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कमलनाथ का किला ढहाते ही शहडोल के कंकाली माता मंदिर पहुंचे विवेक बंटी साहू, जानिए क्या है यहां का कनेक्शन - Vivek Bunty in Kankali Temple Shahdol

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गये हैं. मध्य प्रदेश में भाजपा ने इस बार क्लिन स्वीप किया है. 44 सालों से नाथ परिवार का गढ़ रही छिंदवाड़ा सीट भी भाजपा ने जीत ली है. विवेक बंटी साहू ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को हरा दिया. छिंदवाड़ा विजय के बाद रात में ही विवेक बंटी साहू शहडोल के प्रसिद्ध कंकाली मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे.

BUNTY SAHU WORSHIPED SAHDOL IN KANKALI TEMPLE
शहडोल के कंकाली माता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे विवेक बंटी साहू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 5:25 PM IST

शहडोल। लोकसभा चुनाव-2024 का रिजल्ट आ गया है. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपने कमाल के प्रदर्शन से एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल कर ली. पिछले चुनाव में भाजपा कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा जीतने से असफल रही थी. इस बार बीजेपी ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी और भाजपा कमलनाथ के किले को ढहाने में सफल भी रही. छिंदवाड़ा से भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को हरा दिया. जीत दर्ज करते ही बंटी साहू, शहडोल जिले के कंकाली माता मंदिर में मां कंकाली की पूजा-अर्चना करने पहुंच गये.

BUNTY SAHU WORSHIPED SAHDOL IN KANKALI TEMPLE
विवेक बंटी साहू ने कंकाली मंदिर में की पूजा अर्चना (ETV Bharat)

कंकाली माता के दर्शन करने पहुंचे बंटी साहू

छिंदवाड़ा से जीत दर्ज करने के बाद विवेक बंटी साहू रात में ही शहडोल जिले में स्थित कंकाली माता मंदिर में दर्शन करने के लिए निकल गये थे. जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अंतरा गांव में स्थित कंकाली माता मंदिर वे दर्शन करने के लिए पहुंचे. विवेक बंटी ने सुबह-सुबह ही वहां विधि-विधान से विशेष पूजा-अर्चना की और फिर माता के द्वार पर मत्था टेका. इसके बाद वह वहां से वापस निकल गये.

कमलनाथ के किले को ढहाया

इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार कमलनाथ के किले को ढहाने में कामयाबी हासिल कर ही ली. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बंटी विवेक साहू ने नकुल नाथ को 1,13,618 वोटों से हराया. बंटी विवेक साहू को जहां 6,44,738 वोट मिले, तो वहीं नकुलनाथ को 5,31,120 वोट मिले. नकुलनाथ की इस हार से 44 साल से नाथ परिवार का छिंदवाड़ा में जीत का सिलसिला भी थम गया.

VIVEK BUNTY SAHU DEFEATED NAKULNATH IN CHHINDWARA
कंकाली माता मंदिर में पूजा के बाद साथियों के साथ विवेक साहू (ETV Bharat)

कंकाली मंदिर में नेताओं की विशेष आस्था

शहडोल जिले में स्थित कंकाली माता मंदिर में नेताओं की अटूट आस्था है. स्थानीय नेता तो अपने हर छोटे-बड़े कामों में माता के दर्शन के लिए पहुंचते ही हैं, वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब भी शहडोल आते हैं कंकाली माता के दर्शन किये बिना नहीं लौटते. इतना ही नहीं प्रदेश के बड़े-बड़े दिग्गज नेता कंकाली माता के मंदिर में अर्जी लगा चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया कंकाली माता के दर्शन कर चुके हैं. इनके अलावा मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह, बाबूलाल गौर और उमा भारती जैसे नेता भी कंकाली माता के दर्शन कर चुके हैं. आज भी जब कोई बड़ा नेता जिले में आता है तो कंकाली मां के दर्शन जरूर करता है.

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सिद्ध माता हैं कंकाली माता

शहडोल जिले के अंतरा गांव में स्थित कंकाली माता मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है. यहां विराजमान कंकाली माता सिद्ध माता हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि, कंकाली माता के दर्शन करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. यहां दूर-दूर से लोग अपनी अर्जी लगाने पहुंचते हैं. इतिहासकार रामनाथ परमार बताते हैं कि 'नौवीं-दशवीं शताब्दी में कलचुरी नरेशों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. पहले यह 64 योगिनी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध था. राजा युवराज देव प्रथम और राजा कर्ण देव के आचार्य ने यहां 64 योगिनियों की स्थापना कराई थी. पहले यहां समय-समय पर तांत्रिक इकट्ठा हुआ करते थे. कालांतर में जब मंदिर ध्वस्त हो गया तो 64 योगिनियों की मुर्तियां इधर-उधर हो गई. लगभग 20 मूर्तियां धुबेला म्यूजियम में स्थापित की गई हैं. 5 मुर्तियां कोलकाता म्यूजियम में रखी गई हैं. बाकी बची हुई मूर्तियां यहीं पर स्थापित हैं'.

