए गए कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवक शिक्षकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हो गया. इस दौरान स्वयंसेवक शिक्षकों को असाक्षरों को साक्षर करने की जानकारी दी गई. प्रशिक्षण में 160 स्वयंसेवक शिक्षकों ने भाग लिया था.
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवक शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया गया था. प्रशिक्षण समाप्ति के उपरांत बीइइओ मोहम्मद जमालुद्दीन ने सभी स्वयंसेवक शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप अपने केंद्रों का सुचारू रूप से संचालन करें और असाक्षरों को साक्षर करें.
जरमुंडी प्रखंड में 1600 असाक्षरों को साक्षर बनाने का है लक्ष्य
वहीं नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रखंड प्रभारी सह बीआरपी लक्ष्मण राउत ने बताया कि जरमुंडी प्रखंड में 1600 असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए 160 स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग दी गई है. इस दौरान सभी स्वयंसेवक शिक्षकों ने अनुशासित ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रशिक्षण में मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई.
15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बनाया जाएगा साक्षर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सभी स्वयंसेवक शिक्षकों को 15 वर्ष और 15 वर्ष से अधिक के उम्र के असाक्षर लोगों को साक्षर बनाना है. सभी स्वयं सेवक शिक्षक अपने-अपने केंद्रों का सुचारू रूप से संचालन करेंगे.
ट्रेनरों ने स्वयंसेवक शिक्षकों को दी महत्वपूर्ण जानकारी
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रखंड के मास्टर ट्रेनर प्रदीप कुमार, रिंकू कुमारी, सदाशिव प्रसाद, माधव चंद्र मांझी, अनिल मंडल, दिग्विजय नारायण प्रसाद आदि ने स्वयंसेवक शिक्षकों को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. वहीं इस मौके पर प्रखंड के शिक्षक अंसार आलम ने उल्लास एप के विषय में विस्तार पूर्वक बताया. उन्होंने काफी सहज और सरल तरीके से उल्लास एप के विषय में स्वयंसेवक शिक्षकों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी.
प्रशिक्षण को सफल बनाने में इनका रहा अहम योगदान
प्रशिक्षण को सफल बनाने में बीआरपी सह प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी वकील चंद्र यादव, आशुतोष कुमार, राजेश कुमार, संतोष सिन्हा, अनिल कुशवाहा, निरंजन मंडल, सुनीता कुमारी, चंदन हरि, भागवत पंडित, मोहन हांसदा, जेम्स मुर्मू और बीआरसी के सभी कर्मियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.
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