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77वें महाराणा के रूप में विश्वराज सिंह मेवाड़ का 25 नवंबर को होगा राजतिलक - VISHWARAJ SINGH CORONATION

मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में विश्वराज सिंह का चित्तौड़ दुर्ग के फतेह प्रकाश महल में 25 नवंबर को राजतिलक होगा.

VISHWARAJ SINGH CORONATION
विश्वराज सिंह मेवाड़ का 25 नवंबर को होगा राजतिलक (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 20, 2024, 4:12 PM IST

उदयपुर : पूर्व सांसद व पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ को परंपरानुसार राजगद्दी पर विराजने का दस्तूर पूरा किया जाएगा. इस कार्यक्रम का आयोजन 25 नवंबर को शाही परंपरा के अनुसार होगा. वहीं, मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में विश्वराज सिंह का चित्तौड़ दुर्ग के फतेह प्रकाश महल में राजतिलक होगा. महाराणा विक्रमादित्य के राजतिलक के 493 साल बाद चित्तौड़ दुर्ग में मेवाड़ के महाराणा की गद्दी पर बैठने की परंपरा का निर्वहन होगा. इसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और इस राजतिलक कार्यक्रम के हजारों लोग साक्षी बनेंगे.

जानें कैसे निभाई जाएगी राजतिलक की परंपरा : मेवाड़ के महाराणा की गद्दी पर बैठने के लिए राजतिलक का परंपरागत उत्सव होता है. वहीं, विश्वराज सिंह का आगामी 25 नवंबर को राजतिलक होगा. सोमवार को सुबह 10 बजे चित्तौड़ दुर्ग के फतह प्रकाश महल में इसका आयोजन होगा. राजतिलक परंपरा के अनुसार सलूंबर रावत देवव्रत सिंह राजतिलक की पंरपरा निभाएंगे. उसके बाद उमराव, बत्तीसा व अन्य सरदार के साथ ही सभी समाजों के प्रमुख लोग नजराना करेंगे. कार्यक्रम के बाद रैली के रूप में उदयपुर सिटी पैलेस में धूणी दर्शन होगा.

इसे भी पढ़ें - पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ पंचतत्व में विलीन, लोगों ने नम आखों से दी विदाई, अंतिम दर्शन करने पहुंचे सीएम

उसके बाद वहां से एकलिंगनाथ मंदिर जाने की परंपरा है, जहां भगवान एकलिंगनाथ के आशीर्वाद से पंडितों द्वारा महाराणा का शोक भंग करवा करके रंग बदला जाता है. फिर महाराणा सफेद की जगह रंग वाली पाग पहनेंगे. उसके बाद शाम को समोर बाग पैलेस में रंग दस्तूर कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें महाराणा अपने परिवारजनों व सभी उमरावों और बत्तीसा को रंग सौंपते हैं, ताकि सभी ठिकानेदार रंग वाली मेवाड़ी पाग पहन सकें.

मेवाड़ के सभी समाजों के हजारों लोग बनेंगे साक्षी : पूर्व महाराज रणधीर सिंह भींडर ने बताया कि करीब 40 साल बाद मेवाड़ की राजगद्दी के लिए महाराणा के राजतिलक की पंरपरा का निर्वहन होने जा रहा है. यह उत्सव मेवाड़ के सभी समाजजनों व साधु-संतों की मौजूदगी में होगा. इसमें मेवाड़ के सभी ठिकानेदार पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे. वहीं, विभिन्न राजपरिवारों के मुखिया भी इस कार्यक्रम में शरीक होंगे. इसके अलावा राजनीतिक, सांस्कृतिक, शिक्षा व अन्य क्षेत्रों के शख्सियत भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.

इसे भी पढ़ें - मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के मुखिया महेंद्र सिंह का निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह का उनके स्वर्गीय पिता महाराणा महेंद्र सिंह के निधन के बाद आगामी 25 नवंबर को राजतिलक होगा. ऐसे में वो मेवाड़ के 77वें महाराणा होंगे. विश्वराज सिंह का जन्म 18 मई, 1969 को महाराणा प्रताप जयंती के दिन महाराणा महेंद्र सिंह और महारानी निरुपमा कुमारी के यहां हुआ. उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. वे अभी नाथद्वारा से विधायक हैं और उनकी पत्नी महारानी महिमा कुमारी राजसमंद से सांसद हैं. वहीं, महेंद्र सिंह मेवाड़ का 10 नवंबर, 2024 को अनंता मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान निधन हो गया था.