शहडोल। लोकसभा चुनाव-2024 का रिजल्ट आ गया है. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपने कमाल के प्रदर्शन से एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल कर ली. पिछले चुनाव में भाजपा कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा जीतने से असफल रही थी. इस बार बीजेपी ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी और भाजपा कमलनाथ के किले को ढहाने में सफल भी रही. छिंदवाड़ा से भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को हरा दिया. जीत दर्ज करते ही बंटी साहू, शहडोल जिले के कंकाली माता मंदिर में मां कंकाली की पूजा-अर्चना करने पहुंच गये.

BUNTY SAHU WORSHIPED SAHDOL IN KANKALI TEMPLE
विवेक बंटी साहू ने कंकाली मंदिर में की पूजा अर्चना (ETV Bharat)

कंकाली माता के दर्शन करने पहुंचे बंटी साहू

छिंदवाड़ा से जीत दर्ज करने के बाद विवेक बंटी साहू रात में ही शहडोल जिले में स्थित कंकाली माता मंदिर में दर्शन करने के लिए निकल गये थे. जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अंतरा गांव में स्थित कंकाली माता मंदिर वे दर्शन करने के लिए पहुंचे. विवेक बंटी ने सुबह-सुबह ही वहां विधि-विधान से विशेष पूजा-अर्चना की और फिर माता के द्वार पर मत्था टेका. इसके बाद वह वहां से वापस निकल गये.

कमलनाथ के किले को ढहाया

इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार कमलनाथ के किले को ढहाने में कामयाबी हासिल कर ही ली. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बंटी विवेक साहू ने नकुल नाथ को 1,13,618 वोटों से हराया. बंटी विवेक साहू को जहां 6,44,738 वोट मिले, तो वहीं नकुलनाथ को 5,31,120 वोट मिले. नकुलनाथ की इस हार से 44 साल से नाथ परिवार का छिंदवाड़ा में जीत का सिलसिला भी थम गया.

VIVEK BUNTY SAHU DEFEATED NAKULNATH IN CHHINDWARA
कंकाली माता मंदिर में पूजा के बाद साथियों के साथ विवेक साहू (ETV Bharat)

कंकाली मंदिर में नेताओं की विशेष आस्था

शहडोल जिले में स्थित कंकाली माता मंदिर में नेताओं की अटूट आस्था है. स्थानीय नेता तो अपने हर छोटे-बड़े कामों में माता के दर्शन के लिए पहुंचते ही हैं, वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब भी शहडोल आते हैं कंकाली माता के दर्शन किये बिना नहीं लौटते. इतना ही नहीं प्रदेश के बड़े-बड़े दिग्गज नेता कंकाली माता के मंदिर में अर्जी लगा चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया कंकाली माता के दर्शन कर चुके हैं. इनके अलावा मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह, बाबूलाल गौर और उमा भारती जैसे नेता भी कंकाली माता के दर्शन कर चुके हैं. आज भी जब कोई बड़ा नेता जिले में आता है तो कंकाली मां के दर्शन जरूर करता है.

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सिद्ध माता हैं कंकाली माता

शहडोल जिले के अंतरा गांव में स्थित कंकाली माता मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है. यहां विराजमान कंकाली माता सिद्ध माता हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि, कंकाली माता के दर्शन करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. यहां दूर-दूर से लोग अपनी अर्जी लगाने पहुंचते हैं. इतिहासकार रामनाथ परमार बताते हैं कि 'नौवीं-दशवीं शताब्दी में कलचुरी नरेशों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. पहले यह 64 योगिनी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध था. राजा युवराज देव प्रथम और राजा कर्ण देव के आचार्य ने यहां 64 योगिनियों की स्थापना कराई थी. पहले यहां समय-समय पर तांत्रिक इकट्ठा हुआ करते थे. कालांतर में जब मंदिर ध्वस्त हो गया तो 64 योगिनियों की मुर्तियां इधर-उधर हो गई. लगभग 20 मूर्तियां धुबेला म्यूजियम में स्थापित की गई हैं. 5 मुर्तियां कोलकाता म्यूजियम में रखी गई हैं. बाकी बची हुई मूर्तियां यहीं पर स्थापित हैं'.

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