उदयपुर : पूर्व सांसद व पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ को परंपरानुसार राजगद्दी पर विराजने का दस्तूर पूरा किया जाएगा. इस कार्यक्रम का आयोजन 25 नवंबर को शाही परंपरा के अनुसार होगा. वहीं, मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में विश्वराज सिंह का चित्तौड़ दुर्ग के फतेह प्रकाश महल में राजतिलक होगा. महाराणा विक्रमादित्य के राजतिलक के 493 साल बाद चित्तौड़ दुर्ग में मेवाड़ के महाराणा की गद्दी पर बैठने की परंपरा का निर्वहन होगा. इसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और इस राजतिलक कार्यक्रम के हजारों लोग साक्षी बनेंगे.

जानें कैसे निभाई जाएगी राजतिलक की परंपरा : मेवाड़ के महाराणा की गद्दी पर बैठने के लिए राजतिलक का परंपरागत उत्सव होता है. वहीं, विश्वराज सिंह का आगामी 25 नवंबर को राजतिलक होगा. सोमवार को सुबह 10 बजे चित्तौड़ दुर्ग के फतह प्रकाश महल में इसका आयोजन होगा. राजतिलक परंपरा के अनुसार सलूंबर रावत देवव्रत सिंह राजतिलक की पंरपरा निभाएंगे. उसके बाद उमराव, बत्तीसा व अन्य सरदार के साथ ही सभी समाजों के प्रमुख लोग नजराना करेंगे. कार्यक्रम के बाद रैली के रूप में उदयपुर सिटी पैलेस में धूणी दर्शन होगा.

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उसके बाद वहां से एकलिंगनाथ मंदिर जाने की परंपरा है, जहां भगवान एकलिंगनाथ के आशीर्वाद से पंडितों द्वारा महाराणा का शोक भंग करवा करके रंग बदला जाता है. फिर महाराणा सफेद की जगह रंग वाली पाग पहनेंगे. उसके बाद शाम को समोर बाग पैलेस में रंग दस्तूर कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें महाराणा अपने परिवारजनों व सभी उमरावों और बत्तीसा को रंग सौंपते हैं, ताकि सभी ठिकानेदार रंग वाली मेवाड़ी पाग पहन सकें.

मेवाड़ के सभी समाजों के हजारों लोग बनेंगे साक्षी : पूर्व महाराज रणधीर सिंह भींडर ने बताया कि करीब 40 साल बाद मेवाड़ की राजगद्दी के लिए महाराणा के राजतिलक की पंरपरा का निर्वहन होने जा रहा है. यह उत्सव मेवाड़ के सभी समाजजनों व साधु-संतों की मौजूदगी में होगा. इसमें मेवाड़ के सभी ठिकानेदार पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे. वहीं, विभिन्न राजपरिवारों के मुखिया भी इस कार्यक्रम में शरीक होंगे. इसके अलावा राजनीतिक, सांस्कृतिक, शिक्षा व अन्य क्षेत्रों के शख्सियत भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.

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मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह का उनके स्वर्गीय पिता महाराणा महेंद्र सिंह के निधन के बाद आगामी 25 नवंबर को राजतिलक होगा. ऐसे में वो मेवाड़ के 77वें महाराणा होंगे. विश्वराज सिंह का जन्म 18 मई, 1969 को महाराणा प्रताप जयंती के दिन महाराणा महेंद्र सिंह और महारानी निरुपमा कुमारी के यहां हुआ. उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. वे अभी नाथद्वारा से विधायक हैं और उनकी पत्नी महारानी महिमा कुमारी राजसमंद से सांसद हैं. वहीं, महेंद्र सिंह मेवाड़ का 10 नवंबर, 2024 को अनंता मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान निधन हो गया था.

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